वर्ष - 30
अंक - 52
25-12-2021

इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाइए) का 8वां राज्य सम्मेलन मुजफ्फरपुर के किरण भवन में संपन्न हुआ. इस अवसर पर बिहार भर से आये युवा प्रतिनिधि शहर में विशाल जुलूस निकाल कर शहीद खुदीराम बोस के स्मारक पर पहुंचे जहां आरवाइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अंगिआवं विधायक मनोज मंजिल, महासचिव नीरज कुमार, सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जिरादई विधायक अमरजीत कुशवाहा आदि ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया. शहीदों के अधूरे सपनो को पूरा करने का संकल्प लिया. उसके बाद किरण भवन (दीवान रोड) में सम्मेलन की शुरूआत की गई.

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि पिछले एक साल से दिल्ली की सरहदों पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के सामने सरकार को झुकना पड़ा और तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े. अभी हमारा देश एक जुझारू नौजवान व किसान आंदोलन के दौर से गुजर रहा है. किसान आंदोलन की जीत सम्मानजनक रोजगार के लिए लड़ रहे नौजवानों के लिए उर्जा व प्रेरणा का स्रोत बन गई है. युवाओं को किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 से अधिक किसानों से प्रेरणा लेते हुए सम्मानजनक रोजगार के अधिकार के लिए आंदोलन को और भी जोरदार और प्रभावी बनाना है. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 15 साल के नीतीश कुमार के शासन ने बिहार को बेरोजगारी में देश के बाकी सभी राज्यों में सबसे आगे लाकर खड़ा कर दिया. बिहार देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का सामना कर रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए के लोगों ने बिहार में नौजवानों से 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. एनडीए को सरकार में आए एक साल हो गये हैं लेकिन अभी तक नौजवानों को रोजगार देने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नौजवानों के सामने रोजगार के लिए आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नही बचा है.

का. मनोज मंजिल ने कहा कि आज बिहार में अलग-अलग बहालियों के अभ्यर्थी ठोकरें खा रहे हैं लेकिन इनकी मांगों को सरकार सुनने को तैयार नहीं है. ऊपर से एक फरमान सुनाया गया है कि अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे तो उनको नौकरी से वंचित किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस तानाशाही रवैये के खि़लाफ बिहार का नौजवान आर-पार की लड़ाई लड़ेगा.

संगठन के राष्ट्रीय महासचिव नीरज ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की लाइफ लाइन भारतीय रेल को नीलाम करने का फैसला लिया है. रेलवे ना सिर्फ 5 साल में तीस से चालीस हजार नौजवानों को रोजगार देता था बल्कि करोड़ों भारतवासियों के सपने को ढोता है. रेलवे के अलावे आज देश की बेशकीमती कंपनियां व संस्थायें जो पिछले 75 साल की देश की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही हैं, सब की सब नीलामी के बाजार में है. इन कंपनियों को नीलाम कर के नौजवानों से ना सिर्फ नौकरियों के अवसर छीन गए हैं बल्कि सामाजिक न्याय व युवाओं के सपने को भी पूंजीपतियों के हाथों नीलाम कर दिया गया है. रोजगार देने में नाकाम केंद्र और बिहार की नीतीश सरकार अपनी नाकामी को नफरत के चादर के नीचे ढकने की कोशिश कर रही है. सांप्रदायिक जहर फैलाकर नौजवानों को नफरत की आग में झोंक देने की लगातार कोशिश की जा रही है. लेकिन हम सरकार के मंसूबों को कभी सफल नही होने देंगे.

इस सत्र को ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, आरवाइए के सम्मानित अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा, आइसा महासचिव व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, आफताब आलम सहित कई नेताओं ने भी संबोधित किया. सत्र की अध्यक्षता संगठन के राज्य अध्यक्ष सह डुमरांव विधायक अजित कुशवाहा ने की.

सम्मेलन के पर्यवेक्षक राष्ट्रिय उपाध्यक्ष राकेश सिंह के देखरेख में पूर्व राज्य अध्यक्ष व विधायक अजीत कुशवाह को मानद राज्य अध्यक्ष, आफताब आलम को राज्य अध्यक्ष तथा शिवप्रकाश रंजन को राज्य सचिव समेत 87 सदस्यीय राज्य परिषद का चुनाव हुआ.

नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि जिस तरह आरएसएस-भाजपा आजादी आंदोलन को पेश कर रही है और अपने माफी के इतिहास को मिटाना चाहती है उसे बिहार और देश की जनता कतई सफल नहीं होने देगी. हम बिहार में आज़ादी के 75 साल जन अभियान को चलाकर संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और आजादी के मूल्यों पर हो रहे हमलों से देश की हिफाजत करेंगे. रेलवे समेत सभी राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने के खिलाफ युवाओं को संगठित करते हुए आंदोलन तेज करेंगे.

सम्मेलन ने बिहार में अलग-अलग बहालियों के अभ्यर्थियों जैसे शिक्षक, बैंक, एलआईसी, रेलवे, सीजीएल, आईबीपीएस, कार्यपालक सहायक, दरोगा, सिपाही, होमगार्ड, बिहार एसएससी, टोला सेवक, वार्ड सचिव, तालीमी मरकज, विकास मित्र, गेस्ट शिक्षक, सहायक प्रोफेसर, पारा मेडिकल स्टाफ, सांख्यिकी स्वयंसेवक, फिजिकल शिक्षक आदि की मांगों को जल्द ही पूरे बिहार में धारावाहिक आंदोलन शुरू काने की घोषणा की है.

स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों में से एक सरदार उधम सिंह के जयंती पर 26 दिसंबर को नियुक्तियों में न्याय और वार्ड सचिवों के नियमितिकरण के सवाल पर राज्यव्यापी प्रतिवाद किया जाएगा. सम्मेलन में राज्य के कुल 22 जिलों से लगभग 250 प्रतिनिधि शामिल हुए.

Naujawan Sabha concluded