वर्ष - 30
अंक - 22
29-05-2021
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26 मई 2021 को दिल्ली बार्डर के मोर्चों पर किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने व मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर देश के किसानों के साथ ही अन्य तबकों ने भी देश भर में काला दिवस मनाया. इसके साथ ही सयुंक्त किसान मोर्चा की ओर से दिल्ली के बार्डरों पर बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई गयी. पूर्व घोषित काला दिवस को देशभर से भारी समर्थन मिला. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन पूरे देशवासियों को अपने घरों, दुकानों, वाहनों और सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने का आह्वान किया था. इस आह्वान को पूरे देश से भरपूर समर्थन मिला. एक तरफ जहां देश के नागरिकों ने केंद्र की जुल्मी सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया है, वहीं दूसरी तरफ देश के संघर्षरत किसानों का भरपूर समर्थन किया. सयुंक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान महासभा ने कार्यक्रम की सफलता के लिए देशवासियों को धन्यवाद करते हुए संकल्प दोहराया कि किसानों की मांगें पूरी होने पर ही आन्दोलन खत्म होगा.

दिल्ली बाॅर्डर के मोर्चे

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने बड़ी संख्या में विरोध दिवस मनाया और मोदी सरकार को चेतावनी दी कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसान वापस नहीं जाएंगे. सरकार चाहे जितना बदनाम करे या पुलिस बल का प्रयोग करे, पर किसान डटे रहेंगे. सिंघु बाॅर्डर पर किसानों ने अपनी अपनी ट्राॅलियां में, कच्चे मकानों में और अन्य वाहनों पर काले झंडे लगाए. किसानों ने अलग-अलग कई जगह पर मोदी सरकार के पुतले जलाए और नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. टिकरी बाॅर्डर पर पंजाब हरियाणा के हजारों किसानों ने पहुंचकर मोर्चे को मजबूत किया. यहां भी काले झंडे लहराए गए और प्रतिवाद की जगह पर प्रधान मंत्री के पुतले फूंके गए. टिकरी बाॅर्डर पर आसपास के नागरिकों ने भी पहुंचकर किसानों का समर्थन किया और हर संभव मदद का भरोसा दिया. गाजीपुर बाॅर्डर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों ने काले झंडे लहराए और प्रधान मंत्री का पुतला फूंका. 6 महीने पूरा होने पर आंदोलन को मजबूत करने का किसानों ने संकल्प लिया. वही शाहजहांपुर बाॅर्डर पर आज राजस्थान व हरियाणा के किसानों ने इकट्ठे होकर सरकार के पुतले पफूंके और काले झंडे लहराए. दिल्ली मोर्चों पर उस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई गई और लोगों से शांतिपूर्ण विरोध करने का आह्वान किया गया. संयुक्त किसान मोर्चा का विश्वास है कि किसानों का यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहते हुए ही जीता जा सकता है. इस कार्यक्रम की सफलता बताती है कि मोर्चे पर जमे किसानों का हौसला बरकरार है और वे लगातार लड़ते रहेंगे.

पंजाब-हरियाणा के मोर्चे

पंजाब के हर जिले में काला दिवस कार्यक्रम को किसानों और जनता के अन्य तबकों का भरपूर समर्थन मिला. पहले की तरह पंजाब में संघर्षरत सभी किसान संगठनों ने घर-घर में काले झंडे, बाइक रैली, ट्रेक्टर रैली व छोटी बैठकें कर विरोध जताया. पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर मोदी सरकार के पुतले जलाकर विरोध किया गया. पंजाब में पिछले 8 माह से जारी लगभग 100 मोर्चों पर काला दिवस जोश-खरोश के साथ मनाया गया. अखिल भारतीय किसान महासभा और उससे संबंधित पंजाब किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने राज्य के 10 जिलों में 100 से ज्यादा स्थानों पर प्रधान मंत्री के पुतले फूंके. किसान महासभा और पंजाब किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने मानसा, बठिंडा, फरीदकोट, मुक्तसर, संगरूर, बरनाला, लुधियाणा, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में विरोध कार्यक्रम आयोजित किए. वर्तमान किसान आन्दोलन में हमारी मजबूत भूमिका के चलते अमृतसर, फतेहगढ़ साहिब और मुक्तसर जिलों में पंजाब किसान यूनियन की नई इकाइयों का गठन हुआ है, जिसमें बड़ी संख्या में अन्य किसान संगठनों से कार्यकर्ता पंजाब किसान यूनियन में शामिल हुए हैं. हमारे काम के पुराने जिलों में भी संगठन का काफी विस्तार हुआ है.

