वर्ष - 29
अंक - 50
12-12-2020


मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों व बिजली बिल 2020 के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान को लागू कराने के लिए भाकपा;मालेद्ध के कार्यकर्ता मंगलवार को पूरे देश में सड़कों पर उतरे.

बिहार में कस्बों तक भारत बंद का असर

किसान विरोधी तीनों काले कानूनों के विरोध में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से आहूत भारत बंद को अखिल भारतीय किसान महासभा व अन्य किसान, मजदूर, छात्र-नौजवान, महिला व कर्मचारी संगठनों व भाकपा(माले), भाकपा, माकपा, राजद, कांग्रेस व अन्य राजनीतिक पार्टियों का पुरजोर समर्थन मिला.

भारत बंद का बिहार के विभिन्न इलाकों में सुबह से ही असर देखा गया. माले कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया और नेशनल हाइवे जामकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया.

सुबह में ही दरभंगा के लहेरिया सराय स्टेशन पर आज तीन काले कृषि कानूनों की वापसी, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों के खरीद की गारंटी करने आदि मांगों पर कलकत्ता-जयनगर गंगासागर एक्सप्रेस को रोका गया. दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर गंगा सागर एक्सप्रेस को भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष शिवन यादव, आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस कुमार, भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य देवेंद्र कुमार, लोकल सचिव किशुन पासवान, हरिश्चन्द्र पासवान, अमर पासवान, राजेश पासवान, अरूण कामति, विनोद पासवान आदि नेताओं के नेतृत्व में ट्रेन का परिचालन बाधित किया गया. सहरसा में कृषि कानून वापसी को लेकर भाकपा(माले) के युवा नेता चंदन कुमारु यादव, खेग्रामस राष्ट्रीय पार्षद विक्की राम आदि नेताओं ने नन्दलाली स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया है, जिससे सहरसा-सुपौल ट्रेन का परिचालन बाधित हुआ है. हायाघाट में भी माले कार्यकर्ताओं ने रेल रोकी.

भोजपुर में मोपती बाजार स्थित मेला मोड़ पर किसान अन्दोलन के समर्थन में भाकपा-माले व अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क जाम में उतरे. कामता प्रसाद सिंह, मुहरम अंसारी, ददन राम, देवमून राम, उपेन्द्र सिंह यादव, गणेश, मंटू, सुनील राम, संजय, युवा नेता दीपक कुमार तथा रितु राज आदि नेताओं का बंद का नेतृत्व किया. गड़हनी, चरपोखरी, सहार आदि ग्रामीण इलाकों में भी बंद का व्यापक असर दिखा. गड़हनी में माले कार्यकर्ताओं ने आरा-सासाराम स्टेट हाइवे को जाम कर बंद को सफल बनाया. आइसा नेताओं ने इसाढ़ी बाजार में बंद का नेतृत्व किया. जगदीशपुर में भी आइसा नेताओं ने नयकाटोला को जाम करके सभा आयोजित की और भारत बंद को सफल बनाया. आरा शहर में इनौस नेताओं ने जुलूस निकाला.

नालंदा के हिलसा में भी माले व राजद के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और फतुहा-इस्लामपुर रोड को कई स्थानों पर जाम कर दिया. जहानाबाद में भी माले-राजद कार्यकर्ताओं ने गया-पटना रोड को जाम कर दिया. बंद समर्थकों ने एनएच 83 और एनएच 110 को जाम कर दिया. जहानाबाद के काको मोड़ पर सड़क जाम के दौरान बंद समर्थकों ने कई ट्रकों को रोका और कृषि बिल के विरोध में नारेबाजी की. अरवल में विधायक महानंद सिंह के नेतृत्व में पटना-औरंगाबाद रोड को जाम किया गया.

31

 

समस्तीपुर के ताजपुर में उच्च पथ को गांधी चौक के पास जाम करके परिचालन बाधित हुआ. माले, किसान महासभा, राजद व आइसा नेताओं ने पूसा प्रखंड के सैदपुर पुल पर दरभंगा-समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रोड को जाम किया. बेगूसराय में माले व आइसा नेताओं ने नेशनल हाइवे 31 को पूरी तरह जाम कर दिया. दरभंगा में आइसा कार्यकर्ताओं ने ललित नारायण मिथिला विवि, संस्कृत विवि सहित शहर के कॉलेजों को बंद कराया. मोतिहारी में भी बन्द का व्यापक असर दिखा. माले कार्यकर्ताओं ने एनएच 28 को जाम कर मुजफ्फरपुर से यूपी और नेपाल को जोड़ने वाली सड़क पर आवागमन ठप्प कर दिया. मुजफ्फरपुर के मुशहरी, बोचहां आदि प्रखंडों में सड़क जाम हुआ और हरसिभा चौक पर सभा आयोजित की गई. गया जिला में मुख्यालय व टिकारी में बंद का व्यापक असर रहा. दरभंगा में ट्रेन परिचालन बाधित करने के उपरांत माले कार्यकर्ताओं ने तारालाही चौक को भी घंटो जाम रखा. पूर्णिया के रूपौली में राज्य पथ 65 माले कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में विशाल मार्च का आयोजन किया.

