पहले मुजफ्फरपुर, फिर पटना और हाजीपुर - राज्य के आश्रय गृहों और होस्टलों में रहनेवाली बच्चियों, महिलाओं और कमजोर वर्ग की छात्राओं के शोषण व यौन उत्पीड़न की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. बिहार की छात्राओं में इनके खिलाफ आक्रोश भी बढ़ता ही जा रहा है. छात्रायें स्कूल-कॉलेज कैंपसों से बाहर आकर इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं.
आंदोलित छात्रायें मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा समेत इस मामले में शामिल सभी भाजपा-जदयू नेताओं को गिरफ्तार करने, ‘टिस’ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, ऐसे तमाम आश्रय गृहों का सीबीआइ जांच के दायरे में शामिल करने, आश्रय गृहों से गायब कर दी गई तमाम संवासिनों को बरामद करने तथा पूरे मामले को लेकर ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट जारी करने की मांग कर रही हैं.
7 अगस्त को पटना वीमेंस कॉलेज से इसकी शुरूआत हुई जब छात्राओं ने बेली रोड पर शृंखलाबद्ध खड़े होकर इन घटनाओं के खिलाफ अपने रोष का इजहार किया. आंदोलित छात्राओं का कहना है कि इस मामले में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे भर से बात नहीं बनेगी बल्कि नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी को भी इस्तीफा देना होगा.
10 अगस्त को पटना में आइसा के बैनर तले पटना विश्वविद्यालय स्थित दरभंगा हाउस से कारगिल चौक तक किये गये ‘न्याय मार्च’ में भी छात्राओं ने हिस्सा लिया. पटना विवि छात्र संघ अध्यक्ष पद की पूर्व प्रत्याशी मीतू कुमारी, पूनम, ज्योति, अंकिता आदि के नेतृत्व में निकले प्रतिवाद मार्च में शामिल छात्राएं इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को गुनाहगार ठहराते हुए उनसे इस्तीफा देने, इन मामलों में अविलंब ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट जारी करने, ‘टिस की रिपोर्ट’ को सार्वजनिक करने की मांग संबंधी नारे लगाते हुए कारगिल चौक तक पहुंची. वहां आयोजित सभा में भी उन्होंने आश्रय गृहों को कत्लगाह बना देने के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
12 अगस्त को आरा के महाराज कॉलेज में एक बैठक आयोजित की गयी और ऐसी घटनाओं के खिलाफ जारी आंदोलन में छात्राओं को भागीदार बनाने की तैयारी की गयी. ऐपवा राज्य अध्यक्ष शशि यादव की मौजूदगी में संपन्न हुई बैठक में करीब 50 से भी अधिक छात्राओं ने हिस्सा लिया. छात्राओं - रजनी, राखी, प्रिया, रिचा प्रिया, प्रीती भारती, पिंकी, उर्मिला ने भी अपनी बातें रखीं और इस मुहिम को आगे बढ़ाने का संकल्प जाहिर किया.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बेतिया में आइसा के बैनर तले छात्राओं की बड़ी भागीदारी के साथ ‘न्याय मार्च’ निकाला गया. इसका नेतृत्व स्थानीय महारानी जानकी कुंवर कॉलेज छात्र संघ की महासचिव व आइसा नेत्री निखिता कुमारी ने किया. राज कोशी बालिका उच्च विद्यालय से निकला और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए एमजेके कॉलेज द्वार पर एक सभा आयोजित करने के साथ न्याय मार्च का समापन हुआ. ‘न्याय मार्च’ में सोनी कुमारी, आरती कुमारी, रागिनी कुमारी, शगुफ्ता खातून, अंजलि कुमारी, वंदना कुमारी, रेशमा परवीन, गजाला परवीन, नाजिया परवीन, साजिया खातून, निर्मल कुमारी, लकी कुमारी, खुशी कुमारी आदि समेत सैकड़ों छात्राएं शामिल थीं.