झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के धतकाडीह गांव में संगठित भीड़ ने चोरी का झूठा आरोप लगाकर नौजवान तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस ‘लिंचिंग’ हत्याकांड ने भाजपा राज के खिलाफ न्यायपसंद ताकतों के विक्षोभ को देश और प्रदेश की सड़कों पर ला दिया है. सोशल साईट पर इस कांड की वायरल हुई वीडियो में सबने देखा कि 18 जून को कट्टर हिंदुत्ववादी उन्मादी हिंसक भीड़ तबरेज से ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाते हुए उसकी जानलेवा पिटाई कर रही है. कई घंटों बाद पुलिस ने आकर गंभीर रूप से घायल अवस्था में उसे उठाकर जेल में डाल दिया! 22 जून को तबरेज की मौत ने वर्तमान भाजपा राज में अब तक हुए 17 ‘माॅब लिंचिंग’ कांडों के मृतकों की संख्या में एक और नाम जोड़ दिया.
26 जून को तबरेज़ अंसारी समेत सभी 18 लिंचिंग कांडों के खिलाफ माले, एआईपीएफ, अवामी इंसाफ मंच झारखंड व पसमांदा मुस्लिम महाज की पहल पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से राजभवन के समक्ष नागरिक प्रतिवाद के तहत विशाल महाधरना दिया गया. इसके माध्यम से 8 सूत्री विशेष मांगपत्र देकर राज्यपाल महोदया से सरकार पर दबाव डालने की अपील की गई. महाधरना में कई मुस्लिम सामाजिक संगठनों व भारी संख्या में मुस्लिम युवाओं के अलावा अन्य वामपंथी दलों व ट्रेड यूनियनों, कांग्रेस, झामुमो, झविमो तथा आम आदमी पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं समेत आदिवासी संगठनों और कई प्रमुख सामाजिक संगठनों के लोगों ने सक्रिय तौर पर भाग लिया.
महाधरना को संबोधित करते हुए माले सचिव का. जनार्दन प्रसाद ने स्पष्ट तौर से कहा कि उक्त सारे जघन्य कांड किसी स्वतःस्फूर्त भीड़ द्वारा ‘लिंचिंग’ नहीं है. ये भाजपा-संघ परिवार के एजेंडे को अमली जामा पहनाने के ही तहत बड़े ही सुनियोजित-सुविचारित ढंग से किए जा रहें हैं. जिसका कारगर और प्रभावी मुकाबला एक लंबी लड़ाई की तैयारी, व्यापक दायरे की एकजुटता तथा समाज में जारी अन्य जन आंदोलनों से जोड़कर ही संभव है.
महाधरना में उत्तर प्रदेश से विशेष रूप से शामिल होने आए चर्चित अवामी युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी की उपस्थिती ने पूरे कार्यक्रम को खासा सरगर्म बना दिया. अपने सम्बोधन में उन्होने भी भाजपा राज पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि ये माॅब-लिंचिंग नहीं’, ‘मोबिलाइज्ड लिंचिंग’ है, जिसके जरिये तबरेज-अखलाक जैसे मासूमों की जान ली जा रही है और उनके परिजनों को बेबस बनाया जा रहा है. उपस्थित युवाओं की भारी मांग पर उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम शेर कहा – आपका जो ये सूबा है, मज़लूमों के आँसू औ तबरेजों के खूं में डूबा है .....!
कांग्रेस के सुबोधकान्त सहाय ने इन कांडों का जिम्मेवार सीधे भाजपा सरकार को ठहराते हुए कहा कि इस सांप्रदायिक टेकनाॅलाजी के जरिये लोकसभा में सफलता पाने के बाद अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. पूर्व राज्यसभा सदस्य अनवर अली अंसारी ने ऐसे अमानवीय कांडों के लिए भाजपा की उग्र सांप्रदायिक राजनीति को जिम्मेवार बताया. एआईपीएफ व जसम के अनिल अंशुमन ने अखबार में छपे राज्य के डीजीपी द्वारा तबरेज लिंचिंग कांड में स्थानीय पुलिस की विफल भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि बहुत पहले यूपी पुलिस के सांप्रदायिक होने की चर्चा की जाती थी. झारखंड में हुए सारे लिंचिंग कांडों ने साबित कर दिया है कि भाजपा शासन ने इस प्रदेश की पुलिस को भी सांप्रदायिक बना दिया है.
