बदायूं गैंगरेप कांड: योगी के रामराज्य की हकीकत


उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50 वर्ष की एक महिला के साथ गैंग रेप की जघन्य वारदात हुई है. यह घटना 3 जनवरी की है. उस दिन शाम को 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी. इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने हैवानियत की हदें पार करते हुए न सिर्फ उसके साथ गैंगरेप किया बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की राॅड डालकर उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया और मर चुकी महिला की लाश फेंकने से पहले वहां कपड़ा ठूंस दिया. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद देर रात को वे उसकी खून से लथपथ लाश उसके घर फेंक कर फरार हो गए.

मोदी के ‘मन की बात’ के खिलाफ किसानों की ‘ताली-थाली’


विगत 27 दिसंबर 2020 को भाकपा(माले) व अखिल भारतीय किसान महासभा के कायकर्ताओं ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसान संगठनों के आह्वान पर पूरे देश में पीएम के ‘मन की बात’ का ताली-थाली बजाकर विरोध किया. पार्टी व जनसंगठनों के कार्यकर्ता रविवार को शहर से लेकर गांवों तक टोलियां बनाकर सुबह 11 बजने का इंतजार करते रहे. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर अपने ‘मन की बात’ शुरू की, कार्यकर्ताओं ने ताली-थाली जोर से पीटनी शुरू की. यह प्रतिवाद तबतक चला, जब तक पीएम का संबोधन जारी रहा.

‘घेरा डालो-डेरा डालो’ आंदोलन


बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर पंचायत के वार्ड-5 स्थित पांडे पोखर उड़ाही में 9 लाख रुपये के फर्जीवाड़ा मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करने, राशि उठाव के बावजूद अधूरी पड़ी नलजल योजना को पूरा कर जलापूर्ति शुरू करने, दाखिल-खारिज व एलपीसी बनाने में घूस लेने पर रोक लगाने, भूमिहीनों को वास की जमीन देने व सरकारी जमीन पर बसे गरीबों को वासगीत पर्चा देने आदि मांगों को लेकर विगत 16 दिसंबर 2020 से भाकपा(माले)ने ताजपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन ‘घेरा डालो डेरा डालो’ आंदोलन शुरू किया.

किसान दिवस के मौके पर देशव्यापी प्रदर्शन


इस बार किसान दिवस (23 दिसंबर) जो भारत के प्रधानमंत्री रह चुके चर्चित किसान नेता चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन के अवसर पर घोषित है, केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ किसानों के देशव्यापी प्रदर्शनों का गवाह बना. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर किए गए इन प्रदर्शनों ने तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को नई गति दी. भाकपा(माले) और अखिल भारतीय किसान महासभा ने इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

किसान आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी

14 दिसंबर का आह्वान: कहीं प्रदर्शन, कहीं गिरफ्तारी

किसान आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी

मोदी सरकार के तीन ‘काले’ कृषि कानूनों की मुकम्मल वापसी के लिए जारी किसान आंदोलन के समर्थन में विगत 14 दिसंबर 2020 को पूरे देश में किसानों के प्रदर्शन हुए. जिला मुख्यालयों पर होने वाले इन प्रदर्शनों का आह्वान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया था. अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा(माले) से जुड़े तमाम जनसंगठनों ने पूरे देश में इसे उत्साहपूर्वक आयोजित किया.

‘JIO छोड़ो, Bsnl से जुड़ो’ अभियान


केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों की अपील पर वाम दलों ने 12 दिसम्बर 2020 को रांची में रिलायंस के खिलाफ ‘जियो छोड़ो, बीएसएनएल से जुड़ो’ अभियान की शुरुआत की. दर्जनों जियो उपभोक्ता बीएसएनएल के स्टोर जाकर अपना जियो सिम पोर्ट करा कर बीएसएनएल से जुड़ गए.