भाकपा(माले) व अखिल भारतीय किसान महासभा ने लखीमपुर में किसानों के जघन्य हत्याकांड के दोषी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग के साथ 7 से 13 अक्टूबर तक सप्ताह भर सघन जन अभियान चलाया. इस अभियान के तहत गांवों व हाट-बाजारों में पर्चा वितरण, प्रतिवाद मार्च, नुक्कड़ सभाएं व मोदी-योगी सरकार के पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित किए गए. 12 अक्टूबर को श्रद्धांजलि सभा एवं 13अक्टूबर को गृह राज्य मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने, मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने व निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए अबिलंब गिरफ्तार करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजे गए.
लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र के गांवों में पर्चा वितरण कर गांवों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम किए गए. दरोगा खेड़ा गांव में 12 अक्टूबर को श्रद्धांजलि सभा की गई जिसे पार्टी राज्य कमेटी सदस्य का. मीना, आरबी सिंह और युवा नेता ओपी राज आदि लोगों ने संबोधित किया. 13 अक्टूबर को परिवर्तन चौक से अंबेडकर प्रतिमा के लिए प्रतिवाद मार्च निकाला गया जिसे कुछ दूर जाने पर पुलिस ने रोक दिया. फिर पुलिस से धक्का-मुक्की करते हुए सड़क पर ही सभा की गई. सभा को जिला प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर, राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य, ऐपवा नेत्री मीना, आइसा जिला सचिव आदर्श शाहीव सह सचिव अंजलि आदि लोगों ने संबोधित किया. अंत में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया.
सोनभद्र जिले में कई गांवों में पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. दुद्धी में 12 अक्टूबर को पुलिस घेराबंदी को चकमा देकर पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव, राज्य कमेटी सदस्य बीगन गोंड़ व एडवोकेट प्रभू सिंह के नेतृत्व में मार्च निकालकर कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. 13 अक्टूबर को राबर्ट्सगंज कस्बे में प्रतिवाद मार्च निकालकर तहसील में सभा की गई और एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. सभा को राज्य सचिव सुधाकर यादव, जिला सचिव सुरेश कोल, राज्य कमेटी सदस्य शंकर कोल आदि ने संबोधित किया.
आजमगढ़ जिले में 7-13 अक्टूबर के बीच तीन तहसील/ब्लॉक क्षेत्रों - लालगंज, मेहनगर और तहबरपुर के एक दर्जन से अधिक गांवों में सभाएं की गई और मोदी-योगी सरकार का पुतला दहन कर लखीमपुर-खीरी हत्याकांड के आरोपी आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू को गिरफ्तार करने व मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग उठाई गई. 10 अक्टूबर को कोइनहा बाजार में जुलूस निकाला गया. 12 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठनों के साथ संयुक्त रुप से आजमगढ़ शहर में मौन जुलूस निकाल कर शहीद किसान दिवस मनाया गया और पुनः शाम को गांधी प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाकर शहीद किसानों व पत्राकार को श्रद्धांजलि दी गई. 13 अक्टूबर को लालगंज व मेहनगर तहसील तथा तहबरपुर ब्लॉक पर प्रदर्शन किया गया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया.
बनारस में शाहपुर, तेलारी, नाथपुर व चोलापुर ब्लॉक के लखनपुर व चौबेपुर खुर्द में पुतला दहन कर सभा की गई. 12 अक्टूबर को सिन्धोरा में प्रतिवाद मार्च कर सभा की गई.
गोरखपुर जिले में भाकपा(माले) व संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में टाउन हाल में तथा ग्राम पंचायतों में श्रद्धांजलि सभाएं की गईं. देवरिया शहर में संयुक्त किसान मोर्चा तथा भाकपा(माले) के नेतृत्व में श्रद्धांजलि सभा की गई. बलुवन बाजार में मार्च निकालकर सभा की गई. बलिया जिले में सिकन्दरपुर कस्बे में भाकपा(माले) तथा किसान महासभा के नेतृत्व में शोक सभा की गई जिसे खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, राज्य कमेटी सदस्य वशिष्ठ राजभर, जिला सचिव लाल साहब और किसान महासभा के नेता नियाज अहमद ने संबोधित किया. बलिया शहर में शोक सभा आयोजित की गई.
