पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद द्वारा संचालित शाहजहांपुर के कालेज के छात्रावास से कानून की छात्रा के गायब हो जाने के मामले ने प्रदेश की योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्नाव की पीड़िता अभी न्याय की बाट ही जोह रही थी कि शाहजहांपुर के प्रकरण ने उन्नाव कांड के दुहराव जैसी आशंकाओं को बरबस जेहन में ला दिया है. गायब युवती के पिता की शिकायत पहले दर्ज करने के बजाय पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के लिए स्वामी चिन्मयानंद की पांच करोड़ की फिरौती की एफआईआर पहले दर्ज करने की पुलिसिया कार्रवाई से यही संकेत मिलता है कि शुरुआत में यहां भी पुलिस-प्रशासन ‘ऊपरी दबाव’ में काम कर रहा था और प्रभावशाली नेता को बचाना चाहता था.
धमकी भरा वीडियो वायरल होने के बाद से ही छात्रा का हाॅस्टल से गायब हो जाना और चार दिन बाद भी खोज-खबर न मिलना भारी चिंता का विषय है. खासतौर से तब और भी, जब चिन्मयानंद के खिलाफ यौन शोषण का एक अन्य मामला पहले से चल रहा है.