विगत 23 सितंबर 2021 को कामरेड बिजेंद्र यादव (63 वर्ष) का देहरादून के हिमालय अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. 12 जनवरी 1958 को लच्छू बिगहा (धनरूआ, पटना) में जन्मे का. बिजेंद्र ने जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया और गिरफ्तार होकर जेल भी गए. जेल में ही वे भाकपा(माले) के संपर्क में आए. बाहर के बाद उन्होंने सदस्यता ली और एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर काम करने लगे. वे पार्टी की पटना-गया आंचलिक कमिटी के सदस्य बने और घोरहुआं कांड में लगे धक्के के बाद उस इलाके में पार्टी कामकाज के पुनर्गठन और लोरिक सेना व किसान संघ के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे कुछ दिनों तक भाकपा(माले) की राज्य कमेटी के भी सदस्य रहे. 1985 में पहली बार जब पार्टी ने आइपीएफ के बैनर तले चुनावों में भागीदारी की तो वे मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे. 1990 विधानसभा चुनाव में मसौढ़ी से कामरेड योगेश्वर गोप को जीत दिलाने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही.
वे अपनी राजनीतिक सक्रियता बरकरार नहीं रख पाए लेकिन जनहित के मुद्दों पर हमेशा समर्थक बने रहे. बहस-मुबाहिसों में गंभीर रूचि रखने वाले का. बिजेंद्र यादव का असामयिक निधन अत्यंत ही दुःखद है.