अखिल भारतीय किसान महासभा व अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा की तरफ से 5 मार्च को झुंझुनु में किसान मजदूर अधिकार रैली निकाली गई. यह रैली गांधी पार्क से निकलकर कलेक्ट्रेट तक गई. रैली में शामिल किसान मजदूर लाल झंडे लेकर नारे लगा रहे थे - चुनावी वादों को लागू करो, सभी बैंकों के सभी कृषि कर्ज माफ करो, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम दो, किसानों को बिनाशर्त पांच हजार रूपये मासिक वृद्धावस्था पेंशन दो, आवासहीनों की सूची बनाकर आवास दो, भूमिहीनों का राष्ट्रीय स्तर पर पंजीयन करो. सभी मजदूरों को प्रतिदिन 600 रु. मजदूरी की गारंटी करो, शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दो, आदि.
कलेक्ट्रेट पर आयोजित किसान मजदूर सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य संयोजक का. फूलचंद ढेवा ने कहा कि लोकसभा के चुनावी एजेंडा में किसानों, मजदूरों के सवाल नदारद हैं जबकि केन्द्र सरकार की किसान-मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान-मजदूर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव का. रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि आज की किसान-मजदूर अधिकार रैली केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की गहलोत सरकार के चुनावी वादों को याद दिलाने तथा इनको संघर्ष के माध्यम से हल करवाने के लिए है. मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसल लागत से डेढ़ गुना दाम देने का वादा किया था. राज्य की गहलोत सरकार ने केसीसी कार्डधाारी समेत सभी किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. अखिल भारतीय किसान महासभा इन सवालों पर केन्द्र-राज्य सरकारों के खिलाफ संघर्ष करती रहेगी.
सभा को किसान महासभा के का. ओमप्रकाश झारोड़ा, का. असलम, का. इंद्राज सिंह चारावास, का. शीशराम, का. दयाराम, का. केहर सिंह आदि ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता का. दीपचंद वर्मा कुमावास ने की. सभा में प्रस्ताव पारित कर नौकरियों में एससी-एसटी, ओबीसी के आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने के लिए रोस्टर प्रणाली में बदलाव के खिलाफ आयोजित भारत बंद का समर्थन किया गया. एक दूसरे प्रस्ताव में सैनिकों की शहादत को भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक हित में भुनाने की निंदा की गई. साथ ही सरकार द्वारा किसानों-मजदूरों से किए गए वादों को पूरा करने की मांग की गई. - फुलचंद ढेवा