पंजाब में गांव-गांव में वाहनों और घरों पर काले झंडे लहराए गए. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुल्डू सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेमसिंह गहलावत ने मानसा और पंजाब किसान यूनियन के महासचिव गुरनाम सिंह भीखी ने भीखी में आयोजित विरोध कार्यक्रमों का नेतृत्व किया. भाकपा(माले) और उससे जुड़े मजदूर मुक्ति मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने भी काला दिवस कार्यक्रम को जोरशोर से लागू किया. हरियाणा के अंदर जारी किसान आन्दोलन के मोर्चों पर किसानों ने काला दिवस मनाया. करनाल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला, झज्जर, सोनीपत, गुड़गांव, भिवानी, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, रोहतक, हिसार, जींद, फतेहाबाद समेत पूरे हरियाणा के किसानों ने आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर मोदी सरकार के पुतले जलाए व घरों में काले झंडे लगाए. आन्दोलनकारियों ने संकल्प लिया कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती, यह आंदोलन चलता रहेगा.

Black Day Observed on the Call of Farmers in Bihar

 

बिहार

बिहार के पटना समेत अन्य जिलों में विभिन्न जगहों पर किसानों के समर्थन में लोगों ने घरों में काले झंडे लगाए और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया. किसान महासभा के साथ भाकपा(माले), ऐक्टू, आइसा, ऐपवा, आर्वाइए और इन्साफ मंच भी इस विरोध दिवस के समर्थन में उतरे. एआइकेएससीसी से जुड़े अन्य किसान संगठनों ने भी काला दिवस मनाया. किसान महासभा के बैनर तले बिहार के विभिन्न जिला मुख्यालयों, प्रखंड मुख्यालयों, कस्बों और गावों में काला दिवस मनाया गया. किसानों ने नारे लगाए और नारे लिखी तख्तियां ली थीं जिनमें ‘किसान विरोधी जनविरोधी कृषि कानून 2020 रद्द करो, 2020 बिजली बिल वापस लो, एमएसपी का कानूनी दर्जा दो, सांप्रदायिक फासीवादी कंपनी राज मुर्दाबाद, देश बेचू आदमखोर मोदी सरकार गद्दी छोड़, भाजपा मोदी के 7 साल – जनता कंगाल और अडानी अंबानी मालामाल, चार श्रम कोड वापस लो’ के नारे लिखे गए थे. विरोधस्वरूप कई जगह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया. किसानों ने अपने घरों पर काला झंडा फहराए. बड़े पैमाने पर विरोध में लोगों ने अपने बाजू पर काली पट्टी बांधी.

पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह, किसान नेता व माले विधायक अरुण सिंह, एक्टू नेता जितेंद्र कुमार, आशा नेत्री शशि यादव किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता केडी यादव, उमेश सिंह, माले नेत्री समता राय, एक्टू के राष्ट्रीय नेता एसके शर्मा सहित कई नेता एक्टू व किसान महासभा के संयुक्त बैनर से कार्यक्रम में उतरे. दरभंगा में नैनाघाट गांव में इंसाफ मंच के मकसूद आलम तथा नगरोली में नेयाज आलम काला दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए. पटना भाकपा(माले) कार्यालय में माले राज्य सचिव कुणाल के साथ वहां मौजूद अन्य कामरेडों ने काला दिवस मनाया. आरा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी पोलितब्यूरो के सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य तथा किसान नेता व विधायक सुदामा प्रसाद सहित कई नेता शामिल हुए. नवादा जिला के बेलदारी, काशीचक, पकरी बरामा गांवों में एवं नवादा जिला मुख्यालय में कार्यक्रम हुए. पटना जिला के पालीगंज में संत कुमार, पटना सिटी में शंभू नाथ मेहता, मसौढ़ी व नौबतपुर में किसान महासभा के राज्य सचिव कृपा नारायण सिंह, पटना सिटी के संदलपुर में राष्ट्रीय किसान नेता राजेंद्र पटेल, सुपौल जिला के शिवनगर में कमलेश्वरी यादव, अरवल जिला के निगमा गांव में किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, अरवल में जितेंद्र कुमार तथा नालंदा जिला के बिहारशरीफ, आलमगंज बाजार, हिलसा, थरथरी, कराय पशुराय तथा चंडी में आयोजित कार्यक्रमों में पाल बिहारी लाल तथा मुनीलाल यादव शामिल रहे.

