वर्ष - 28
अंक - 28
29-06-2019

भाकपा(माले) ने 26 जून 2019 को आपातकाल दिवस पर मोदी के अघोषित आपातकाल के खिलाफ लखनऊ में परिवर्तन चैक से जीपीओ तक “लोकतंत्र-आजादी मार्च” निकाला और गांधी प्रतिमा पर सभा की.

वक्ताओं ने कहा कि 26 जून को इतिहास में इंदिरा आपातकाल दिवस के रूप में जाना जाता है और सन 1975 की इमरजेंसी करीब पौने दो साल तक रही थी. लेकिन मोदी राज का गुजरा पूरा पांच साल अघोषित आपातकाल रहा, जो मोदी सरकार की दूसरी पारी में भी जारी है। विरोध की हर आवाज को न सिर्फ कुचला जा रहा है, बल्कि राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं की जा रही हैं या फिर उनको गिरफ्तार करके जेलों में ठूंसा जा रहा है. देश के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वारावारा राव अभी भी जेलों में हैं, जबकि आनन्द तेलतुंबड़े, गौतम नवलखा जैसे तमाम कार्यकर्ताओं को भारी जनदबाव के चलते रिहा किया गया है.

वक्ताओं ने कहा कि अखबार और दूरदर्शन की आजादी छीन ली गयी है और पत्रकारों को जेल में डाला जा रहा है तथा रवीश कुमार जैसे जाने-माने एंकरों को धमकियां मिल रही हैं. सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, रिजर्व बैंक जैसी संस्थाएं गिरफ्त में हैं. संविधान बदलने की बातें की जा रही हैं. इतना ही नहीं भीड़ हत्याओं के द्वारा दलितों-मुसलमानों को मारा जा रहा है. झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ हत्या करने और उससे पहले उसे जयश्रीराम के नारे लगाने के लिए विवश करने की घटना इस बात की गवाह है कि मोदी राज के दूसरे संस्करण में भी नफरत व भय  की राजनीति और भगवा गुंडागर्दी बदस्तूर जारी है और अल्पसंख्यकों के जीवन की कोई सुरक्षा नहीं है. इस घटना ने यह भी साबित किया कि मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद की दोबारा शपथ लेने के बाद सबका विश्वास हासिल करने की घोषणा महज छलावा थी. वक्ताओं ने कहा कि जो भी हो, इस अघोषित आपातकाल जैसे हालात को बदलने और संविधान, लोकतंत्र पर हो रहे चैतरफा हमलों के खि़लाफ भाकपा(माले) पूरी ताकत से संघर्ष करेगी.

सभा को पार्टी के जिला प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर, राज्य कमेटी के सदस्य राधेश्याम मौर्य, ऐपवा जिला संयोजक कामरेड मीना, जसम के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर, आइसा के शिवा रजवार, आरवाईए नेता राजीव, ऐक्टू नेता मधुसूदन मगन आदि ने सम्बोधित किया. इससे पहले का. रमेश सेंगर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने लाल झंडों, प्लेकार्ड के साथ परिवर्तन चैक से प्रेस क्लब, परिवार न्यायालय, लालबाग होकर जुलूस निकाला, जो गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर सभा मे बदल गया। मार्च व सभा में उपरोक्त के अलावा निर्माण यूनियन की मंजू गौतम, रामसेवक रावत, नौमी लाल, रमेश शर्मा, कमला गौतम, शांति, मालती, डोरी लाल, आइसा के अतुल, नितिन राज, रुस्तम कुरैशी आदि मौजूद रहे.

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