सिवान शहर में पार्टी केंद्रीय कमिटी के सदस्य नईमुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में गुठनी चौराहा जाम किया गया. पूर्व विधायक अमरनाथ यादव सहित सैंकड़ों की संख्या में माले कार्यकर्ता शामिल हुए. सुपौल में माले कार्यकर्ताओं ने लोहिया नगर चौक को जाम कर वहां सभा आयोजित की. मधेपुरा के चौसा में बंद का जोरदार असर दिखा.

पटना में स्टेशन परिसर के नजदीक स्थित बुद्धा स्मृति पार्क से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से भारत बंद कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कार्यक्रम का नेतृत्व किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेता व विधायक सुदामा प्रसाद, वरिष्ठ नेता केडी यादव, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, कृपानारायण सिंह आदि नेताओं ने किया.

भाकपा(माले) के राज्य सचिव कुणाल, भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडे, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, आशा कार्यकर्ताओं की नेता शशि यादव, फुलवारी विधायक व खेग्रामस के बिहार राज्य सचिव गोपाल रविदास, रसोइया संघ की नेता सरोज चौबे, ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर व रणविजय कुमार, वरिष्ठ माले नेता राजाराम, मुर्तजा अली आदि नेतागण भी मार्च में शामिल थे. एसयूसीआईसी, आइसा, इनौस, ऐपवा के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. अखिल भारतीय किसान सभा-केदार भवन और अखिल भारतीय किसान सभा-जमाल रोड के सचिव क्रमशः अशोक कुमार और सोने लाल प्रसाद, एटक नेता अजय कुमार, राजद नेता देवमुनि यादव, बबन यादव, सीटू नेता गणेश सिंह आदि नेताओं ने सभा को संबोधित किया और इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का संकल्प दुहराया.

डाकबंगला चौरहा को बंद समर्थकों ने चारों तरफ से घेर लिया और फिर वहां एक सभा आयोजित की गई. इस दौरान बंद समर्थक तीनों काले कानून बंद वापस लो, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लो, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन वापस लो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी करो, अंबानी-अडानी की दलाल सरकार मुर्दाबाद, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करो, मोदी सरकार होश में आओ - खेती-किसानी नीलाम करना बंद करो आदि नारे लगा रहे थे. सभा का संचालन ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने की.

डाकबंगला चौराहा पर सभा को विधायक सुदामा प्रसाद, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, किसान महासभा के नेता उमेश सिंह, भाकपा(माले) विधायक गोपाल रविदास ने संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है. किसान, मजदूर, छात्र-नौजवान सब मिलकर मोदी सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं. जब तक ये काले कानून वापस नहीं होते, यह आंदोलन जारी रहेगा.

भाकपा(माले) विधायक संदीप सौरभ व किसान नेता दिलीप ओझा ने पालीगंज और राजेश गुप्ता ने बिहटा (पटना), किसान महासभा के नेता दिनेश यादव व भाकपा(माले) नेता अरूण यादव हिलसा और किसान महासभा के जिला सचिव पालबिहारी लाल व रामदेव चौधरी ने बिहारशरीफ (नालंदा) में बंद का नेतृत्व किया. किसान महासभा के नेता कमलेश मानव ने शेखपुरा में बंद का नेतृत्व किया. बक्सर में किसान महासभा के जिला संयोजक किशोरी प्रसाद (धनसोई), भाकपा(माले) विधायक अजित कुशवाहा (डुमरावं), किसान महासभा के अलख नारायण चौधरी व वीरेंद्र सिंह (ब्रह्मपुर व केशठ) ने बंद का नेतृत्व किया.

वाम दलों व संगठनों के नेताओं-शंभु शरण सिंह (भाकपा-माले), नवल किशोर सिंह (भाकपा), राजद के सूरज यादव (राजद), नागेश्वर यादव (माकपा), शिवसागर शर्मा (किसान महासभा) व बाबू साहेब (आइसा) ने जमुई में बंद को सफल बनाया. वैशाली में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव, अरविंद चौधरी, सुमन कुमार, ज्वाला, उमेश राय व अन्य नेताओं की अगुआई में भारत बंद हुआ. किसान महासभा के नेता जनार्दन सिंह ने औरंगाबाद के दाउदनगर में बंद का नेतृत्व किया.  

अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव रामाधार सिंह व विधायक रामबलि यादव ने जहानाबाद, किसान महासभा के नेता शंभु नाथ मेहता, मनोहर लाल व अन्य नेताओं ने पटना सिटी, भाकपा(माले) के जिला सचिव जय नारायण यादव ने त्रिवेणीगंज (सुपौल), किसान महासभा के नेता विनोद कुशवाहा ने जगदीशपुर (भोजपुर), भाकपा(माले) के जिला सचिव दिवाकर प्रसाद और किसान नेता बैजू सिंह ने बेगूसराय में भारत बंद का नेतृत्व किया. कैमूर, रोहतास, गया, अरवल, पूर्णिया, भागलपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान, गोपालगंज में भी बंद अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा(माले) के नेताओं ने भारत बंद को सफल बनाया.

up

उत्तर प्रदेश में भारी पैमाने पर गिरफ्तारियां

राजधानी लखनऊ में पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव सहित कई नेताओं को पुलिस ने परिवर्तन चौक से बंद के समर्थन में मार्च निकालते हुए गिरफ्तार कर लिया. उनके साथ माले के जिला प्रभारी रमेश सेंगर, राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य, ऐपवा नेता कामरेड मीना, आइसा राज्य सचिव शिवा रजवार, आरवाईए नेता राजीव गुप्ता, ऐक्टू जिला संयोजक मधुसूदन मगन, एडवोकेट कामिल सहित दर्जनों कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए. सभी को पुलिस गाड़ियों में भरकर ईको गार्डेन ले गयी.

प्रयागराज (इलाहाबाद) में उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम कार्यालय के सामने से मार्च निकालते भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड रामजी राय, जिला प्रभारी डा. कमल उसरी, प्रदीप ओबामा व अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आजमगढ़ में वरिष्ठ माले नेता व किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण, पार्टी की राज्य स्थायी समिति के सदस्य ओमप्रकाश सिंह व अन्य नेता बंद समर्थक जुलूस की अगुवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिये गए. बलिया के सिकंदरपुर में माले नेता व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, पार्टी के जिला सचिव लाल साहब सहित दर्जनों कार्यकर्ता बंद में भाग लेते हुए गिरफ्तार किये गए. गाजीपुर में भाकपा(माले) की राज्य स्थायी समिति के सदस्य व जिला सचिव रामप्यारे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बंद की अपील करते हुए मार्च निकालने पर गिरफ्तार कर लिये गए. गोरखपुर में माले जिला सचिव राजेश साहनी, ऐपवा जिलाध्यक्ष जगदम्बा, सचिव मनोरमा सहित वाम दलों के नेता पुलिस लाइन के सामने स्थित माले जिला कार्यालय से बंद के समर्थन में जुलूस निकालते हुए गिरफ्तार कर लिये गए. मथुरा में भारत बंद के समर्थन में जिला मुख्यालय पर सड़क जाम करने पर भाकपा(माले) जिला प्रभारी नसीर साह एडवोकेट व अन्य वामपंथी नेता पुलिस से झड़प के बाद गिरफ्तार कर लिये गए. बाद में सभी को रिहा कर दिया गया.

मिर्जापुर के मड़िहान तहसील मुख्यालय के निकट सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थक माले कार्यकर्ताओं के जुलूस को प्रशासन ने रोक दिया. कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर सभा की और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा. जुलूस का नेतृत्व माले नेता शशिकांत कुशवाहा, राज्य कमेटी सदस्य जीरा भारती व अन्य नेताओं ने किया. कानपुर में मार्च में शामिल माले व वाम दल के कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए. इसके अलावा, बंद के समर्थन में रायबरेली, देवरिया, सीतापुर, जालौन, मऊ, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सोनभद्र, महराजगंज, बस्ती, बांदा, अयोध्या )फैजाबाद), मुरादाबाद, मैनपुरी, कुशीनगर आदि जिलों में भी माले सहित वाम दलों ने धरना-प्रदर्शन व सभा की. इसके पहले, भारत बंद के मद्देनजर कई जिलों में प्रशासन ने आधी रात से ही माले नेताओं की गिरफ्तारी व घर पर ही नजरबंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी. मंगलवार सुबह 11 बजे तक बनारस, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर, सीतापुर, गोरखपुर व पीलीभीत में पार्टी व जनसंगठनों के कई नेताओं को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया और कईयों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया.

