श्रमिक अधिकारों को रौंदने वाली चार श्रम संहिताओं, विनाशकारी तीन कृषि कानूनों, बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि तथा कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करने वाला बिजली सुधार अधिनियम 2020, एलआईसी, रेलवे, कोयला खदानों के निजीकरण, केंद्र-राज्य तथा पेंशनरों के महंगाई भत्ते की वृद्धि पर रोक, अर्थव्यवस्था का सर्वनाश, अब तक की सबसे बड़ी बेरोजगारी, डीजल-पेट्रोल के दामों में बेतहाशा वृद्धि, विकराल महंगाई, असंगठित क्षेत्र तथा प्रवासी श्रमिकों की तबाही आदि के विरुद्ध 23 सितंबर 2020 को देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा स्वतंत्र फेडरेशनों ने धरना-प्रदर्शन का देशव्यापी कार्यक्र