बिहार के बेगूसराय जिले के डंडारी थाना अध्यक्ष द्वारा बांक के महादलितों व माले नेताओं को झूठे मुकदमे में फंसाये जाने के खिलाफ सैका प्रभारी से मिलकर रंगदारी का केश कर दिया. इस विरोध मार्चड़ों माले कार्यकर्ताओं ने 30 अगस्त 2019 को डंडारी प्रखण्ड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया.
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माले के राज्य कमिटी सदस्य सह जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि डंडारी थानेदार बांक के महादलितों और माले कार्यकर्ताओं पर दर्जन भर झूठे मुकदमे दर्ज कर सामंती ताकतों के इशारे पर महादलितों पर जुल्म कर रहे हैं. किसी भी घटना की छानबीन किये बिना मनमाने ढंग से अनुसंधान कर एक मुकदमे से दूसरे मुकदमे में गम्भीर धारा लगाकर आरोपित किया जा रहा है, जो गलत है. पार्टी जिला प्रशासन व सरकार से मुकदमा वापस लेने, पुलिसिया दमन व गिरफ्तारी पर रोक लगाने, उजाड़े गए भूमिहीन गरीबों को सरकारी जमीन आवास अविलंब देने की मांग करती है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सभी पंचायतों की सरकारी जमीन को भूस्वामी-अपराधी-दबंग लोगों से मुक्त कर गरीब परिवारों के बीच वितरण करे.
उन्होंने आरोप लगाया कि नीतिश-मोदी सरकार दलित-अल्पसंख्यक महिलाओं को वासभूमि न्याय सुरक्षा देने मे विफल रही है. नल जल योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं. उन्होंने मांग की कि बिहार को अकाल प्रभावित राज्य घोषित कर किसानों के सभी तरह के सरकारी कर्ज माफ किये जायें. उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर वर्षाे से बसे आदिवासी-दलित-अल्पसंख्यकों को उजाड़ा जा रहा है. भाजपा सरकार जल-जंगल-पहाड़ और राष्ट्रीय खनिज सम्पदा को देशी विदेशी कंपनियां कारपोरेट के हाथों सौंप रही है. अतः जमीन-जीविका-रोजगार बचाने के लिए आन्दोलन तेज करने की जरूरत है. कामरेड नूर आलम ने कहा बजरंग दल व संघ परिवार के गुंडों ने निर्दाेष इंसानों की हत्या कर देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बर्बाद किया है. इस तरह की घटना पर रोक लगाना चाहिए और दोषियों कड़ी सजा दी जाए. प्रदर्शन को इन्द्रदेव राम, रामविलास रजक, अमरजीत पासवान, जगन सदा, अशरफी पासवान, विमल पासवान, रत्नमाला देवी, मुन्नी देवी ने भी संबोधित किया. धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता रामविलास रजक ने की और सात सूत्री मांगपत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया.