विगत 7 फरवरी को जयनगर (मधुबनी) के मोटर चालक यूनियन नेता मो. नसीम की हुई हत्या में शामिल अपराधियों की अविलंब गिरफ्रतारी की मांग के साथ 20 फरवरी को जबरदस्त चक्का जाम कार्यक्रम आयोजित हुआ. यूनियन के दर्जनों समर्थकों ने वाहन खड़ी कर तथा टायर जलाकर सुबह 9 बजे से ही एनएच 104 (जयनगर-लदनिया) को वाटर वेज चौक, एनएच 105 (जयनगर-दरभंगा) को शहीद चौक तथा जयनगर-बासोपट्टी मुख्य मार्ग को बाजार समिति के समीप जाम कर दिया.
मो. नसीम 2 फरवरी की शाम अपनी गाड़ी से सवारी लेकर जनकपुर (नेपाल) गए थे, 3 फरवरी को पता चला कि उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई है. यह भी पाया गया कि हत्यारों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है और नेपाल पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए अपना अभियान चलाए हुए है लेकिन जयनगर पुलिस उसको सहयोग नहीं कर रही है.
इस घटना के बाद से ही लगातार मो. नसीम के हत्यारे को अविलंब गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश करने, उनके परिजनों को उचित सरकारी मुआवजा देने, मोटर चालकों पर लगातार बढ़ रहे हमलों पर रोक लगाने, सभी मोटर चालकों को सुरक्षा प्रदान करने और उनका मुफ्त सरकारी बीमा करने की मांग पर आंदोलन फूट पड़ा. अगले दिन चालक यूनियन के अनुमंडल सचिव व माले नेता का. भूषण सिंह के नेतृत्व में जन आक्रोश मार्च निकाला गया था। जयनगर के अनुमंडलाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को यूनियन नेताओं के द्वारा लिखित आवेदन देकर इन मांगों पर तुरत कार्रवाई करने की मांग की गई थी. लेकिन, प्रशासन को पूरी तरह से निष्क्रिय देख विगत 17 फरवरी को जयनगर मोटर चालक यूनियन ने जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर में बैठक आयोजित कर 20 फरवरी को चक्का जाम आंदोलन की घोषणा की थी. आंदोलन का नेतृत्व मो. जहांगीर, मो. मुस्तफा, शिवजी पासवान, सूरज ठाकुर, अशोक गिरी, मो. इम्तियाज, मो. सद्दाम, पप्पू पंडित, दिनेश यादव, अमीर यादव, संजय यादव, मोहम्मद जाहिद, अरविंद कुमार यादव, कारी यादव, मोहम्मद असगर अली, कपिल दास, प्रदीप घोष, श्याम राय, मोहम्मद रजिया आदि कर रहे थे.
प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर और प्रखंड प्रमुख के द्वारा मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद ही चक्का जाम आंदोलन खत्म हुआ. नेताओं ने कहा कि यदि स्थानीय व नेपाल पुलिस मिलकर यूनियन की छह सूत्री मांगों को शीघ्र पूरा नहीं करती है तो 11 मार्च को ‘जयनगर बंद’ किया जाएगा।
- भूषण सिंह