‘भाजपा भगाओ, झारखंड बचाओ’ तथा ‘भाजपा हराओ, माले को जिताओ’ के जोरदार नारों के साथ 17 फरवरी को लाल झंडों से पटे हुए बरकट्टा मैदान में भाकपा (माले) का कोडरमा संसदीय क्षेत्र स्तरीय बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन को लेकर मैदान के साथ ही जीटी रोड के किनारे भी बड़ी संख्या में झंडों-बैनरों से सजावट की गई थी. मुख्य चौक-चौराहों को भी लाल झंडे से सजाया गया था। सम्मेलन की श1रुआत पुलवामा में शहीद 44 सीआरपीएफ जवानों को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि देकर की गई. सम्मेलन में कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों - बगोदर, बिरनी, सरिया , धनवार, तीसरी, गावां, जमुआ, देवरी, बेंगाबाद, गांडेय, चलूकुशा, जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच, चंदवारा, इचाक, बरकट्टा, तिलैया व कोडरमा से कार्यकर्ता शामिल हुए.
सम्मेलन को भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद, पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह, राजधनवार के विधायक राजकुमार यादव, ऐपवा की राज्य सचिव गीता मंडल, मासस नेता मिथलेश सिंह, एआईपीएफ नेता बशीर अहमद आदि के अलावा इस संसदीय क्षेत्र से जुड़े तीनों जिलों के सचिवों पांचू राणा (हजारीबाग), मोहन दत्त (कोडरमा) व मनोज भक्त (गिरीडीह) ने भी संबोधित किया. संचालन राज्य कमिटी सदस्य और बरकट्टा विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी भुनेश्वर केवट ने किया।
सम्मेलन में दो हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए जिसमें बड़ी संख्या में नौजवान शामिल थे। सम्मेलन में बरकट्टा ब्लॉक मैदान में चारों तरफ से आम जनता भी भारी तादाद में मौजूद थी. कोडरमा लोकसभा के अंतर्गत बरकट्टा में हमारी कमजोर स्थिति रही है। सम्मेलन की सफलता और गोलबंदी ने यहां अच्छा प्रभाव छोड़ा है।
सम्मेलन को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित करते हुए महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी पार्टी दुख की इस घड़ी में पूरी तरह से शहीद जवानों के परिवारों के साथ खड़ी है. सत्ताधारी भाजपा और उसके आनुषंगिक संगठन देश के अंदर युद्ध और नफरत का माहौल बना रहे हैं. लेकिन युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. युद्ध से हम अपने और जवानों को नहीं खोना चाहते। हम चाहते हैं कि जो लोग भी इस आतंकी हमले और जवानों की बलिदान के लिए जिम्मेवार हैं उनको कड़ी से कड़ी सजा मिले।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने तथाकथित मजबूत सरकार और उसके चुस्त-दुरुस्त खुफिया तंत्र की पोल खोल दी है। देश बहुत नाजुक मोड़ पर खड़ा है. जनविरोधी फासीवादी ताकतें घड़ियाली आंसू बहाते हुए शहीद जवानों की शहादत पर जो सियासत कर रही हैं उसे लोग कभी बर्दास्त नहीं करेगा। मोदी सरकार लगातार देश के संविधान व धर्म निरपेक्षता पर हमले कर रही है। लोगों ने इसे देश में आये संकट को दूर करने की सोच के साथ लाया होगा लेकिन यह मोदी सरकार लोगों के लिए खुद ही बड़ा संकट बन गयी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 5 साल पूरे होने पर छात्रा-नौजवानों, मजदूरों और किसानों के पास सवालों के ढेर हैं, लेकिन मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ नौजवानों को रोजगार देने का मोदी का चुनावी वायदा छलावा साबित हुआ। पिछले नवंबर में दो से अधिक किसान संगठनों ने कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पर देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया. इस साल 7-8 जनवरी को देश के मजदूर वर्ग की दो-दिवसीय आम हड़ताल आयोजित हुई. विगत 7 फरवरी को दिल्ली में देश भर के कॉलेजों-विश्वविद्यालयों से आये हजारों छात्रों ने संसद के समक्ष ‘यंग इंडिया अधिकार मार्च’ निकाला.
उन्होंने कहा की मोदी सरकार के आखिरी बजट में किसानों को 6000 रु देने का चुनावी ऐलान किसानों का अपमान है। जो आंकड़े आये हैं उससे पता चलता है बेरोजगारी कीे दर दो से ढाई प्रतिशत थी अब वो 6 प्रतिशत से अधिक हो गयी है और मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री कह रहे हैं कि देश में कोई बेरोजगार नहीं है। प्रधानमंत्री समेत भाजपा के मंत्री व नेता देश के नौजवानों को पकौड़ा और पान बेचने तथा पंक्चर बनाने की सलाह दे रहे हैं. अगर यही रोजगार है तो सवाल उठता है कि फिर सरकार की क्या जरूरत है?
