वर्ष - 31
अंक - 6
05-02-2022

राजस्थान के उदयपुर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर झाड़ोल तहसील में दिनदहाड़े आदिवासी विवाहिता के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना घटी. पता चला कि पीड़िता अपने ससुराल से मायके खेतों के बीच पंगडंडी से से होते हुए बस पकड़ने चल रही थी. इसी बीच तीन लड़के मोटरसाइकिल पर आये. मोटरसाइकिल चलाने वाला दो लड़कों को छोड़ कर चला गया. वे दोनों उस महिला को घसीट कर एकांत में ले गए. उन्होंने उसके साथ मारपीट की, उसके कपड़े फाड़ डाले और मोबाइल छिन लिया. फिर उसके साथ बलात्कार किया और गला दबा कर मार डालने की कोशिश की. पीड़िता ने पास की पुलिस चौकी में जाकर जब अपनी आपबीती बताई तब पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया और मुकदमा दर्ज कर दोषियों की तलाश शुरू की. अगले दिन अखबार में छपी खबर पढ़कर ऐपवा टीम वहां पहुंची. ऐपवा टीम पुलिस चौकी पर जाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद पीड़िता से मिलने के लिए उसके पीहर गई जहां उसकी मां मिली. उसने बताया कि पुलिस वाले उसे सुबह से ही थाने ले गए हैं. वह अभी तक घर नहीं लौटी है. पूछने पर पिता ने बताया कि वह ससुराल चली गई होगी. ऐपवा टीम जब वहां पहुंची तो वह वहां भी नहीं मिली. सास, ससुर, देवर सभी परेशान थे. ऐपवा टीम पीड़िता के ससुर, सास, मां, पिता, देवर व उसके दोनों बच्चों से मिली. पीहर व ससुराल पक्ष के सभी परिजन खौफ में हैं और दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. अनुसन्धान के नाम पर पीड़िता को सुबह से सूर्यास्त के बाद भी थाने में रखा गया और वह रात 8.30 बजे घर पहुंची. उसे अभी तक एफआईआर की प्रति भी नहीं मिली है. वह इस बात के लिए चिंतित थी कि मेरे मेडिकल और शिकायत में क्या लिखा है उसे पता नहीं? कहीं बलात्कारी कठोर सजा से बच नहीं जायें? टीम को पीड़िता ने हादसे के बारे में बताते हुए अपनी चोटों के निशान दिखाए और बताया कि उसके पूरे शरीर में दर्द है. उसकी आपबीती बेहद डरावने वाला थी. पीड़िता ज्यादती न करने और अपने बच्चों पर रहम खाने के लिए लगातार आग्रह करती रही, लेकिन दरिंदों ने हर आग्रह के बाद उसको और मारा-पीटा. जैसे-तैसे वह बचकर भागी. उसने बताया कि पति सहित पूरा परिवार पीड़िता के साथ खड़ा है और दोषियों को कड़ी सजा दे कर न्याय की आशा कर रहा है. ऐपवा टीम ने एफआईआर की प्रति नहीं मिलने पर पुलिस अधीक्षक से बात की और अपनी आपत्ति जताई. ऐक्टू नेता सौरभ नरूका ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर ट्वीट किया तब जाकर पीड़िता को एफआईआर की प्रति मिली. लेकिन चिकित्सकीय जांच की प्रति अभी तक भी नहीं मिली है. ऐपवा राष्ट्रीय काउन्सिल की सदस्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता रिंकू परिहार के प्रयासों से पीड़िता को मुआवजा भी मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. टीम में ऐपवा राज्य सचिव सुधा चौधरी, जिला सचिव डा. फरहत बानू, ऐक्टू के राज्य सचिव सौरभ नरुका, भाकपा(माले) के जिला सचिव डा. चन्द्रदेव ओला, रिंकू परिहार इत्यादि शामिल थे.

ऐपवा ने मांग किया हैः

1. पीड़िता को मेडिकल जांच की प्रति तुरंत दी जाये.
2. बचे हुए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक के आधार पर ट्रायल चला कर तुरत सजा दी जाये.
3. पुलिस पीड़िता की काउंसिलिंग करवाये और उसकी व उसके परिजनों की मानसिक हिम्मत व आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करे.
4. पीड़िता को मुआवजा दिया जाये और उसे मेडिकल सहायता उपलब्ध करायी जाये.
5. उसके परिजनों पर किसी भी तरीके का राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव नहीं डाला जाये.
6. एक आरोपी का हिस्ट्रीशीटर होने के तथ्य को देखते हुए पीड़िता व परिवार को पूरी सुरक्षा दी जाये.
7. पूरी घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाये.

 – सुधा चौधरी