महाधरना को केरल से आए मुस्लिम लीग के युवा नेता नेयाज़ अहमद फारूकी, केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, रांची गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रो. हरबिंदर सिंह के अलावा सीपीएम के प्रफुल्ल लिंडा, भाकपा(माले) नेता भुवनेश्वर केवट व मुस्लिम छात्र संगठन एसआईओ तथा झामुमो, कांग्रेस व जेवीएम के नेताओं ने संबोधित किया। इसके अलावा कई वरिष्ठ मौलाना-मुफ्ती और मुस्लिम सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें रखीं. महाधरना की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास व एआईपीएफ के बशीर अहमद ने किया. स्वागत वक्तव्य पसमांदा मुस्लिम महज के नौशाद ने किया.
संचालन करते हुए फोरम राष्ट्रीय अभियान समिति सदस्य व अवामी इंसाफ मंच के युवा नेता नदीम खान ने वर्तमान सरकार की उन्मादी सांप्रदायिक-फासीवादी नीतियों और सुनियोजित करतूतों के खिलाफ विरोध की रस्मअदायगी के बजाय कारगर जमीनी प्रतिवाद और एकता पर जोर दिया.
कार्यक्रम में वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी, ऐक्टू नेता शुभेन्दु सेन व जगरन्नाथ उरांव, चर्चित साहित्यकार व झामुमो महिला नेता महुआ माजी, लेखक कुमार विनोद, आदिवासी बुद्धिजीवी वाल्टर कंडुलना, आदिवासी नेता बंधु तिर्की, ऐपवा की शांति सेन तथा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के प्रो. बबन चैबे समेत कई मानवाधिकार-सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक समाज के वरिष्ठ लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई.
नागरिक प्रतिवाद के तहत महाधरना की ओर से राज्यपाल महोदया की अनुपस्थिति में वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को 18 लिचिंग कांडों की सूची के साथ विशेष मांगपत्र सौंपा गया जिसके जरिये मांग की गई – (1) तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड समेत सभी कांडों के दोषियों को कड़ी सजा दी जाय, (2) सुप्रीम कोर्ट के निर्देशनुसार ऐसे कांडों पर प्रभावी रोक व दोषियों कि सजा के लिए राज्य सरकार विशेष कानून बनाए, जिसमें होनेवाले कांडों के जिले के डीसी व एसपी को प्राथमिक तौर पर जवाबदेह ठहराया जाय, (3) राज्य में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों, दलित-आदिवासियों पर किए जा रहे लिंचिंग-हमलों को तत्काल रोका जाये तथा इसे संरक्षण व बढ़ावा देनेवाले राजनेताओं और रसूखदारों पर भी कांड की धारा के तहत केस दर्ज किया जाय, (4) राज्य में हुए सभी लिंचिंग कांडों के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए तथा अदालत से उनके छूट जाने में कमजोर केस-रिपोर्ट बनाने वाले पुलिस अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाय, (5) लिंचिंग कांडों के पीड़ित परिजनों के भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा और जीवन यापन हेतु समुचित रोजगार की गारंटी सरकार करे.
महाधरना से राज्य सरकार के मंत्री द्वारा तबरेज अंसारी को चोर कहे जाने तथा लिंचिंग कांड के वायरल हुए वीडियो को झूठा व ‘कट-पेस्ट’ बताए जाने की तीव्र भर्त्सना की गयी. राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह में भी माले की ओर से प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जमशेदपुर में भी विभिन्न सामाजिक संगठनों ने प्रभावशाली विरोध मार्च निकाला.
-- अनिल अंशुमन