गाजीपुर जिले के जमानियां तहसील के तियरी, मथारा बड़ेसर व भैदपुर में किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में मोदी-योगी सरकार का पुतला दहन किया गया. जखनियां तहसील के शाहापुर व खानपुर बाजार में पुतला दहन किया गया जबकि जखनियां व सैदपुर में श्रद्धांजलि सभा की गई. 13 अक्टूबर को जमानियां तहसील मुख्यालय पर शोक सभा करके ज्ञापन दिया गया. भदौरा, जखनियां व सैदपुर में कैंडल मार्च किया गया. मिर्जापुर जिले के कई गांवों में पुतला दहन किया गया और 12 अक्टूबर को एक शोक सभा की गई जिसे पार्टी के जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा व महिला नेत्री जीरा भारती आदि लोगों ने संबोधित किया. चंदौली जिले के नौगढ़, चकिया, साहेबगंज, चंदौली, नियमताबाद, सकलडीहा व चहानियां ब्लॉक के 11 पंचायतों में मोदी-योगी का पुतला दहन किया गया. 13 अक्टूबर को चकिया, चंदौली, सकलडीहा, नियमताबाद व मुगलसराय तहसील पर प्रतिवाद मार्च करते हुए एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. चहानिया ब्लॉक मुख्यालय से भगत सिंह चौक तक मार्च आयोजित किया गया.
महराजगंज जिले के निचलौल तहसील में धरना देकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. जौनपुर में वामदलों की तरफ से श्रद्धांजलि सभा कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. सभा को भाकपा(माले) के जिला प्रभारी गौरव सिंह ने संबोधित किया. बस्ती जिले में भगतसिंह चौक पर भाकपा(माले) तथा भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि सभा की गई. इलाहाबाद में फूलपुर में इफको गेट स्थित एक्टू कार्यालय पर शोक सभा हुई जिसे पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य कमल उसरी ने संबोधित किया. कोरांव में किसानों की पंचायत की गई. 12अक्टूबर वामदलों तथा बुद्धिजीवियों की ओर से चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. रायबरेली जिले में 8 अक्टूबर को सैकड़ों किसानों की भागीदारी के साथ किसान पंचायत लगाई गई. 50 गांवों में कैंडल मार्च निकाला गया. किसान महासभा के जिलाध्यक्ष का. फूलचंद मौर्य को पुलिस ने दो दिन तक घर पर नजरबंद कर दिया. लखीमपुर-खीरी जिले के पलिया में केंद्रीय कमेटी सदस्य व जिला सचिव का. कृष्णा अधिकारी, राज्य कमेटी सदस्य व ऐपवा की प्रदेश उपाध्यक्ष आरती राय, व किसान महासभा के नेता कमलेश राय के नेतृत्व में चीनी मिल मजदूरों व किसानों का संयुक्त कैंडल मार्च निकाला गया. इसी बीच कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने शहीद किसानों के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त किया. 12अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आयोजित शोक सभा को का. कृष्णा अधिकारी ने संबोधित किया. सीतापुर जिले में विस्वां ब्लॉक के जलालपुर तथा हरगांव में पुतला दहन किया गया तथा शोक सभा आयोजित की गई. पीलीभीत में कैंडल मार्च निकाला गया. जालौन में पुतला दहन व श्रद्धांजलि सभा की गई और 13अक्टूबर को उरई में मार्च करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. मथुरा के बाजवा क्षेत्र में किसान महासभा व भाकपा(माले) की तरफ से शोक सभा की गई.
पुलिस की घेरेबन्दियों को धता बताकर 15-16 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तर प्रदेश में जगह-जगह मोदी-योगी का पुतला दहन हुआ.
चंदौली में पुलिस की घेरेबंदी के बावजूद कार्यकर्ता पुतले लेकर जिला मुख्यालय पहुंच गए. पुतला दहन को लेकर पुलिस से छीना-झपटी भी हुई.
