हजारीबाग जिले के रेलीगढ़ा में विगत 26 जुलाई 2019 को 28वां शहादत संकल्प दिवस मनाया गया. इस अवसर पर रेलीगढ़ा कांटा घर से एक रैली निकाली गई जिसमें हजारीबाग जिला सचिव पच्चू राणा, डाडी प्रखंड़ कमेटी के सोहराय किस्कू, रामप्रवेश गोप, रुपा बेसरा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. प्रदर्शनकारी नारा लगा रहे थे ‘रेलीगढ़ा के शहीदों रामप्रसाद राम, गंगा राम, लखन मांझी, बुधुवा मांझी, चैतो मांझी, महा मांझी, पफेकू प्रजापति को लाल सलाम’. इसके अलावा प्रदर्शन में श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूर विरोधी नीति लाने वाली मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए वन कानून संशोधन बिल 2019 वापस लेने, रेलवे व ट्रेनों को निजीकरण बंद करने, नई शिक्षा नीति वापस लेने, मनरेगा कानून लागू करने तथा हजारीबाग-रामगढ़ जिला को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई. जुलूस रेलीगढ़ा फुटबाल मैदान में श्रद्धांजलि सभा स्थल पर पहुंचा जहां भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता कामरेड कालेश्वर गोप ने झंडात्तोलन किया और रेलीगढ़ा के शहीदों के साथ भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड डी.पी. बक्शी एवं मार्क्सवादी समन्वय समिति के संस्थापक ए. के. राय के निधन पर दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई. संकल्प सभा की अध्यक्षता सोहराय किस्कू एवं संचालन कालेश्वर रजवार ने किया. सभा को सम्बोधत करते हुए भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य देवकीनंदन बेदिया ने कहा कि भाजपा की पहले से ज्यादा ताकत से वापसी के चलते विपक्ष की शक्तियां फासीवादी ताकत के सामने आत्मसमर्पण कर रही हैं. इसका मुकाबला भाकपा-माले को करना है. हमें आम जनता के बीच जाकर गरीबों मजदूरों को संगठित करते हुए उनके जन मुद्दे पर संघर्ष तेज करना है. गांव-गांव, मुहल्ला-मुहल्ला, वैचारिक रूप से वर्ग संघर्ष को तेज करना होगा.