गोपालगंज जिले में इनौस के राज्य उपाध्यक्ष व भोरे विधानसभा क्षेत्र से भाकपा(माले) प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को फर्जी तरीके से हत्या के एक मामले में फंसा दिया गया है. यह मामला विजयीपुर थाना के कोरेया ग्राम निवासी अटल पांडेय नामक एक दबंग व अपराधी चरित्र के व्यक्ति की हत्या से जुड़ा है. पांडेय परिवार ने चार माह पहले अपने ही गांव के संजय यादव व वकील यादव को खेत की मेंड़ तोड़ने का बहाना बनाकर बुरी तरह पीटा था. विदित हो कि पांडेय परिवार ने पुरैना गांव के मुन्ना पांडेय (20 वर्ष) की हत्या कर दी थी. उन्होंने राजकुमार व प्रेम खरवार की सवा दो बीघा से अधिक जमीन पर जबरन कब्जा जमा लिया थाऔर दोनों को इस कदर पीटा था कि उन्हें सदर अस्पताल, गोपालगंज में भर्ती होना पड़ा. पीड़ितों के घर की सारी सम्पति दबंगो द्वारा लूट ली गई और उनकी मोटरसाइकिल जला दी गई. पुलिस प्रशासन द्वारा दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टे पीड़ितो व उनके एक मददगार को अस्पताल से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. 21 दिसम्बर को जब इस घटना के खिलाफ एक बड़ी सभा आयोजित हुई तब जाकर पुलिस ने पांडेय परिवार के आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज किया. इससे पहले 12 अगस्त 2021 को भी जज्वलिया बाजार में पांडेय परिवार के करतूतों को, जिसमें दबंगई व गुंडई के बल पर दादागिरी करना और दर्जनों लोगों की जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा करना शामिल है, उजागर करते हुए सभा की गई थी.
का. जितेन्द्र पासवान को अभियुक्त बनाये जाने के खिलाफ लगातार आंदोलन जारी है. 7 दिसंबर 2021 को विजयीपुर, 8 दिसंबर को भोरे तथा 21 दिसंबर को शनिचरी बाजार में विशाल जनसभा की गई जिसको जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा व डुमरांव विधायक अजित कुशवाहा ने सम्बोधित किया. सभा को सम्बोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि गरीबों की आवाज को दबाने व रोकने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज करना सामंत-पुलिस गठजोड़ का पुराना तरीका है लेकिन कोई भी साजिश जनता की लड़ाई व आवाज को दबा नही सकी है. उन्होंने गांव-गांव में गरीबों को संगठित होने और भाकपा(माले) को मजबूत बनाने की अपील करते हुए कहा कि यह संगठन ही भाजपाई ताकतों के साजिश को नाकाम करेगा. सभा को भाकपा(माले) के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया, रविन्द्र सिंह, सुबाष पटेल, आलम खान, आशा कार्यकर्ता संघ के जिलाध्यक्ष सीता पाल इत्यादि ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता श्रीराम कुशवाहा ने की.