बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतें अब एक आम परिघटना बन गई हैं. न जाने कितनी मौतों के बाद नीतीश कुमार की नींद खुलेगी.
नालंदा के बाद सारण में मौत का तांडव
16 जनवरी 2022 को नालंदा में तांडव मचाने के तीन दिनों बाद सारण में जहरीली शराब ने तांडव मचाया है. सारण जिला के मकेर व अमनौर प्रखंड के दो गांवों में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई.
भाकपा(माले) के विधायक सत्यदेव राम के नेतृत्व में भाकपा(माले) के मकेर प्रभारी राम कुमार महतो, जिला नेता बिजेन्द्र मिश्र और अमनौर प्रखड सचिव जीवनंदन राम सहित अन्य स्थानीय नेजाओं की एक जांच टीम ने दोनों गांवों का दौरा किया और पूरे मामले की जानकारी ली.
माले जांच दल ने कहा है कि अब तक पांच लोगों की मौत की सूचना मिली है, जबकि दो अन्य लोग इलाज रत हैं. मरने वाले लोगों में - (1). रामनाथ राम (57 वर्ष), नरसिंहभानपुर, अमनौर (2). मो. ईशा (50 वर्ष), बंगला वसंतपुर, अमनौर (3). कृष्णा महतो (55 वर्ष), परमानंद छपरा, अमनौर (4). बृजबिहारी राम (55 वर्ष), नंदन केतुका, मकेर और (5). भरत राम (40 वर्ष), नौकाढ़ा, मकेर शामिल हैं. सूरज बैठा (50 वर्ष), तारा, अमनौर और पलटन महतो (35 वर्ष), परमानंद छपरा, अमनौर इलाज रत हैं.
मृतक परिजनों को 20 लाख रु. का मुआवजा, अस्पताल में भर्ती दो लोगों का सरकारी खर्च पर इलाज और शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ पर कार्रवाई की मांग को लेकर 20 जनवरी को जिले में भाकपा(माले) की ओर से प्रदर्शन किया गया.
विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि बिहार सरकार जहरीली शराब से हो रही मौतों के असली कारणों तक नहीं जाना चाहती और लगातार बेहद गैरजिम्मेवारी का परिचय दे रही है. विधानसभा के आगामी सत्र में इस सरकार को जहरीली शराब से हुई मौतों पर जवाब देने के लिए विवश किया जाएगा.
जहरीली शराब से हो रही मौत के खिलाफ भाकपा(माले) ने 22 जनवरी 2022 को नौगछिया के जाह्ववी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. झंडे-बैनर के साथ दर्जनों कार्यकर्ताओं ने आक्रोशपूर्ण नारे लगाए और मुख्यमंत्री का पुतला फूंका.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा(माले) जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल ने कहा कि जबतक शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ पर नकेल नहीं कसा जाता, जिसकी ओट में शराब की होम डिलीवरी और जहरीली शराब का कारोबार चल रहा है, तबतक पूर्ण शराबबंदी संभव नहीं और मौतों का यह सिलसिला रूकने वाला नहीं है. लेकिन बारंबार आग्रह के बाद भी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और जहरीली शराब के जरिए गरीबों का जनसंहार रचवा रही है. गरीबों-मजदूरों व दलितों को जेल में ठूसा जा रहा है. बीते सितम्बर में खरीक के गरीब-मजदूर मनोज चौधरी को शराब पीने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में ले लिया और बेरहमी से पीट-पीट कर उसकी जान ले ली. घटना के करीब 6 महीने हो गए मगर दोषियों के खिलाफ अब कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था.
विरोध प्रदर्शन के जरिए भाकपा-माले ने मांग की कि पुलिस हिरासत में स्थानीय खरीक निवासी मनोज चौधरी की हुई हत्या मामले में न्याय की गारंटी हो, हत्या में संलिप्त सभी पुलिस अधिकारियों-कर्मियों को बर्खास्त कर उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाये और सजा की गारंटी हो. मृतक मनोज चौधरी के आश्रित को 50 लाख रुपये का मुआवजा व पत्नी को सरकारी नौकरी मिले.
विरोध प्रदर्शन में भाकपा(माले) के जिला सचिव विंदेश्वरी मंडल, जिला कमिटी सदस्य फागु मंडल, जयंत कुमार, शंभु मंडल, अनिल मंडल, राजेश कुमार आदि समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए.
डुमरांव में जहरीली शराब से मौते : जांच दल ने किया घटनास्थल का दौरा
जहरीली शराब से हुई 6 लोगो की मौतों की सूचना मिलते ही 27 जनवरी 2022 को भाकपा(माले) की जांच बक्सर जिलेक के अमसारी गांव पहुंची. जांच टीम साथ ही साथ ही भाकपा-माले के डुमरांव विधायक और इनौस के प्रदेश के सम्मानित अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे. गए. विधायक और माले जांच टीम ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की. जांच टीम को लोगों ने बताया कि गांव के पास पोखरा पर 8 लोगों ने एक साथ शराब पी और उसके बाद रात में ही मौत का सिलसिला शुरू हो गया. 5 शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, 2 लोग अस्पताल में इलाजरत है और 1 व्यक्ति अभी लापता है.
इसी बीच भाकपा माले के जांच टीम ने देखा कि पुलिस व प्रशासन मुसहर टोली के सुखु मुसहर (उम्र 50 वर्ष) की लाश को जबरन उठाने की कोशिश कर रही है. माले नेताओं, कार्यकर्त्ताओं व जनता द्वारा लाश को रोके जाने पर प्रशासन के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई. भाकपा(माले) ने जिले के वरीय अधिकारियों को बुलाए जाने की मांग की. इसके बक्सर डीएम भी घटना स्थल पर पहुंचे. उसके बाद ही शव को पोस्टमार्टम के लिए छोड़ा गया.
भाकपा(माले) की जांच टीम व विधायक अजित कुमार ने शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ पर सख्त कार्रवाई करने तथा सभी मृतक परिजनों को 5 लाख रु. का मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की. भाकपा(माले) विधायक व जांच दल ने कहा कि ये मौतें सरकार की लापरवाही से हुई हैं और इसके लिए प्रशासन व सरकार दोषी है, जदयू-भाजपा की डबल इंजन सरकार माफियाओं को संरक्षण दे रही है.
भाकपा(माले) ने उपरोक्त मांगों को नहीं पूरा करने पर गांधी शहादत दिवस पर प्रतिवाद की घोषणा की है. जांच टीम में भाकपा(माले) के चौगाई प्रखंड सचिव बीरेन्द्र सिंह, इनौस नेता धर्मेन्द्र यादव, मीडिया प्रभारी संजय शर्मा, डुमरांव सचिव सुकर राम, नंदन मुखिया, रामजी यादव, रिंकू कुरैशी शामिल थे. घटनास्थल पर भाकपा(माले) के केसठ प्रखंड सचिव ललन प्रसाद , नवानगर प्रखंड सचिव हरेंद्र राम, रवि रंजन सिंह, नीरज कुमार, भदेसर साह आदि भी मौजूद थे.
भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने बक्सर के अमसारी में जहरीली शराब से हुई 6 लोगो की मौतों को बेहद दुखद बताया है और पूछा है कि और कितनी मौतों के बाद सरकार की नींद खुलेगी? शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ की जांच व उसपर कार्रवाई की मांग को लगातार अनसुनी करने का ही नतीजा है कि लगभग हर दिन और हर जिले से जहरीली शराब से दर्दनाक मौतें हो रही हैं.