आदिवासियों का एक ही नारा, जल जंगल जमीन है हमारा!’ इस नारे के साथ कापरडा व धरमपुर तालुका, जिला- वलसाड, गुजरात में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) नेतृत्व में ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ा गया है.
इस चुनाव प्रचार के हर कदम पर माले कार्यकर्ताओं ने भाजपा-बजरंग दल और कहीं कहीं कांग्रेसी (कोंगी) गुंडों के विरोध व धमकियों का डटकर सामना किया है और साहस के साथ इस क्षेत्र में आदिवासियों के वन अधिकार तथा अन्य सवालों पर भाकपा(माले) द्वारा किये गए कठिन संघर्ष का लेखा-जोखा आम लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया.
जहां भाजपा-कांग्रेस ने वोट के लिए शराब, पैसा और बाहुबल का भरपूर इस्तेमाल किया, वहीं माले कार्यकर्ताओं ने साधनविहीन हालात में सिर्फ राजनीतिक गोलबंदी के जरिये ही चुनावी संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए अलग-अलग पंचायतों के 12 सीटों पर खड़े उम्मीदवारों के लिए सघन चुनाव प्रचार संचालित किया. इनमें 9 सीटों पर भाकपा(माले) उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की हैं.
विजेता सदस्यों की सूची इस प्रकार है – (1) गुलाबभाई जमनाभाई मोर, ग्राम पंचायत–टेरी चिखली, (2) सुनीलभाई धबलुभाई तूमड़ा, ग्राम पंचायत–टेरी चिखली, (3) संगीता बेन महेंद्रभाई अरज, ग्राम पंचायत – घानवेरी, (4) सतीश भाई धकल भाई चौधरी, ग्राम पंचायत–घानवेरी, (5) कासमभाई भावुभाई लाखन, ग्राम पंचायत–मोटी पॉलसन, (6) किसनभाई संतुभाई दरवदे, ग्राम पंचायत–तूकवाड़ा, (7) माहदुभाई सकाभाई घाटाल, ग्राम पंचायत–चेपा, (8) राशिबेन किसनभाई भूम्बा ग्राम पंचायत–सरवर टाटा (सभी कापरड़ा तालुका), (9) बाबूराव नानकियाभाई यादव, ग्राम पंचायत–बाघवल (तालुका - धरमपुर).
- कमलेश एस. गुरव