शेखपुरा जिले में किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिव सागर शर्मा, आरा जिला के जगदीशपुर में विनोद कुशवाहा, बेगूसराय में बैजू सिंह, जहानाबाद के सुलेमानपुर गांव में जिला अध्यक्ष शौकीन यादव, सिवान में हंसनाथ राम, मुजफ्फरपुर के गायघाट में जितेंद्र यादव, गया जिला के टिकारी प्रखंड अंतर्गत जमुआवां गांव में रोहन यादव, कैमूर में मोरध्वज तथा जमुई में मनोज पांडे ने काला दिवस कार्यक्रमों का नेतृत्व किया. वैशाली जिला में किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव, सिवान में जयनाथ यादव ने नेतृत्व किया. समस्तीपुर जिला के ताजपुर में व सुपौल के कई गांवों में कार्यक्रम हुए. मुजफ्फरपुर जिला कार्यालय में माले जिला सचिव कृष्ण मोहन ने काला दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व किया. अखिल भारतीय किसान महासभा ने पटना जिले के 13 प्रखंडों में 96 जगहों पर काला दिवस मनाया, जिसमें कई जगह प्रधानमंत्री का पुतला भी जलाया गया. इसी प्रकार वैशाली जिला में 9 प्रखंड के 70 गांव में किसानों ने अपने घरों पर काला झंडा लगाया तथा बाहों में काली पट्टी बांधकर प्रधान मंत्री का पुतलादहन किया. आरा जिले के 12 प्रखंडों के 63 गांवों में काला दिवस मनाया गया, आठ स्थानों पर मोदी का पुतलादहन भी हुआ.

इस अवसर पर पर राजाराम सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 माह पूरे हो चुके हैं, अपनी मांगों को लेकर किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार काॅरपोरेटों के हित में अपनी जिद पर अड़ी हुई हैहमारी मांग है कि फासीवादी केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को बिना शर्त रद्द करे और सी-2 के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए. हमारे राज्य बिहार में 2006 से बंद एपीएमसी मंडियों को पुनः बहाल कर खरीद शुरू की जाए तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल कुल 23 फसलों के साथ गन्ना, आलू, प्याज, दुग्ध, मछली को भी शामिल किया जाए और बटाईदार किसानों को पहचान पत्र देते हुए सरकारी सहायता दी जाए.

Black Day Observed on the Call of Farmers in Uttarpradesh

 

उत्तर प्रदेश

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 मई को उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय किसान महासभा, भाकपा(माले) और अन्य जनसंगठनों ने काला दिवस मनाया. कई जिलों में पीएम मोदी के पुतले फूंके गए. कार्यक्रम से घबरायी योगी सरकार की पुलिस ने जगह-जगह पार्टी नेताओं को घर पर ही नजरबंद कर दिया, बावजूद इसके पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए गए. भाकपा(माले) व किसान महासभा ने गाजीपुर, चंदौली, पीलीभीत समेत कई जिलों में काला दिवस मनाने से रोकने के लिए माले नेताओं को पुलिस भेजकर घरों में नजरबंद करने की कड़ी निंदा की और इसे योगी सरकार की चुप कराने व लोकतंत्र का गला दबाने वाली कार्रवाई बताया. काला दिवस मनाते हुए कायकर्ताओं ने सूबे के खेत-खलिहानों, घरों, कार्यस्थलों व कार्यालयों पर काले झंडे लगाए और बाहों पर काली पट्टियां बांधी. इसके अलावा कोविड नियमों का पालन करते हुए धरना भी दिया गया.