देवरिया जिले में भाटपार ब्लॉक में तमाम रोकटोक के बावजूद महिलाओं ने योगी सरकार का पुतला फूंका.
देवरिया जिले में भाटपार रानी ब्लॉक में तमाम रोकटोक के बावजूद महिलाओं ने योगी सरकार का पुतला फूंका. बलिया जिले के मनियर में पुलिस भाकपा(माले) नेताओ को खोजती रही और नेता गांव-गांव पुतला फूंकते रहे और देखते-देखते ढेर सारे गांवों मे कार्यक्रम को सफल वनाया गया. जिले के पिलुई, चोरकैंड व बड़सरी जागीर में भी पुतला दहन हुआ. अंत में भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य वशिष्ठ राजभर, एरिया सचिव राधेश्याम चौहान व इंकलाबी नौजवान सभा के राजू राजभरके नेतृत्व में कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक गिरफ्तारी दी गई.
16 अक्टूबर 2021 को मिर्जापुर के नारायणपुर ब्लॉक के कैलहट में भानू प्रताप सिंह, ओम प्रकाश भारती व अमरेश पटेल के नेतृत्व में प्रधान मंत्री व उत्तर प्रदेश मुख्य मंत्री का पुतला दहन किया गया. कार्यक्रम में शमशेर सिंह, मो. रियाज, मो. हमीद व अन्य लोग भी उपस्थित रहे.
गाजीपुर स्थित जिला कार्यालय, सेवराई कार्यालय, जखनियां कार्यालय और सीपीआई कार्यालय पर भारी तादाद में पुलिस फोर्स की मौजूदगी के बाद भी जिले में जगह-जगह पुतला जलाया गया. सीपीआई कार्यालय भारद्वाज भवन के सामने तथा करवनियां डेरा, सेवराई, खानपुर, गैबीपुर, बेलहरी, हथौड़ा, सराय मुराद अली व भरतपुर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंक कर सभा आयोजित की गई. कार्यक्रम को मोती प्रधान, योगेन्द्र भारती, मनोज कुशवाहा, सीपीआई के जिला सचिव अमेरिका यादव, भाकपा(माले) के जिला सचिव रामप्यारे राम, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष जनार्दन राम, डॉ. रामबदन सिंह, घूरा यादव और मनोज कुशवाहा ने सम्बोधित किया.
सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र में घघरी, झोझवा, टोंगा व पकरी और चतरा ब्लॉक के गुरौटी में मोदी-योगी का पुतला फूंका गया. 16 अक्टूबर की शाम जौनपुर के लखनीपुर व बक्सा में भाकपा(माले) जिला प्रभारी कामरेड गौरव सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का पुतला दहन किया और तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मन्त्रा पद से हटाने की मांग की. कार्यक्रम में ऐक्टू नेता मंत्री कामरेड जगदीश, सूरज, रितू, बदामा, शान्ति आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे.
लखीमपुर कांड के खिलाफ मोदी-योगी का पुतला दहन करने के संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान को विफल करने के लिए 15-16 अक्टूबर को पूर्वांचल से लेकर अवध तक भाकपा(माले) व उसके जनसंगठनों - अखिल भारतीय किसान महासभा, खेग्रामस व ऐपवा के नेता गिरफ्तार और नजरबंद किये गये और भाकपा(माले) कार्यालयों पर पुलिस के पहरे बैठाए गए.
14 अक्टूबर की रात पुलिस ने जौनपुर जिला प्रभारी गौरव सिंह को उनके घर से उठा लिया. दो दिन पूर्व का. गौरव ने जौनपुर के बक्सा ब्लॉक में एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काला झंडा दिखाकर वापस भेजने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में किसान नरसंहार केशव मौर्य के दौरे के दौरान ही हुआ था.
15 अक्टूबर 2021 को सीतापुर जिले के शाह जलालपुर (बिसवां, थाना कमलापुर) में भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य व किसान महासभा नेता संतराम को पुलिस द्वारा घर में नजरबंद कर दिया गया.
गाजीपुर, महाराजगंज, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, जालौन आदि जिलों में भाकपा(माले) कार्यालयों पर जिला प्रशासन ने पुलिस का पहरा बैठा दिया और कार्यकर्ताओं के घरों में छापेमारी की.
