तीन वामपंथी पार्टियों-भाकपा,माकपा और भाकपा(माले) की संयुक्त बैठक, गांधी ग्राम स्थित माकपा के राज्य कार्यालय- कामरेड पूर्ण चन्द्र स्मृति भवन में आयोजित हुई. बैठक में वामपंथी पार्टियों की एकजुटता किये जाने पर व्यापक विचार विमर्श किया गया. यह तय किया गया कि आगामी लोकसभा चुनाव उत्तराखंड में वामपंथी पार्टियां एकजुट हो कर लड़ेंगी. भाकपा पौड़ी, माकपा टिहरी और भाकपा(माले) नैनीताल सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और चुनावों के बाद भी उत्तराखंड में मेहनतकश जनता के सवालों पर साझा संघर्षों चलाएंगी. उत्तराखंड की राजनीति में व्याप्त विकल्पहीनता को दूर करने के लिए वामपंथ साझे तौर पर जन संघर्षों के जरिये अपनी दावेदारी से मजबूत करेगा.
वामपंथी पार्टियों ने कहा कि मोदी सरकार के राज में आतंकी घटनाओं की वृद्धि हुई है, सीमा पर सैनिकों व नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी है. मोदी सरकार अपनी इस नाकामी पर पर्दा डालने के लिए देश में साम्प्रदायिक विभाजन और युद्धोन्माद को बढ़ावा दे रही है. देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को न तो पेंशन मिल रही है और न शहीद का दर्जा. मोदी शासन इस देश के लिए तबाही जैसा सिद्ध हुआ है. शिक्षा-रोजगार से छात्रा-युवाओं की बेदखली हुई, किसान आत्महत्याओं का सिलसिला थमा नहीं, मजदूरों पर छंटनी और श्रम कानूनों को खत्म किये जाने की मार पड़ी, महिलाओं पर हमले, अल्पसंख्यकों एवं दलितों पर हमले, वनवासियों के लिए वनों से बेदखली और दलितों व अन्य पिछड़े वर्गों के संवैधानिक आरक्षण पर हमला - यही पांच साल के मोदी राज की कुल जमा उपलब्धि है.
वामपंथी पार्टियों ने कहा कि उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार केवल डबल गति से संसाधनों को बेचने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्रियों के मकानों का करोड़ों रुपये सरकार आसानी से माफ कर रही है. जनविरोधी विकास प्राधिकरण बनाए जाने के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का वामपंथी पार्टियों ने समर्थन किया और सात साल के बाद न्यूनतम वेतन 8300 किये जाने को मजदूरों के साथ भद्दा मजाक करार दिया.
वामपंथी पार्टियों ने कहा कि पिछले दिनों उत्तराखंड समेत देश के अन्य हिस्सों में जहरीली शराब से बहुत सारे लोगों को जान गंवानी पड़ी है. चुनाव ऐसा मौका बन गया है, जब पैसा और शराब परोसने की होड़ राजनीतिक पार्टियों में मची रहती है. अतः चुनाव को शराब के प्रभाव से मुक्त करने के लिए वामपंथी पार्टियों ने चुनाव आयोग से मांग की कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन से लेकर चुनाव परिणाम आने तक शराब की दुकानों को बंद रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि चुनाव में शराब का प्रसार बिलकुल न हो.
बैठक में तय किया गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान वामपंथी पार्टियाँ संयुक्त प्रचार अभियान चलाएंगी और तीनों वामपंथी पार्टियों के राष्ट्रीय नेता भी संयुक्त प्रचार अभियान में शामिल होंगे. बैठक में भाकपा के राज्य सचिव का. समर भंडारी तथा का.जीत सिंह, माकपा के राज्य सचिव का. राजेन्द्र सिंह नेगी, का. बच्चीराम कौंसवाल, का. सुरेन्द्र सिंह सजवाण, का. राजेंद्र पुरोहित, का. इंदु नौडियाल, का. लेखराज व का. अनंत आकाश तथा भाकपा(माले) राज्य सचिव का. राजा बहुगुणा, का. कैलाश पाण्डेय, का. के.पी.चंदोला और इन्द्रेश मैखुरी शामिल थे. बैठक की अध्यक्षता का. राजा बहुगुणा ने की.