लखनऊ में लालकुआं स्थित माले कार्यालय से पुलिस ने काला दिवस मना रहे कार्यकर्ताओं को बाहर निकलने से रोक दिया. बाद में, कैसरबाग थाने के इंसपेक्टर ने माले कार्यालय आकर राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्री मांगों के साथ ज्ञापन लिया. इसके अलावा राजधानी में बीकेटी ब्लाॅक और कई घरों से काला दिवस मनाया गया. गाजीपुर में किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा तथा किसान महासभा के जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह को पुलिस ने नजरबंद कर दिया. इसके अलावा गाजीपुर जिला कार्यालय, सेवराई कार्यालय, गहमर, बसुका, खानपुर, गैबीपुर, हथौड़ा, बघरी गांवों में काला दिवस मनाया गया.

प्रशासन ने चंदौली के माले जिला सचिव अनिल पासवान और किसान महासभा के जिला अध्यक्ष श्रवण मौर्य व सचिव किस्मत यादव को भी पुलिस ने उनके घरों पर ही नजरबंद कर दिया. चहनियां में आरवाईए के जिला संयोजक अनिल यादव के घर पुलिस पहुंच गई. चकिया के ताजपुर गढ़वा में पार्टी नेता विजय राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहां सुरेश चौहान के नेतृत्व में मोदी का पुतला दहन किया गया. सीतापुर में हरगांव ब्लाक के कैथाभारी गांव में धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, परंतु कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते उसे पीछे हटना पड़ा. बाद में एसडीएम ने जाकर किसानों का ज्ञापन लिया. पीलीभीत के राहुल नगर में माले जिला सचिव देवाशीष राय सहित आधा दर्जन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया. जिले के जदोपुर गहलुइया गांव में राज्य कमेटी सदस्य अफरोज आलम के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया.

बलिया जिले में खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड श्रीराम चौधरी के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया. देवरिया में जिला सचिव श्रीराम कुशवाहा के नेतृत्व में मोदी का पुतला दहन कर काला दिवस मनाया गया. गोरखपुर में बांसगांव ब्लाॅक के हरिहर भैंसा गांव में धरना दिया गया. कुशीनगर नगर जिले के तमकुही राज के पांडेयपुर में राज्य कमेटी सदस्य राजेश साहनी व जिला प्रभारी परमहंस के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया. आजमगढ़ में जिला कार्यालय पर किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में काला फीता बांध कर काला दिवस मनाया गया. जिले के मेंहनगर, लालगंज और कोईनहा तहबरपुर में मोदी का पुतला दहन किया गया. मऊ में पार्टी जिला सचिव बसंत के नेतृत्व में काला दिवस मनाते हुए धरना दिया गया. मिर्जापुर जिले के नारायन पुर ब्लाॅक के रेहिया तथा हाजीपुर गांव में धरना दिया गया. सोनभद्र में राज्य कमेटी सदस्य शंकर कोल के नेतृत्व में हरैया गांव तथा घोरावल के चिंघौरी में जिला सचिव सुरेश कोल के नेतृत्व में मोदी का पुतला दहन किया गया. इलाहाबाद में पार्टी जिला कार्यालय पर जिला प्रभारी सुनील मौर्य तथा राज्य कमेटी सदस्य कमल उसरी के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया. यहां किसान महासभा ने मोदी का पुतला दहन किया.

रायबरेली जिले में एक्टू प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही के नेतृत्व में धरना देकर काला दिवस मनाया गया. अयोध्या में जिला प्रभारी अतीक के नेतृत्व में काला दिवस मनाते हुए ज्ञापन दिया गया. लखीमपुर खीरी में जिला कार्यालय पर ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और पलियाकलां में किसान महासभा के नेता कमलेश राय व ऐपवा नेता आरती राय के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया. बरेली जिले के ग्राम कुम्भरा में काला दिवस मना कर ज्ञापन दिया गया. जालौन जिले में जिला सचिव राजीव कुशवाहा तथा खेग्रामस नेता रामसिंह के नेतृत्व जिला अधिकारी कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन दिया गया. कानपुर में माले जिला प्रभारी विद्या रजवार के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय पर काला दिवस आयोजित हुआ. मथुरा जिले में किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष नत्थीलाल पाठक तथा जिला प्रभारी नशीर शाह के नेतृत्व में काली पट्टी बांध कर कचहरी परिसर में काला दिवस मनाया गया. जौनपुर जिला प्रभारी गौरव सिंह के नेतृत्व में लखनीपुर में काला दिवस मनाते हुए बक्शा ब्लाॅक बीडीओ को ज्ञापन दिया. जिले में चुरावनपुर व तेलीतारा गांव में अलग से कार्यक्रम हुए. भदोही में भी काला दिवस मनाया गया.

