भाकपा(माले) ने पंजाब के मानसा शहर में सूर्य पैलेस सभागार में विशाल राजनीतिक जन सम्मेलन आयोजित किया. इस सम्मेलन में पंजाब समेत समूचे देशवासियों से भाजपा एवं आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे हिंदू राष्ट्रवादी उन्माद, चरम भ्रष्टाचार और मनुस्मृति के ब्राह्मणवादी विधान के खिलाफ उठ खड़े होने का आह्वान किया गया. इस सम्मेलन में यह बात जोरदार ढंग से उभर कर आई कि मोदी सरकार हमारे देश को अम्बानी, अडानी तथा अन्य कारपोरेट घरानों को बेच देने पर तुली पड़ी है और इसी के परिणामस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति तबाही के कगार पर पहुंच गई है. इसके फलस्वरूप ही बेरोजगारी भयानक रूप से बढ़ गई है. बेरोजगारी से सताये हुए पंजाब के नौजवान न सिर्फ खुदकुशी की राह पर चल पड़े हैं बल्कि बड़े पैमाने पर विदेशों में प्रवास भी कर रहे हैं.
इस सम्मेलन को सम्बोधित करने वालों में भाकपा(माले) की पालिट ब्यूरो सदस्य का. कविता कृष्णन, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम के राष्ट्रीय नेता विजय प्रताप, जम्हूरी अधिकार सभा के महासचिव प्रोफेसर जगमोहन सिंह, नवां पंजाब पार्टी के नरिंदर सिंह संधू, पंजाब सांझीवाल जत्था के सुमेल सिद्धू, मुस्लिम फ्रंट के हंसराज, भारतीय दलित अकादमी के तीरथ तोगड़िया, सीपीआई(एम-एल) लिबरेशन पंजाब के कामरेड राजविंदर राणा, पास्टर सैमुअल, विंदर सिंह अलख आदि शामिल थे. सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कविता कृष्णन ने कहा कि मोदी सरकार से सवाल पूछने वालों को देशद्रोही कहकर डराया-धमकाया जा रहा है.
सम्मेलन में कामरेड भगवंत सिंह समाओं द्वारा प्रस्ताव पेश किये गये जिसे सभी भागीदारों ने हाथ खड़े करके समर्थन देते हुए पारित किया. सम्मेलन के अध्यक्षमंडल में पंजाब किसान यूनियन के राज्य अध्यक्ष रुल्दू सिंह मानसा, मैडम मनजीत कौर औलख, मजदूर मुक्ति मोर्चा के राज्य अध्यक्ष भगवंत सिंह समाओं, बलदेव सिंह अदलीवाला, परमजीत जज्जीवना शामिल थे.
इस मौके पर कामरेड नछत्तर सिंह खीवा, नरभिंदर सिंह, हरभगवान भीखी, किसान नेता गोरा सिंह भैणीबाघा, गुरनाम सिंह भीखी, एडवोकेट बलकरन सिंह बल्ली, हरबंस मांगट, कामरेड जसवीर कौर नत्त, नरिंदर कौर बुरज हमीरा, आइसा नेता प्रदीप गुरू, गोविंद छाजली, सुखविंदर रतिया आदि नेता हाजिर थे. मंच के संचालन की जिम्मेवारी कामरेड सुखदरशन नत्त और गुरमीत नंदगढ़ ने संभाली. कार्यक्रम में कलाकारों ने इन्कलाबी गीत पेश किये.