केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के वाइजाग स्टील प्लांट का निजीकरण किए जाने के निर्णय से संयंत्र के कर्मियों सहित प्लांट के लिए जिन लोगों की जमीनें अधिग्रहित की गई थीं, उन लोगों के परिवारों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है और वे प्लांट के मुख्य प्रवेश द्वार चौक पर 35 दिनों से धरनारत हैं.
विरोध स्वरूप किए जा रहे इस धरना-प्रदर्शन में कर्मियों के साथ ही अधिकारियों की भी भागीदारी देखी जा रही है. इस आंदोलन को तमाम केंद्रीय ट्रेडयूनियनों सहित 22 श्रमिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है. यही नहीं, सरकार के इस निर्णय के मद्देनजर संयंत्र के लिए जिन किसानों से जमीन अधिग्रहित की गई थीं, उनके परिवार वालों में भी बेहद नाराजगी है और उन्होंने संयंत्रा में स्थायी नौकरी अथवा किसानों को जमीन वापस करने की मांग भी उठा दी है.
इसी परिप्रेक्ष्य में भिलाई, छत्तीसगढ़ से सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू) के महासचिव श्याम लाल साहू, राष्ट्रीय सचिव बृजेन्द्र तिवारी और गौतम दास साहू तथा आन्ध्र प्रदेश ऐक्टू के सत्यनारायण व वासुदेव राव ने वाइजाग पहुंचकर आंदोलन को समर्थन देते हुए धरना-प्रदर्शन को संबोधित किया. उन्होंने धरना स्थल में उपस्थित कर्मियों का हौसला अफजाई करते हुए मोदी सरकार द्वारा तानाशाही तरीके से सेल सहित विभिन्न सेक्टरों के निजीकरण किए जाने की योजना की तीखी निंदा की और सरकार को घोर श्रमिक व कर्मचारी विरोधी करार दिया.
उन्होंने कहा कि यह संयंत्र 24 हजार एकड़ में फैला हुआ है और स्थानीय किसानों की जमीन पर स्थापित है और जनता के खून-पसीने से सींचा गया है. इसलिए इस संयंत्र पर पहला हक उन किसानों, उसे लगातार अपने श्रम से मुनाफे की स्थिति में पहुंचाने वाले कर्मियों और जनता का है, किंतु यह सरकार बड़ी ही ढिठाई व निर्लज्जता से किसानों व श्रमिकों के खून-पसीने से सिंचित इस संयंत्र को अपने कार्पाेरेट मित्रों को पानी के मोल बेच देने पर आमादा है. अगर ऐसा हुआ तो खरीदने वाले कार्पाेरेट घराने के तो वारे-न्यारे होंगे, किंतु कर्मियों के साथ ही उनसे जुड़े तमाम लोगों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.
सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू) भिलाई के महासचिव श्याम लाल साहू ने कहा कि वस्तुतः ये सरकार अपने किए गए तमाम वादों के एकदम उलट काम कर रही है और बीते 7 सालों में अपने कुप्रबंधन व कार्पाेरेट-परस्त नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुकी है और अब उन्हीं कार्पाेरेट घरानों के साथ मिलकर पब्लिक प्राॅपर्टी को ही लूटने व बेचने में लगी हुई है. इसलिए आज किसी भी उपक्रम पर आंच आने से पहले देश के तमाम सेक्टरों के कर्मियों और श्रम-संघों को इस लूट व मुनापफे की सौदेबाजी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है जिसमें ऐक्टू का पूर्ण समर्थन है.
ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव बृजेंद्र तिवारी ने कहा कि आज देश में लूट और झूठ का राज चल रहा है और सरकार अपनी गलत नीतियों से देश को कंगाल बनाकर कोरोना काल की आड़ में देश के मुनाफा कमाने वाले तमाम प्रतिष्ठानों को बेच देने में लगी हुई है जिसका पुरजोर विरोध करने की जरूरत है.
सभा को सीएसडब्ल्यू (ऐक्टू) भिलाई के वर्किंग कमेटी सदस्य गौतम दास साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि जब सरकार की नीयत इस कदर खराब हो चुकी है, तब हमें अपने पूर्वजों के खून-पसीने से सिंचित उपक्रमों को बचाने और आने वाली पीढ़ी की बेहतरी के लिए पूरी एकजुटता के साथ जान की बाजी तक लगाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.