आल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआइपीएफ) उत्तर प्रदेश में अपने संघटक रिहाई मंच के मो. शोएब, राजीव यादव एवं समाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय, आईआईटी मुंबई के पूर्व प्रोफेसर राम पुनियानी सहित सभी गिरफ्तार साथियों की उ.प्र. पुलिस द्वारा पुनः गिरफ्तारी की कड़ी भर्त्सना करता है और मांग करता है कि तत्काल गिरफ्तार साथियों को रिहा किया जाए. एआइपीएफ की राष्ट्रीय परिषद की भिलाई में चल रही बैठक में प्रस्ताव लिया गया कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार जिस तरह से लोकतांत्रिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा रही है इसे तत्काल रोका जाए और सरकार प्रदेश में जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बंद करे.
बैठक में इस बात पर भी गहरा अफसोस जाहिर किया गया कि भाजपा सरकार द्वारा लिए जा रहे दमनकारी कार्रवाईयों पर उत्तर प्रदेश के भीतर विपक्ष खामोश है और लगता है उसने योगी सरकार के दमनात्मक शासन के खिलाफ पूर्णतः आत्मसमर्पण कर दिया है.
एआइपीएफ राष्ट्रीय परिषद उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में दमनात्मक कार्यवाहियों पर तत्काल रोक लगाए, रिहाई मंच के नेताओं, प्रसिद्ध समाजसेवी संदीप पांडेय एवं अन्य गिरफ्तार लोगों को तत्काल रिहा किया जाए और प्रदेश में लोकतांत्रिक कार्रवाईयों के प्रति दमनात्मक रवैये पर रोक लगाए.
– गिरिजा पाठक, एआइपीएफ की ओर से