रायबरेली जिले के अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष फूलचंद मौर्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया और भदोखर थाने ले गई. पहले दिन की गिरफ्तारी व रिहाई के बाद पुनः दूसरे दिन भी उनकी गिरफ्तारी हुई. बलिया में भाकपा(माले) जिला कमेटी सदस्य नियाज अहमद को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सोनभद्र के राबर्टसगंज में लकवा के शिकार भाकपा(माले) कार्यकर्ता मो. कलीम से भी योगी सरकार को डर था, इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार कर राबर्ट्सगंज कोतवाली में बैठा दिया गया. सोनभद्र के भाकपा(माले) जिला सचिव सुरेश कोल को पहले चौकी ले जाकर रखा गया और बाद में पार्टी के प्रतिवाद पर उन्हें घर लाकर नजरबंद कर दिया गया.
चंदौली में भाकपा(माले) जिला सचिव अनिल पासवान किसान नेता श्रवण मौर्य और इंकलाबी नौजवान सभा के सचिव ठाकुर प्रसाद को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया गया. ऐपवा की जिला सचिव प्रमिला मौर्य और उपाध्यक्ष श्यामदेई को भी पुलिस ने घर में नजरबंद किया तथा ऐपवा की सहसचिव सुनीता को लगातार फोन कर परेशान करती रही. ऐपवा की जिलाध्यक्ष मुन्नी गोंड व भाकपा(माले) जिला स्थाई समिति सदस्य पतालु गोंड को भी गिरफ्तार कर हरिया बांध पुलिस चौकी ले जाया गया. अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव कामरेड किस्मत यादव के यहां रात 12.30 बजे ही पुलिस पहुंच गई और उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया. आंदोलनकारियों से इतना डर था कि हाउस अरेस्ट के दौरान जब भाकपा(माले) जिला कमेटी सदस्य व सकलडीहा सचिव रमेश राय शौच के लिए गए तो भी पुलिस उनके पीछे-पीछे रही.
15 अक्टूबर को देवरिया जिले के बलिवन गांव में मोदी-योगी का पुतला फूंकने के बाद शाम को भाकपा(माले) के तीन कार्यकर्ताओं का. जलेश्वर पटेल (70 वर्षीय) और दो युवा नेताओं - जयप्रकाश चौरसिया व अनिल चौरसिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और घर-घर पूछताछ कर गांववासियों को आतंकित करने का प्रयास किया गया.
गाजीपुर के खानपुर गांव में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष नंदकिशोर बिंद और माहपुर में भाकपा(माले) की जिला कमेटी के सदस्य बेचू बनवासी को भी पुलिस द्वारा घर में नजरबंद रखा गया. भाकपा(माले) के गाजीपुर स्थित जिला कार्यालय, सेवराई कार्यालय, जखनियां कार्यालय और सीपीआई कार्यालय पर भारी तादाद में पुलिस फोर्स की मौजूदगी रही. बलिया में किसान नेता वसंत सिंह ऊर्फ मुनि सिंह को पुलिस ने घर में नजरबंद किया.
मिर्जापुर में किसान महासभा नेता भक्त प्रकाश श्रीवास्तव सुबह पुतला दहन करने की तैयारी में थे. तभी साढ़े आठ बजे पुलिस उनके घर पहुंच गई और उन्हें नजरबंद कर दिया. इसी तरह, फैजाबाद में भाकपा(माले) जिला प्रभारी अतीक को घर पर नजरबंद कर दिया गया.
देवरिया में छोटेलाल कुशवाहा और अरविंद पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया. वाराणसी में भाकपा(माले) के जिला सचिव का. अमरनाथ को सिंधौरा स्थित उनके घर में हाउस अरेस्ट किया गया.
फिर भी पूर्वांचल सहित प्रदेश भर में मोदी-योगी के पुतले फूंके गए और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग की गई. आंदोलन के विस्तार को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस के इस्तेमाल पर पार्टी ने कहा कि योगी सरकार किसान आंदोलन से डर गई है.