उन्होंने कहा कि सम्मानजनक वेतन और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग पर समूचे देश में रसोइया व मध्याह्न भोजन कर्मियों का आंदोलन चल रहा है। झारखण्ड में पारा शिक्षक अपने स्थायीकरण और सम्मानजनक वेतन के लिए लड़ रहे हैं. लेकिन भाजपा सरकारों को इनसे कोई वास्ता नहीं है। भाजपा सरकार उल्टे झारखण्ड में स्कूल बंद करने का अभियान चलाए हुए है।
पुलवामा की घटना के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में कश्मीरियों पर सचेतन हमले की कड़ी निदा करते हुए उन्होंने कहा कि नफरत और विभाजन की राजनीति की कीमत भाजपा को चुकाना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में नफरत, युद्ध और आंतरिक युद्ध का जहरीला माहौल बनाकर देश को बांटने के अपराध में भाजपा को कठघरे में खड़ा करना चाहिए। देश एक बड़े बदलाव के मूड में है और इस भ्रष्ट, जनविरोधी और फासिस्ट मोदी सरकार से छुटकारा पाना चाहता है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को तन-मन से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने का आह्वान किया और चुनाव के केंद्रीय कार्यभार बूथ आधारित संगठनों को कारगर, ठोस और मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी गिरीडीह में दो-दो जगहों से विधानसभा चुनाव लड़े और हार गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा को रोकना था, वे कोडरमा से भाग खड़े हुए. वे हमेशा भाजपा को मदद पहुंचाते रहे हैं, आगे भी यही करेंगे.
बगोदर के पूर्व विधायक और माले केंद्रीय कमिटी सदस्य विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अच्छे दिन लाने के सपनों को दिखाकर भाजपा ने कोडरमा जीता था. लेकिन पिछला पांच साल जनता के साथ उनके विश्वासघात का साल रहा है। माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि यहां के वर्तमान और पूर्व सांसदों के कथनी और करनी को जनता भलीभांति जानती है. यहां लड़ाई सीधे तौर पर भाकपा(माले) और भाजपा के बीच है. यह ग्रामीण गरीबों, मध्यम किसानों, मध्यम तबका बनाम सामंती, दलाल, बिचौलिओं और नौकरशाही गठजोड़ के बीच की लड़ाई है.
राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि भाकपा(माले) झारखण्ड गठन के पहले से ही संघर्षरत रही है। भाजपा विरोधी लड़ाई का चैंपियन सिर्फ भाकपा(माले) ही रही है. चाहे झारखंड गठन के समय बाबूलाल मरांडी का काल हो या फिर मौजूदा रघुवर राज. झारखंड में सबसे ज्यादा समय शासन करनेवाली भाजपा ने लगातार दहशत और दमन के सिलसिला को ही आगे बढ़ाया है। गोला-बड़का गांव से लेकर साइको तक पुलिस की गोलियों से लगातार किसानों की हत्या की गई है. उन्हीने कहा गिरीडीह व कोडरमा समेत पूरे राज्य में भाकपा(माले) ने लगातार जन संघर्षों को आगे बढ़ाया है. का. महेंद्र सिंह ने इसी धरती पर अपनी शहादत दी. बाबूलाल मरांडी के राज में हुए तपकारा गोलीकांड जिसमें आठ आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी, के खिलाफ आंदोलन के दौरान हमारे महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने जेल यात्रा की. पिछले 15 वर्षों के दौरान कोडरमा लोकसभा में तेज रफ्तार से हमने भाजपा विरोधी जनाधार और वोट में जो बढ़ोतरी की है, इस बार वह हमारी जीत में तब्दील होगी.
मासस नेता मिथलेश सिंह ने कहा कि कोडरमा कभी माइका का अंतर्राष्ट्रीय मार्केट हुआ करता था जिसे भाजपा ने चौपट कर दिया। यहां लाल झंडे की जीत बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच सीमा पर जितने जवान शहीद हुए शायद उससे पहले के 20 सालों में भी नहीं हुए होंगे. सम्मेलन के अंतिम एजेंडा के बतौर गिरिडीह जिला सचिव और कोडरमा संसदीय चुनाव प्रभारी मनोज भक्त ने अगामी कार्यभारों का प्रस्ताव रखा.
मनोज भक्त ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाकपा (माले) को 1200 बूथों में बढ़त का लक्ष्य लेना है. आगामी 18 -25 फरवरी के बीच शेष बूथ कमिटियों को बना लेना हमारा फौरी कार्यभार होना चाहिए। हमे प्रखण्ड स्तर पर चुनाव संचालन कमिटी भी बनाने हैं और हर विधानसभा में दो बड़ी आम सभा व चार रोड शो करना है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च से लेकर 14 मार्च तक अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के बैनर से महिला जागरण यात्रा निकाली जाएगी जो समूचे कोडरमा लोकसभा अंतर्गत सभी विधानसभाओं के अधिकतर प्रखंडों को जाएगी। उक्त जागरण यात्रा की शुरुआत 8 मार्च को कोडरमा में आयोजित एक सभा से होगी और समापन 14 मार्च को राजधनवार में होगा. आगामी 25 फरवरी को राजधनवार में इंकलाबी नौजवान सभा का पहला गिरीडीह जिला सम्मेलन आयोजित होगा. - सुखदेव प्रसाद