विगत 25 अक्टूबर को भाकपा(माले) की पांच सदस्यीय टीम ने आगरा का दौरा किया और पुलिस हिरासत में जान गंवाने वाले युवा दलित सफाईकर्मी अरुण नरवार के शोक-संतप्त परिजनों से मिल कर उन्हें न्याय दिलाने और उनकी मांगों को पूरा कराने में भरपूर सहायता देने के प्रति आश्वस्त किया.
भाकपा(माले) की राज्य समिति के सदस्य व पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी नसीर शाह के नेतृत्व में गई टीम को मृतक की 75 वर्षीय मां कमला देवी ने बताया कि संबंधित जगदीशपुर थाना की पुलिस परिजनों और करीब 40 रिश्तेदारों को बीते 17 अक्टूबर से ही परेशान कर रही है. बेटे अरुण को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उन्हें उससे मिलने नहीं दिया, 19 अक्टूबर की रात यातना देकर उसे मार डाला और शव को पोस्टमार्टम के बाद ही परिवार को सौंपा. एफआईआर की काॅपी परिजनों को आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.
मृतक के बड़े भाई सोनू और परिवार के अन्य सदस्यों ने कहा कि उन्हें पुलिस जांच पर भरोसा नहीं है. उन्होंने पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की.
मृतक के पीछे उनकी पत्नी सोनम, चार वर्ष का बेटा शिवा, दो वर्ष की बेटी छवि और एक माह की बेटी राधा है. उनकी स्थिति बेहद चिंताजनक और दुखभरी है. मृतक अरुण नरवार आगरा में पुल छिनगा मोदी के निकट वाल्मीकि बस्ती के निवासी थे. टीम ने देखा कि मृतक के घर के पास ही एक कमरे में पुलिस डेरा डाले हुए थी. बस्ती के नाले की सफाई भी नहीं थी और गंदगी के ढेर थे.
जानकारी हो कि आगरा के जगदीशपुर थाने के मालखाने से 16 अक्टूबर को 25 लाख रु. गायब होने पर थाने के सफाईकर्मी अरुण नरवार को पुलिस ने पूछताछ के नाम पर हिरासत में लिया और उन्हें इतनी यातना दी गयी कि 20 अक्टूबर की सुबह उनकी मौत की खबर आई.
पांच सदस्यीय माले टीम के अन्य सदस्यों में पार्टी नेता जी एल चतुर्वेदी (मथुरा), खेम सिंह सिसोदिया (मथुरा), पूरन सिंह राजपूत (आगरा) व सलीम शाह एडवोकेट (मथुरा) शामिल थे. टीम ने पत्नी को सरकारी नौकरी और 10 लाख के बजाय कम-से-कम 50 लाख रूपये राहत के तौर पर सरकार से दिलाये जाने की मांग रखी.
27 अक्टूबर को भाकपा(माले) के दो सदस्यीय जांच दल ने बंथरा थाने के खांडे देव गांव का दौरा कर पुलिस पिटाई से हुई किसान रामचंद्र रावत की मौत के मामले में उनके परिजनों और गांव वालों से मुलाकात की. जांच दल ने पहले उनके घर और उनके अन्त्येष्टि स्थल पर मौजूद परिजनों व अन्य लोगों से बातचीत की. जांच दल में भाकपा(माले) के लखनऊ जिला प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर व राज्य कमेटी सदस्य का. राधेश्याम मौर्य शामिल थे.
कालू रावत ने बताया कि बुजुर्ग रामचंद्र उनके सगे मौसा थे. घटना के दिन देर शाम तक वे उनके साथ घर पर थे तथा पूर्ण रूप से स्वस्थ थे. सुबह उनके गम्भीर रूप से अस्वस्थ होने की खबर सुन कर वह घर आया तो परिवार वालों ने बताया कि 112 नम्बर डायल करने पर 12 बजे के आसपास पुलिस घर आई थी तथा उन्हें शराब पीने के बावजूद मारा-पीटा था. अचेत अवस्था में वे अस्पताल ले जाये गए जहां पर डाक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. थाना पुलिस ने उनका पोस्टमार्टम कराया है और दो पुलिस वालों की मौजूदगी में उनकी अन्त्येष्टि हो रही है.
भाकपा(माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी सरकार में पुलिस हिरासत में मौतें रुकने का नाम नहीं ले रहीं. प्रदेश में लोकतंत्र का नहीं, पुलिस राज चल रहा है. ये मौतें नहीं हैं बल्कि पुलिस द्वारा की गई हत्यायें हैं और सरकार सिर्फ मुआवजा देकर बरी नहीं हो सकती. इनकी हाई कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए.