विगत 19 जुलाई को बिहार में माॅब लिंचिंग की दो घटनाएं घटित हुई जिसमें सारण में तीन और वैशाली में एक व्यक्ति इसका शिकार हुआ. भाकपा(माले) विधायक सत्यदेव राम व सारण जिला सचिव सभा राय ने सारण के बनियापुर में माॅब लिंचिंग की घटना की जांच की. यहां राजू नट, विदेशी नट व ड्राइवर नौशाद की पशु चोरी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. माले नेताओं ने मृतकों के गांव पैगंबरपुर का भी दौरा किया और मृतकों के परिजनों से बातचीत की. जो तथ्य उभरकर सामने आए हैं, वे दूसरी ही कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं.
मृतक राजू नट के पिता सफू नट ने बताया कि वे लोग भैंस, पाड़ा अथवा अन्य पशुओं का कारोबार करते रहे हैं. राजू नट पिठौरा गांव में पहले से ही खस्सी काटने का काम करता रहा है और उसे उस गांव के अधिकांश लोग पहले से ही जानते रहे हैं. पिठौरा के मोतीलाल राम इस व्यवसाय में उसका साथ देते हैं. उन्होंने ही 19 जुलाई की सुबह 4 बजे राजू व विदेशी नट को पिठौरा बुलाया था. बाद में हमलोगों को पता चला कि गांव में पहुंचते ही उन्हें गाड़ी पर ही मारपीट कर अधमरा कर दिया गया. गांव के मुखिया व सरपंच के सामने भी उन्हें पीटा गया. उसके बाद सरपंच ने अपने घर में रखकर पुलिस को फोन किया. पुलिस के आने आने तक दो लोगों की मौत हो चुकी थी और एक आदमी अस्पताल जाते वक्त मौत का शिकार हो गया.
इस मामले में पिठौरा के मुख्यिा सहित 8 लोगों पर नामजद व सौ अज्ञात लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है, अभी तक 7 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. पूरी घटना योजनाबद्ध प्रतीत होती है लेकिन उसे पशु चोरी का रूप दे दिया गया और इस आड़ में तीन लोगों की हत्या कर दी गई. गांव में सुबह ही लोग जग जाते हैं. ऐसे में गांव में गाड़ी लेकर प्रवेश करना और उसपर भैंस को चढ़ाने का प्रयास करना अटपटा व तथ्यहीन लगता है. लोगों के जगाने के लिए गाड़ी की आवाज ही पर्याप्त थी. भैंस को गाड़ी पर चढ़ाने के लिए किसी उंची जगह की भी जरूरत थी. कुल मिलाकर पशु चोरी का आरोप मनगढ़ंत लगता है. घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि गांव के मुखिया व सरपंच की योजना के तहत ही इन हत्याओं को अंजाम दिया गया है.
भाकपा(माले) ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने, मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रु. मुआवजा व सरकारी नौकरी देने और सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग पर विगत 21 जुलाई को छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन से एक विरोध मार्च निकाला जो शहर के कई मुहल्लों व प्रमुख मार्गों से होते हुए नगरपालिका चैक पहुंचा. वहां एक सभा आयोजित हुई जिसे भाकपा(माले) के जिला सचिव का. सभा राय समेत कई नेताओं ने संबोधित किया. विरोध मार्च में मुख्य रूप से का. विजेन्द्र मिश्र, का जयनंदन राय, का. अनुज कुमार दास, का. रामपुकार साह, का. विजय शंकर शर्मा, का. परवेज आलम, का. देवकली देवी, का. रमा देवी, का. देवझरी देवी, का. नागेन्द्र प्र. कुशवाहा आदि शामिल थे.
दरभंगा में इंसाफ मंच व भाकपा(माले) ने 24 जुलाई को एनएच-57 से प्रतिवाद मार्च निकाला. प्रतिवाद मार्च में शामिल लोग ‘माॅब लिंचिंग पर रोक लगाओ’ और ‘निर्दोष लोगों के हत्यारे अपराधियों पर करवाई करो’ आदि नारे लगाते हुए शिवधारा चौक पहुंचे. इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, भाकपा(माले) नेता शिवन यादव, आइसा नेता विशाल मांझी, भीम आर्मी के मिथिलेश पासवान व मो. असलम ने प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व किया. शिवधारा चौक पर भाकपा(माले) नेता पप्पू कुमार पासवान व इंसाफ मंच के नेता मो. जमशेद की अध्यक्षता में सभा आयोजित की गई.
सभा को संबोधित करते हुए का. नेयाज अहमद ने बिहार में माॅब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए उन्माद-उत्पात की भाजपाई राजनीति को जिम्मेवार ठहराया और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ऐसी घटनाओं को रोक पाने में विफल रहने का अरोप लगाया. उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच और सारण के डीएम-एसपी समेत अन्य जिम्मेवार अधिकारियों तथा घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की की मांग की प्रतिवाद मार्च में इंसाफ मंच के लक्षमण पासवान, वसी अहमद, भाकपा(माले) के अमित पासवान, शिवप्रसाद महतो, विनय पासवान, ऐपवा की उषा देवी, शीला देवी, देवकी देवी, भीम आर्मी के मिथलेश पासवान, कुन्दन पासवान सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.