ई-रिक्शा अनुदान में देने, सामाजिक सुरक्षा व सम्मान की गारंटी करने, बेवजह पुलिसिया जुल्म पर रोक लगाने और सस्ती रोटी व आवास की व्यवस्था करने आदि मांगों को लेकर रिक्शा चालक मजदूरों ने रिक्शा-ठेला चालक संघ (ऐक्टू) के बैनर तले 18 फरवरी को भागलपुर में कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। झंडा-बैनर व मांगों की तख्तियां लिए तथा अपनी मांगों के समर्थन और सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में नारे लगाते सैकड़ों रिक्शा चालक मजदूर इस धरना में शामिल हुए. धरना का नेतृत्व ऐक्टू के जिला अध्यक्ष सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. एसके शर्मा, जिला सह राज्य सचिव मुकेश मुक्त व रिक्शा-ठेला चालक संघ के जिला संयोजक सिपाही मंडल ने की ।
धरना को संबोधित करते हुए का. एसके शर्मा ने कहा कि रिक्शा चालकों को अब मुश्किल से ही सवारी मिलती है. दिनभर में इतनी भी मजदूरी नहीं मिल पाती है कि पेट भरा जा सके। परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। आए दिन शहर में होने वाले जाम से निपटने में नाकामयाब पुलिस-प्रशासन अपना गुस्सा रिक्शा चालकों पर निकालता है और उन्हें बेवजह पुलिसिया मार-गाली सहनी पड़ती है. शहर के सभी रिक्शा पड़ाव प्रायः खत्म हो गए हैं. सरकारी योजनाओं की हालत यह है कि स्मार्ट सिटी में रिक्शा खड़ा करने की कोई भी निश्चित जगह नहीं है.
का. मुकेश मुक्त ने कहा कि रिक्शा चालकों के सामाजिक सुरक्षा की कोई गारंटी नही है। दूसरे राज्यों में रिक्शा चालकों के लिए सस्ती रोटी की व्यवस्था है। कई बार मांग किए जाने के बावजूद प्रशासन से रिक्शा चालकों के लिए सस्ती रोटी की व्यवस्था नहीं की. रिक्शा चालकों के नाम पर बना रैन बसेरे अवैध कब्जे का शिकार हैं. सरकार और प्रशासन इसे मुक्त कराने के प्रति घोर उदासीन है.
धरना से रिक्शा चालकों ने जिलाधिकारी कार्यालय को अपना मांग पत्रा और मुख्यमंत्री, बिहार को संबोधित सैकड़ों स्वहस्ताक्षरित आवेदन पत्र सौंपा. धरना में नरसिंह मंडल, राम अवतार दास, अशोक पासवान, राजेन्द्र मंडल, भीम हरिजन, पूरन दास, चौरासी मंड़ल, किशोर पासवान, उमेश मंडल, सुदामा मंडल, मनोज तांती, नीरज यादव, पंकज ठाकुर, संजय तांती, डोमी मंडल, बनवारी मंडल आदि सैकड़ों रिक्शा चालक शामिल हुए.
- मुकेश मुक्त