अंग्रेजी राज के खिलाफ चले आजादी आंदोलन के समय 9 अगस्त, 1942 को शुरू हुए निर्णायक ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ के अवसर पर भाकपा(माले) द्वारा ‘नए भारत के वास्ते, भगतसिंह-अम्बेडकर के रास्ते’ नारे के साथ ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ कन्वेंशन का आयोजन लालकुआं (नैनीताल) के अम्बेडकर हॉल में किया गया. सर्वप्रथम इस अवसर पर आजादी आंदोलन के शहीदों को याद किया गया और वरिष्ठ माले नेता कामरेड बहादुर सिंह जंगी ने क्रांतिकारी शहीदों की याद में जनगीत प्रस्तुत किया.
कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) के उत्तराखण्ड प्रभारी का. राजा बहुगुणा ने कहा कि देश में आज जैसी सरकार बैठी हुई है, उसने आजादी के आंदोलन से प्राप्त आजादी और लोकतंत्र को ही खतरे में डाल दिया है. मोदी सरकार के मंत्री खुलेआम संविधान बदलने की बातें बार-बार दोहरा रहे हैं. जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज़ादी आंदोलन में कोई भूमिका नहीं निभाई उसका राजनीतिक दल भाजपा आज आजादी आंदोलन से प्राप्त संविधान को बदलने की बात कर रहा है. ये दलितों और महिलाओं के गुलामी के दस्तावेज मनुस्मृति को संविधान की जगह देना चाहते हैं, और जब ये ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो अघोषित तरीके से मनुस्मृति को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं. यह देश की प्रगति के खिलाफ है और बहुत ही खतरनाक विचार है.
उन्होंने कहा कि, आज लोकतंत्र पर खतरा पैदा हो गया है और महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर सत्ता के संरक्षण में हमले बढ़ते जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर से लेकर देवरिया, कठुआ और उन्नाव तक सभी जगह भाजपा नेता महिलाओं के उत्पीड़न के सूत्रधार पाए गए हैं, परन्तु छोटी छोटी बात पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री मोदी इन सब घटनाओं पर एक शब्द भी नहीं बोले. ऐसे में ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ देश की बहुसंख्यक मेहनतकश आबादी का नारा बनता जा रहा है.
कन्वेंशन को ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड निशान सिंह, वरिष्ठ माले नेता बहादुर सिंह जंगी, आंदोलनकारी पत्रकार सरताज आलम, माले के उधमसिंहनगर जिला सचिव आनन्द सिंह नेगी, ललित मटियाली, रुदल प्रसाद, किशन बघरी आदि ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर वरिष्ठ माले नेता भुवन जोशी, विमला रौथाण, रूबी भारद्वाज, सुचारू बाला, कमला जोशी आदि अनेक लोग मौजूद रहे.
इस अवसर पर सर्वसम्मति से तय किया गया कि शहीदे आज़म भगतसिंह के जन्मदिन 28 सितम्बर को हल्द्वानी में इंकलाब रैली आयोजित की जायेगी.