सलुम्बर तहसील की मांडली पंचायत में चार कुओं की चोरी का विचित्र मामला उजागर हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत कुआं-धौरा निर्माण के लिए स्वीकृत हुए पंचायत के चार परिवारों के चार कुएं चोरी हो गये. पंचायत के गांव मेरो का गुड़ा, केरपुरा के निवासी लालू (पिता-धन्ना), रतना (पिता-धन्ना) और शंकर को अपने चार कुओं को गहरा कराने के लिए राशि स्वीकृत हुई थी. इसके तहत प्रति कुआं करीब डेढ़ लाख रु. की राशि पंचायत को दी गई. पंचायत के सरपंच और सचिव ने एक साल होने के बाद भी लाभुकों को यह राशि जारी नही की. जब गांववासी अन्य लोगों के साथ सरपंच से मिले तो सरपंच पति ने कहा कि वे कुएं बनाने की योजना के तहत स्वीकृत राशि जारी नहीं कर सकते क्योंकि वह राशि खर्च हो गई है. लाभुकों को प्रति कुआं मात्र पांच हजार रुपये नगद और वह भी बिना लिखा-पढ़ी के, देकर भगा दिया गया. गांव वालों के साथ मिलकर पार्टी ने विगत 15 जुलाई को सलूम्बर के तहसीलदार को इस मामले से अवगत कराया और लिखित शिकायत दर्ज करायी. कार्यवाही में देर होते देख जिला सचिव का. चंद्रदेव ओला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विगत 24 जुलाई को तहसीलदार से मुलाकात की. उसने बताया कि बीडीओ (झल्लारा प्रखंड) को इस मामले की जांच करने को कहा गया है. का. चंद्रदेव ओला ने बताया कि पंचायतों में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि मोरिला पंचायत के सरवणी वेन में स्थित खेमाजी के प्रधानमंत्री निवास की भी चोरी हो चुकी है. ऐसे में कुओं की राशि की क्या बिसात है.