2 मार्च को सीवान शहर के गोपालगंज मोड़ स्थित शहीद का. चंद्रशेखर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सीवान संसदीय क्षेत्र में भाकपा(माले)की जन अधिकार यात्रा शुरू हुई. इस यात्रा की अगुआई जिले के वरिष्ठ पार्टी नेता और दरौली क्षेत्र के पूर्व विधायक का. अमरनाथ यादव ने की. आइसा के राज्य उपाध्यक्ष जयशंकर पंडित, आरवाइए के जिला सचिव सुजीत कुशवाहा (पूर्व जिला पार्षद) व जिलाध्यक्ष योगेन्द्र यादव (जिला पार्षद), खेग्रामस के नेता शिवनाथ राम और आइसा नेता विकास यादव भी इस दल में शामिल थे.
यात्रा के दौरान बांका मोड़, बदली मोड़, नौतन (नौतन प्रखंड), मैरवां धम, मैरवा स्टेशन व बभनौली (मैरवां प्रखंड), विजयीपुर, तितरा, शिवपुर सकरा, ठेपहां (जीरादेई प्रखंड), अंदर व आंसावं (आंदर प्रखंड) शिवधरी मोड़, गुठनी मोड़, गुठनी बाजार, (गुठनी प्रखंड), दरौली, व टंड़वा (दरौली प्रखंड) तथा रघुनाथपुर, चकरी, दुरौंध, राजापुर, पसिवर, चांचैरा, बगौरा, हसनपुरा, सहेजी, अरजल मोड़, बड़हड़िया, जामो मोड़, कदम मोड़, लकड़ी बाजार, कर्बला, और तरवारा समेत दर्जनों स्थानों पर नुक्कड़ सभायें आयोजित की गईं.
का. अमरनाथ यादव ने इन सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज सैनिकों के नाम पर पूरे देश में राजनीति कर रहे हैं. इसके जरिए वे देश के लोगों के जो वास्तविक सवाल हैं उनको दरकिनार कर रहे हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के 50 सैनिकों की शहादत के बाद भी आज तक देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा नहीं की गई है, सीआरपीएफ जवान का जो पेंशन वाजपेयी राज में छीन लिया गया उसे फिर से वापस कर देने की घोषणा नहीं की गई, न तो उनके परिजनों को नौकरी देने की घोषणा हुई और न ही उनको शहीद का दर्जा दिया गया.
उन्होंने कहा कि जो लोग भी पुलवामा घटना पर सरकार की अक्षम्य लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं उनको मोदी सरकार देशद्रोही साबित करने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा कि आज देश की तमाम संवैधानिक संस्थायें खतरे में हैं. यह मोदी सरकार देश और लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. अगर देश में लोकतंत्र को बचाना है तो भाजपा को भगाना होगा और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और मोदी को सत्ता से बाहर कर देना होगा. उन्होंने चुनाव में भाकपा(माले) को सिवान से भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की.
आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयशंकर पंडित व अन्य नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस देश की शिक्षा को बर्बाद करने का काम किया है. मोदी राज में शिक्षा बजट अब तक के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है. फंड कटौती, सीट कटौती और उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति बंद करने के जरिए गरीब छात्रों को शिक्षा से बाहर धकेला जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो इससे आगे बढ़ कर बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों को ही बंद करने पर आमादा हैं.
यात्रा के दौरान जगह-जगह यात्री दल का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही जन अधिकार यात्रा का समापन हुआ.