इनमें अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा (जमानिया, गाजीपुर), केंद्रीय कमेटी सदस्य मो. सलीम (मिर्जापुर), अनिल पासवान (जिला सचिव, चंदौली), अर्जुनलाल (जिला सचिव, सीतापुर), राजेश वनवासी (राज्य कमेटी सदस्य, गाजीपुर), ओमप्रकाश पटेल, भक्त प्रकाश श्रीवास्तव (किसान महासभा, मिर्जापुर), हरिद्वार प्रसाद (गोरखपुर), कामरेड नगीना (पीलीभीत) व गौरव सिंह (जौनपुर) शामिल हैं.

बनारस के पार्टीजिला सचिव का. अमरनाथ को पुलिस ने आधी रात हिरासत में लिया और सिंधौरा (बनारस) थाने लाकर बैठा दिया.

ud

उदयपुर में वाम दलों-किसानों का संयुक्त मार्च

किसानों और किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान के समर्थन मे वाम दलों, बीटीपी, किसान संगठनों, श्रमिक संगठनों, सामाजिक-लोकतांत्रिक संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से मार्च निकाला गया. यह मार्च टाउन हॉल से शुरू करके बापू बाजार, धान मंडी, दिल्ली गेट होते हुए उदयपुर कलक्टर कार्यालय तक गया. मार्च में सैकड़ां कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की और नए कृषि विधेयकों को वापस लेने, एमएसपी पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने, फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी करने, निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बिजली बिल 2020 वापस लेने और मंडियों के निजीकरण के विरोध मे नारे लगाए. बहुत से दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानों को बंद रखा. इसके बाद कलेक्टर कार्यालय पर विरोध सभा आयोजित की गयी.

विरोध सभा को किसान सेना के नेता रूपलाल डांगी, भाकपा(माले) की केंद्रीय कमिटी सदस्य और ऐपवा की राज्य सचिव प्रोफेसर सुधा चौधरी, माकपा के शहर सचिव राजेश सिंघवी, इंटक के प्रदेश महासचिव और कांग्रेस नेता जगदीश श्रीमाली, मुस्लिम महासंघ के नेता मोहम्मद सिद्दीकी, ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी, एमसीपीआई की लीला देवी, प्रकृति मानव संस्थान के नेता ऋद्धिकिरण ने संबोधित किया. सभा का संचालन सौरभ नरुका और पवन बेनीवाल ने किया. इस मौके पर नगर निगम पार्षद और डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष राजेंद्र वसीठा, मानव अधिकार कार्यकर्ता रिंकू परिहार, आइसा की नीतू परिहार, बहुजन क्रांति मोर्चा के बाबूलाल गवरी, डॉक्टर अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव अधिवक्ता पीआर साल्वी, प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया, प्रोफेसर लालूराम पटेल, अधिवक्ता ललित मीणा, अश्विनी पालीवाल, रितेश यादव, सुरेश मीणा, गोविंद कलासुआ, गौतम मीणा, बादल आदि मौजूद थे.

jk

झारखंड में किसान-मजदूर साथ-साथ उतरे

केंद्र के नए कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में भाकपा(माले) और किसान संगठनों के सैकड़ों लोग भारत बंद में सडकों पर उतरे. वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने सुबह 8 बजे से ही मोटरसाइकिल रैली निकाल कर आम नागरिकों से बंद को सफल बनाने की अपील करनी शुरू कर दी. उन्होंने मेन रोड, सर्जना चौक, राजेंद्र चौक कांटा टोली चौक, लालपुर, कचहरी, अपर बाजार होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पर लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की. ‘अंबानी से यारी, किसानों से गद्दारी, नहीं चलेगी’, ‘किसान विरोधी  काला कृषि कानून वापस लो’, ‘किसान मजदूर की है आवाज, बंद करो कंपनी राज’ के जोशीले नारों के साथ महेंद्र सिंह भवन से बंद का मुख्य जुलूस निकला जो रांची शहर के मुख्य मार्गों का भ्रमण करते हुए आखिर में अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा जहां मुख्य सड़क को जाम कर घंटों प्रदर्शन किया गया. इसमें जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, मोहन दत्ता, मिथिलेश तिवारी, अनिल  कुमार सिंह, निखिलेश, वसीम खान, आकाश रंजन, रूपक राग, सोहैल, तरुण, सरिता तिग्गा, सनम लोहरा, सीमा कोरिया, एनामुल हक, आईती तिर्की, नंदिता भट्टाचार्य, भीम साहू, नौरीन अख्तर एवं अन्य शामिल थे. पूरे झारखंड में बंद का व्यापक असर रहा. सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे एवं ट्रांसपोर्टिंग, कोयला डिस्पैच, लघु उद्योग एवं आवागमन ठप रहा. भाकपा(माले) राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने बंद को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार बंद की चेतावनी को समझे और तीनां कृषि कानूनों को वापस ले.