वर्ष - 30
अंक - 41
09-10-2021


स्मार्ट सिटी बनने जा रही बिहार की राजधानी पटना में गरीबों के वास-आवास और जान पर अभी से ही एक नया खतरा मंडराने लगा है. यह नया खतरा है – मेट्रो निर्माण के नाम पर गरीबों को उजाड़ने का अभियान.

इस सिलसिले की शुरूआत करते हुए विगत 5 अक्टूबर को मलाही पकड़ी में मेट्रो निर्माण के लिए गरीबों की झुग्गी-झोपड़ियों को जबरन हटाने गयी पुलिस ने भीषण  लाठीचार्ज किया जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गए. घायल मजदूर राजेश ठाकुर की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना से आक्रोशित सैकड़ों शहरी गरीबों ने 6 अक्टूबर की सुबह मृतक राजेश ठाकुर के शव को मलाही पकड़ी चौक पर रख कर धरना देना शुरू कर दिया. भाकपा(माले), ऐक्टू व भाकपा नेताओं के नेतृत्व में चौक को गरीबों ने जाम कर दिया और सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. शहरी गरीब मोर्चा व भाकपा(माले) के नेताओं अशोक कुमार, पन्नालाल सिंह, उमेश शर्मा तथा पुनीत पाठक, और भाकपा नेताओं विश्वजीत, मोहन प्रसाद, रामलला सिंह, जितेंद्र आदि ने उनका नेतृत्व किया.

धरना पर बैठे लोग स्मार्ट सिटी और मेट्रो रेल चलाने के नाम पर बगैर कोई वैकलिपक व्यव्यस्था किए गरीबों की झुग्गियों को उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे.

झुग्गी-झोपड़ी वासी शहरी गरीबों के आंदोलन की खबर पाते ही भाकपा(माले) विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम और ऐक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार भी मलाही पकड़ी चौक स्थल पर पहुंचे और उक्त मांगों को लेकर वे भी धरना पर बैठ गए.

माले विधायक महबूब आलम के पहुंचते ही गरीबों का जोश दुगुना हो गया. वहां मौजूद एसडीओ पटना सदर व पुलिस अधिकारियों से हुई वार्ता में मृतक के परिजनों को 5 लाख रु. मुआवजा देने (4 लाख रुपये जिला प्रशासन की ओर से व एक लाख रुपये श्रम विभाग की असंगठित कामगार योजना के तहत), कबीर अंत्योष्टि योजना के तहत तत्काल 20 हजार रुपये तथा 3 हजार रुपये तुरत देने, दोषी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, मृतक राजेश के परिजन को नगर निगम में नौकरी देने आदि मांग पर बनी सहमति के बाद आंदोलन समाप्त हुआ और मृतक राजेश का शरीर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.

मलाही पकड़ी चौक पर हुए धरना को माले विधायक दल नेता महबूब आलम, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, शहरी गरीब मोर्चा नेता अशोक कुमार, भाकपा नेता विश्वजीत, जानकी पासवान, प्रमोद प्रभाकर आदि ने संबोधित किया.

कामरेड महबूब आलम ने कहा कि सरकार गरीबों की सिर्फ झोपड़ी ही नहीं उजाड़ रही बल्कि उनकी लाश पर स्मार्ट सिटी बनाने पर अमादा है. यह अन्याय किसी भी सूरत में हमे मंजूर नहीं. दो महीना पहले डीएम ने मलाही पकड़ी के गरीबों को कंकड़बाग खेल परिसर के बगल बसाने का जो समझौता किया था, वह क्यों नहीं लागू हुआ? राजेश ठाकुर की हत्या जान-बूझकर की गई ताकि गरीब दहशत में आ जायें औ सरकार के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करें. ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने कहा कि बगैर वैकल्पिक व्यवस्था किए गरीबों को उजाड़ने का अभियान पूरी तरह से गरीब विरोधी है. नेताओं ने सम्बोधित करते हुए गरीबों से एकता बनाये रखने और मिल-जुलकर कर आंदोलन करने का आह्वान किया.

Killing of poor