अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की पूर्वघोषित यात्रा को रोकने के लिए योगी सरकार ने ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कामरेड कृष्णा अधिकारी व जिला अध्यक्ष आरती राय और किसान नेता कमलेश राय समेत कई नेताओं को घर में ही नजरबंद कर लिया है. यह यात्रा 11 नवम्बर को लखीमपुर खीरी के खजुरिया से शुरू होकर पलिया होते हुए 13 नवम्बर को निघासन में एक बड़ी सभा करके समाप्त होने वाली थी.
स्थानीय अधिकारियों ने 10 नवंबर की शाम को कृष्णा अधिकारी और कमलेश राय को बातचीत के बहाने थाने पर बुलाया और उन्हें 4-5 घंटे थाने में रोके रखा और उसके बाद उन्हें कमलेश राय के घर हाउस अरेस्ट कर दिया.
इस यात्रा की अन्य प्रमुख मांगों में तराई में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का जवाब देने और अभी हाल में आई बाढ़ की विभीषिका से बर्बाद फसलों का मुआवजा सहित धान खरीद की गारंटी करने आदि भी थे. इस यात्रा का मकसद टेनी व प्रशासन के आतंक के खिलाफ जिले में लोकतांत्रिक माहौल बहाल करने और 14 को पूरनपुर की किसान पंचायत और 22 नवंबर की लखनऊ की महापंचायत में किसानों की भागीदारी को सुनिश्चित करना भी था.
योगीराज में लखीमपुर प्रशासन कि इस अलोकतांत्रिक कार्रवाई के खिलाफ अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा और प्रदेश उपाध्यक्ष नत्थी लाल पाठक ने उपवास शुरू कर दिया. कामरेड ईश्वरी कुशवाहा ने अपने साथ भी अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 11नवम्बर की सुबह ज्योंहि वे पलिया पहुंचे, पुलिस ने घेरकर कर बिठा लिया. उन्होंने योगी मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि साजिश, हत्या और दमन से किसान आंदोलन दबने वाला नहीं है. टेनी को तो जाना ही है, योगी मोदी भी बचने वाले नहीं हैं.
उपवास स्थल पर ही कामरेड तूफानी जिनकी बिजली के करंट लगने से 10 नवंबर को मृत्यु हो गई थी, 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश नारायण, ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, आरती राय, पीलीभीत के दीनदयाल, सईद उपस्थित थे.