बेतिया में दलित-मुस्लिम समुदाय का प्रदर्शन माॅब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज अंसारी के लिए न्याय की गारंटी करने और माॅब लिंचिंग पर रोक लगाने की मांग पर अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों द्वारा विगत 16 जुलाई को प. चम्पारण के मुख्यालय बेतिया में जला समाहर्ता के समक्ष विशाल विरोध प्रर्दशन आयोजित हुआ. भारी बारिश और सड़कों पर लबालब भरे पानी में भी बड़ा रमना से विशाल जुलूस निकला जिसमें ‘तबरेज़ अंसारी को न्याय दो’, ‘माॅब लिंचिंग नहीं सहेंगे’, ‘मुस्लिम भी हिन्दोस्तां की बुनियाद हैं’, ‘तबरेज अंसारी के हत्यारों को सजा दो’ आदि नारे लगाते हुए सैकड़ों लोग शामिल हुए.
प्रदर्शन में शामिल लोग अपने ही देश में माॅब लिंचिंग में मारे गए पहलू खान, अखलाक, जुनैद, तबरेज़ अंसारी जैसे अनगिनत लोगों को न्याय देने, इन अपराधों के प्रति कानून की जवाबदेही सुनिश्चित करने तथा माॅब लिंचिंग के आरोपियों को तत्काल स्पीडी ट्रायल चलाकर कठोर से कठोर सजा की गारंटी करने की मांग कर रहे थे.
समाहरणालय गेट पर आयोजित सभा को अन्य वक्ताओं के अलावा भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इन हमलों का निर्देशन देश के सत्ताशीर्ष पर बैठे संघ-भाजपा के लोग लोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके ‘जय श्रीराम’ नारा आज मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का बहाना बन गया है. ‘हिंदुस्तान’ को ‘लिंचिंगस्तान’ बनाने तथा समाज व देश को तोड़ने की उनकी इन कोशिशों का हमें मिल-जुलकर मुकाबला करना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा देश के सभी सार्वजनिक संस्थानों व संसाधनों का कारपोरेटीकरण व निजीकरण किया जा रहा है उसके शिकार केवल दलित अल्पसंख्यक समुदाय ही नहीं, सभी गरीब, मजदूर, किसान, छात्र-नौजवान हो रहे हैं.
सभा को अरमान कासमी, मौलाना अब्दुल करीम कसिम, मो. तंजीम, मो. मसाजिद, मौलाना नेयाज अहमद कासिम, मो. नजमुद्दीन कासिम, अमिअत उलेमा-ए- हिन्द के अध्यक्ष मुफ्ती नौशाद आलम, आमाको हैदर, वीरेंद्र गुप्ता, रविन्द्र रवि आदि ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि किसी भी सूरत में संघ परिवार और भाजपा को घृणा की राजनीति के जरिये समाज और देश को तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. आज सभी नागरिकों को मिल-जुलकर भाजपा की घृणा की राजनीति का अंत करना होगा। एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम 17-सूत्राी मांगपत्र सौपा.
भाजपा शासित झारखंड में तबरेज अंसारी की निर्मम भीड़-हत्या और देश भर में दलितों-अल्पसंख्यकों-महिलाओं पर बढ़ते हमले के खिलाफ इंसाफ मंच और जन संस्कृति मंच ने विगत 5 जुलाई को दरभंगा में प्रतिरोध मार्च निकाला. प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, जसम के जिला सचिव प्रो रामबाबू आर्य, प्रो सुरेंद्र कु सुमन, प्रो कल्याण भारती, भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, कांग्रेस के राजा अंसारी, जमीअतुर राईन के अध्यक्ष हारून रशीद व मुर्तजा अली आदि ने किया.
प्रतिरोध मार्च पोलो मैदान (लहेरियासराय) से निकलकर कमिश्नरी, समाहरणालय, लहेरियासराय टावर और थाना से लोहिया चैक घूमते हुए वापस लहेरियासराय टावर लौटा. वहां आयोजित प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता करते हुए नेयाज अहमद ने कहा कि संघी-बजरंग दली गुंडे अब भगवान राम के नाम पर हत्या कर रहे हैं। तबरेज अंसारी की हत्या भी ‘जय श्रीराम’ कह कर की गई. अभिषेक कुमार ने कहा कि प्रचंड बहुमत के नशे में चूर मोदी सरकार और भाजपाई खुले तौर पर जुल्म व अन्याय करने पर आमादा हैं. उन्हें यह छूट हरगिज नहीं दी जानी चाहिए. आज पूरे देश में उनके जरिए जो भीड़ हत्यायें की जा रही हैं, हमें उसका जमकर प्रतिरोध करना होगा.
जसम के राज्य सह सचिव प्रो सुरेंद्र सुमन ने कहा कि फासीवादी मोदी का भी वहीं हश्र होगा जो हिटलर का हुआ. सभा को संदीप चौधरी, मयंक कुमार व विशाल मांझी (आइसा), शनिचरी देवी, रसीदा खातून व रीता देवी, (ऐपवा), लक्ष्मी पासवान (खेग्रामस), गजेंद्र नारायण शर्मा (इनौस), मो. अशलम, मो. जमशैद, मो. आजाद, मो. सज्जाद, मोरिजवी, शाह इमामुद्दीन सरवर (मधुबनी), मो. शाजिद हुसैन, अकबर खान, ई. जसीम अंसारी, सरफराज नवाब, त्रिभुबन यादव, डा. फरमान अली, हाजी अमानुल्लाह, मो. नजमुल हसन, मो. सदिक भारती, शिवन यादव, हरि पासवान, मो जमालुद्दीन, अशोक पासवान, देवेन्द्र कुमार, गणेश महतो, प्रो. कल्याण भारती, अवधेश सिंह, पप्पू पासवान आदि ने प्रतिरोध सभा को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि मोदी राज में देश की साझी संस्कृति, लोकतंत्र व संविधान भारी खतरे में हैं.