झारखंड

किसान संघर्ष समन्वय समिति के अवहान पर बगोदर बस पड़ाव में किसान महासभा के नेतृत्व में काला झंडा के साथ काला दिवस मनाया गया. इस मौके पर बगोदर के विधायक कामरेड विनोद कुमार सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सचिव कामरेड पुरन महतो, भाकपा(माले) बगोदर सचिव पवन महतो, बगोदर माले कार्यालय प्रभारी राम रतन शर्मा संजय मंडल, कैलाश महतो, सोहन महतो, जरमुने के मुखिया संतोष रजक, मोटर कामगार यूनियन के सेक्रेटरी योगेश्वर प्रसाद मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस मौके पर किसान महासभा के नेता पुरन महतो ने कहा कि हुकूमत इतनी बेदर्द हो गई है कि सही से मृतकों का अंतिम संस्कार कराने के बजाय शवों को नदी में फेंक दिया जा रहा है.

राजस्थान

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर झुंझुंनू जिले में संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तथा मजदूर संगठनों ने सैंकड़ों गावों में प्रधान मंत्री का पुतला दहन कर व अपने घरों एवं वाहनों पर काले झंडे लगाकर रोष व्यक्त किया. अखिल भारतीय किसान महासभा ने राज्य के झुनझुनूँ, जयपुर, चित्तौडगढ़, उदयपुर आदि जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए. इन कार्यक्रमों में संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलचंद ढेवा, कामरेड बजरंग लाल महला, बनवारी लाल, रोशनलाल बेनीवाल, अखिल भारतीय किसान सभा के नरेंद्र, किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि, सूरत सिंह, महावीर राव, वासुदेव शर्मा, अशोक नेहरा, जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश झारो, जिला उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह, इंद्राज सिंह, करण सिंह बसरा, रोतास, रविंद्र पायल, सुमेर सिंह, सुरेश धेध, रामऔतार, विद्याधर गिल, मूलचंद खंरिटा, नत्थूसिंह सैनी, सुमेर सिंह बुडानिया, बजरंग मुण्ड, विजेंद्र कुलहरि, अमरचंद, ओमप्रकाश व कामरेड सुभाष बुगालिया तथा अखिल भारतीय किसान महासभा के सूरजगढ प्रखंड अध्यक्ष कामरेड प्रेम सिंह नेहरा के नेतृत्व में सैंकड़ों ग्रामों में प्रधान मंत्री का पुतला दहन किया गया तथा घरों पर काले झंडें फहराये गये.

Black Day Observed in West Bengall

 

पश्चिम बंगाल

दिल्ली में 6 महीने से किसानों के विरोध प्रदर्शन और 7 साल के किसान विरोधी मोदी सरकार के कुशासन के खिलाफ 26 मई को पश्चिम बंगाल में किसानों और आम नागरिकों ने काला दिवस मनाया. यास चक्रवात और वर्षा के बावजूद पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में ‘ब्लैक डे’ विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए. जहां भी मौसम किसी तरह अनुकूल था, वहां काला दिवस मनाया गया. प्रदर्शनकारी पोस्टर और बैनर के साथ एकत्र हुए और अपनी मांगों से संबेधित नारे लगाए. काले झंडे भी लहराए गए. पिछले चुनाव में पश्चिम बंगाल के भाजपा-विरोधी जनादेश ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग का साथ दिया है. ग्रामीण बंगाल में गरीब वर्गों की एकता ने भाजपा के धार्मिक ध्रुवीकरण को नकार दिया. पश्चिम बंगाल के लोग दिल्ली के किसान आंदोलन के साथ हैं. यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है, और यह भावना यहां आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में स्पष्ट दिख रही थी.

