भाकपा(माले) राज्य सचिव का. सुधाकर यादव के नेतृत्व में चल रही आदिवासी अधिकार व न्याय यात्रा 26-27 अगस्त को मिर्जापुर जिले के जमालपुर प्रखंड के चौकिया, डूंड़ी, मनौर, तियरा आदि गांवों में गयी. गरीबों ने जगह-जगह पर यात्रा का स्वागत किया और अपने दुःख-दर्द को साझा किया. इन गावों में अधूरे निर्मित आवास व शौचालय योगी सरकार में हो रही सरेआम लूट को बयां कर रहे थे. इन गांवों में हुई जनसभाओं को संबोधित करते हुए कामरेड सुधाकर यादव ने कहा कि मोदी और योगी की सरकार लूट और झूठ की सरकार है. एक तो यह सरकार पहले से बनी सरकारी योजनाओं के बजट में बड़े पैमाने पर कटौती कर रही है, ऊपर से ‘कोढ़ में खाज’ की स्थिति यह है कि शौचालय से लेकर आवास के पैसे में घूसखोरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जमालपुर के गांवों में बड़ी संख्या में लोग भठ्ठा मजदूरी करते हैं. इनके लिए कानूनी सुरक्षा योजना नहीं है. इनके चिकित्सा, कार्यस्थल पर शुद्ध पेयजल और शौचालय और बच्चों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. हम इन सवालों पर लगातार लड़ रहे हैं. किंतु सरकार सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां बियार जाति की अच्छी तादाद है जो आमतौर पर भट्ठा व कृषि मजदूर है. जिनका सामाजिक स्तर दलितों से भी बदतर है।बियार समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल करने की यहां की लोकप्रिय मांग है किंतु इसको लागू करने के बजाए भाजपा सिर्फ शोसेबाजी कर रही है.
28 अगस्त को यात्रा चंदौली के विभिन्न गांवों से होकर चकिया प्रखंड मुख्यालय पहुंची. वहां धरना देकर प्रखंड विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में आवास, शौचालय में भ्रष्टाचार, मनरेगा में किए गए काम की बकाया मजदूरी का भुगतान प्रमुख था. प्रखंड कार्यालय पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए का. सुधाकर यादव ने कहा कि इस क्षेत्र के आदिवासियों ने वनाधिकार कानून के तहत अपने अधिकारों के लिए दावे के आवेदन पत्र दाखिल किए थे. किंतु, प्रशासन ने एकतरफा निर्णय लेते हुए इस समाज को उनके मूल अधिकारों से वंचित कर दिया. यह घोर अन्याय है. सरकार से हमारी मांग है कि वनाधिकार अधिनियम के तहत संपूर्ण आदिवासी समुदाय के दावे के लिए प्रशासन अभियान चलाये व उनके आवेदन की कमियों को दूर कराये. सरकार को जनता के पक्ष में खड़ा होना चाहिए न कि वन विभाग के. का. श्रीकांत बिंदु की अध्यक्षता में हुई सभा को जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा, राज्य कमेटी सदस्य अनिल पासवान आदि लोगों ने भी संबोधित किया.
29-31 अगस्त 2019 को यात्रा मिर्जापुर के राजगढ़ व पटेहरा प्रखंड के कई गांवों में गई. वहां लोगों के साथ संवाद आयोजित किया गया. राजगढ़ के अमदहा, मधई मार, घरको व कलवारी गांवों में भी जनता ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया. इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जमीनों के कागज़ों में हेराफेरी की गई है. गोपालपुर जुड़िया में कांग्रेस के नेता ललितेश्वर त्रिपाठी की ट्रस्ट व गुरुदेव नगर गढ़वा मठ के पास हजारों एकड़ जमीन है. कलवारी में जनसभा भी हुई जिसे संबोधित करते हुए का. सुधाकर ने कहा कि हमारी यात्रा सरकार को आईना दिखाने के लिए है. जमीन हड़पने का खेल पूरे सोन इलाके में हुआ है. हम जमीन के प्रश्न पर लड़ेंगे.
पटेहरा के अमोई व जमुई में पटेल जाति के जमींदारों की दबंगई है। यहां के गांवों में पटेलों ने ग्राम सभा व सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है. बेगारी व गुलामी के लिए दबाव बनाने हेतु आदिवासियों व दलितों की बस्तियों को घेर रखा है. यहां पार्टी इसके खिलाफ मजबूती से गरीबों के हक में लड़ रही है. यहां यात्रा में कामरेड जीरा भारती साथ में रही तथा सभाओं को संबोधित किया.
1 से 3 सितंबर तक यह यात्रा हलिया व लालगंज प्रखंड के विभिन्न गांवों में गयी. इस इलाके में पार्टी का सघन काम है. यहां की यात्रा में पार्टी राज्य कमेटी के सदस्य का. सुरेश कोल शामिल रहे. यहां वन विभाग का उत्पीड़न चरम पर है. अभी भी वनभूमि से आदिवासियों की बेदखली जारी है. दर्जनों भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं पर वन विभाग व प्रशासन द्वारा फर्जी आपराधिक मुकदमे दर्ज कराये गये हैं. किंतु यहां पर लोग संघर्ष में डटे हैं. इस समूचे क्षेत्र में वनाधिकार कानून नहीं लागू किया गया है. आदिवासियों के द्वारा जमा किए आवेदनों को प्रशासन ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. प्रशासन व वन विभाग की मिलीभगत से अवैध खनन का कारोबार चल रहा है जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है. सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय गरीबों को उजाड़ने में लगी है. इस यात्रा को लेकर गरीबों में उत्साह है. यहां यात्रा के दौरान कई गांवों में सभा और कार्यकर्त्ता बैठकें भी आयोजित की गईं.