‘सभी छोटे कर्जों की वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगाओ’, ‘स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओं के सामूहिक कर्ज माप करो’, ‘एक लाख रुपये तक का निजी कर्ज – चाहे वो सरकारी, माइक्रो फायनेंस संस्थानों अथवा निजी बैंकों से लिए गए हों – का लाॅकडाउन के दौर की सभी किस्तें माप करो’, ‘स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और उनके उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करो’, ‘एक लाख रुपये तक के कर्ज को ब्याज मुक्त बनाओ’, ‘शिक्षा लोन को ब्याज मुक्त करो’, ‘सामूहिक कर्ज के नियमन के लिए राज्य स्तर पर एक ऑथरिटी बनाओ’, ‘स्वरोजगार के लिए 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर 0-4 प्रतिशत ब्याज दर निर्धारित