राज्य के विभिन्न स्थानों में अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा(माले) ने इस काला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए. हुगली जिले में किसान महासभा और खेग्रामस ने धनेखली में संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया. बाची में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया. पांडुआ प्रखंड के सचितारा गांव में किसान महासभा नेता मुकुल कुमार और खेग्रामस नेता सजल अधिकारी ने एक छोटी बैठक को संबोधित किया. नदिया जिले में नकाशीपारा ब्लाॅक के पटपुकुर गांव में एआईकेएम नेता जयतु देशमुख के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ. एआईकेएम नेता सलिल दत्ता व रफीकुल रहमान के नेतृत्व में बर्धमान जिले के बर्धमान, कलना ब्लाॅक, कुसुमग्राम के कुलुत गांव और कर्जन गेट पर कार्यक्रम हुए. एआईकेएम नेता कृष्ण प्रमाणिक के नेतृत्व में चांदपारा और अशोक नगर इलाके में मोदी का पुतला दहन किया गया. हावड़ा जिले में बगनान क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया गया जो खेग्रामस नेता नबीन सामंत के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ.

तमिलनाडु

अखिल भारतीय किसान महासभा ने 26 मई को तमिलनाडु के 14 जिलों में 60 से ज्यादा गांवों में काला दिवस मनाया जिसमें लगभग 500 किसानों-ग्रामीण मजदूरों ने भाग लियाकिसान महासभा राज्य समिति द्वारा दिए गए आह्वान को खेग्रामस ने समर्थन दिया. कार्यक्रम में स्थान व लोगों की भागीदारी इस प्रकार रही – पुदुकोट्टै, कल्लाकुरिची, शिवगंगै, तंजौर, मयिलादुदुरै, सैलम, डिंडीगुल, विरुदुनगर, तेनकासी, मदुरै, तेनी, कड्डलोर, धर्मपुरी और तिरुनेलवेली में भी किसान महासभा के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. जगह-जगह काला झंडा फहराया गया. काले बैज पहनकर कोविड प्रोटोकाॅल को मानकर प्रदर्शन किया गया. मोदी कुशासन के खिलाफ और कृषि कानूनों को वापस लेने के नारे लगाए. एआईकेएम के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ-साथ छोटे व सीमांत किसानों ने भी भाग लिया. कुछ जगहों पर मीडिया ने भी इस कार्यक्रम की सूचना दी. इसके अलावा ऐक्टू ने इस आह्वान का समर्थन किया और चेन्नई, चेंगलपट्टु, तिरुवल्लूर, कोयंबटूर, त्रिची, नमक्कल, करूर, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया. पुदुच्चेरी में भी अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने काले झंडे व काली पट्टी के साथ काला दिवस मनाया.

महाराष्ट

महाराष्ट्र से दिन भर किसान आंदोलन के समर्थन में और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें आती रहीं. महाराष्ट्र के मुम्बई, अहमदनगर, नंदुरबार, धुले, नांदेड़, अमरावती, मुंबई, नागपुर, सांगली, परभणी, थाने, बीड़, सोलापुर, बुलढाणा, कोल्हापुर, नासिक, औरंगाबाद, सतारा, पालघर, जलगांव में किसानों और आम नागरिकों ने घर पर काले झंडे लगाकर और मोदी सरकार के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष काकुस्ते, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजेन्द्र बी. भाउके, सत्य शोधक सेतकारी सभा के अध्यक्ष कामरेड रामसिंह गावीत, संगठक किशोर धमाल, लाल निशान पार्टी (लेनिनवादी) और उसके ट्रेन यूनियन संगठन के साथ ही महाराष्ट्र में जन आंदोलनों की संघर्ष समिति से जुड़े तमाम संगठनों ने भी विरोध दिवस के रूप में इस आह्वान को लागू किया.

Black Day Observed on the Call of Farmers and Workers in MP

 

मध्य प्रदेश

दिल्ली मोर्चे पर किसान आंदोलन के छह मह पूर्ण होने तथा मोदी सरकार के कुशासन के 7 साल पूरा होने के अवसर पर माले कार्यालय, भिंड पर काला दिवस मनाया गया. उक्त अवसर पर किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड देवेंद्र सिंह चौहान ने काला झंडा फहरा कर काला दिवस मनाया. शहर से 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम हजूरी पुरा में किसान नेता नाथू सिंह बघेल ने अपने गांव हुजूरी पूरा में ग्रामीणों एवं किसानों की मीटिंग आयोजित की. इस मीटिंग को कामरेड देवेंद्र सिंह चौहान, किसान सभा के नेता कामरेड डोनेरिया, किसान नेता सूरज सिंह यादव, बीके बोहरे, कामरेड सूरज रेखा त्रिपाठी, संदीप सिंह राजावत, विनोद कुमार सुमन, श्रीकृष्ण बालमिक, डाॅक्टर नदीम, देवेंद्र सिंह प्रजापति आदि ने संबोधित किया. सभी ग्रामीणों ने अपने घरों पर काले झंडे फहरा कर किसानों का समर्थन किया और काला दिवस मनाया. अखिल भारतीय किसान महासभा के साथ-साथ ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लियाउधर बडवानी में किसान संयुक्त मोर्चा की नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में किसानों ने काला दिवस मनाया. नर्मदा बचाओ आन्दोलन और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डा. सुनीलम के नेतृत्व वाले किसान संघर्ष मोर्चे ने भी राज्य के कई हिस्सों में काला दिवस कार्यक्रम आयोजित किए. छत्तीसगढ़ में भी किसान महासभा, ऐक्टू सहित तमाम जन संगठनों ने काला दिवस के मौके पर काले झंडे लहराए और काली पट्टियां बांध कर अपना विरोध दर्ज कराया.

उड़ीसा

अखिल भारतीय किसान महासभा, व्यापार संघ व एआईसीसीटीयू द्वारा रायगडा में श्रमिकों और किसानों की तबाही की नीति के खिलाफ काला दिवस मनाया गया. गुनुपुर, गुडरी, पद्मपुर, कोलनारा, केसिंगपुर प्रखंड और विभिन्न गांवों में कोविड-19 का नियम का पालन करते हुए विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए. काले झंडे फहराए गए तथा काली पट्टी बांध कर और मोदी सरकार के पुतले जला कर जगह-जगह किसानों-मजदूरों ने काला दिवस मनाया.

असम

डिब्रूगढ़ के विभिन्न गांवों और असम के विभिन्न जिलों में विरोध कार्यक्रम को लागू किया गया. अखिल भारतीय किसान महासभा के सचिव बलींद्र सैकिया ने इस मौके पर कहा कि “हम लाखों किसानों के 6 महीने पुराने आंदोलन का समर्थन करते हैं और हम प्रधान मंत्री के रुख का कड़ा विरोध करते हैं.” उन्होंने जल्द ही भारत के कृषि क्षेत्र में कारपोरेट-परस्त कृषि कानूनों को निरस्त करने और भारत में सभी किसानों को कृषि उपज के लिए समान, न्यूनतम निश्चित मूल्य का भुगतान करने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिन किसानों को ‘मिकी बामुनी’ की बही मिली है, उन्हें जमीन का अधिकार दें. सांप्रदायिक रूप से लाए गए गाय संरक्षण विधेयक का असम के लोगों या समुदायों के भोजन और आजीविका पर असंवैधानिक प्रभाव पड़ेगा और अंतरराज्यीय आपूर्ति में कटौती के परिणामस्वरूप सभी पशुपालकों पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. इसलिए हम इस बिल का विरोध करते हैं. किसान की मदद के लिए सिर्फ मवेशी ही नहीं, सभी जानवरों के लिए पंचायत स्तर पर बेहतर चिकित्सा देखभाल और बीमा की व्यवस्था करें. इन मांगों के समर्थन में उस दिन असम के विभिन्न गांवों – जैसे कोलियाबार, रहा, तियोक, मरियानी, बिहाली, तिंगखांग, लाहौर, नाहरकटिया – और अन्य जगहों पर काले झंडे लहराए गए हैं. कामरेड सैकिया ने यह भी कहा कि जब तक सरकार किसानों की जायज मांगें नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

उत्तराखंड / अन्य पर्वतीय राज्य

उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में जहां संयुक्त किसान मोर्चे के नेता व तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेंदर विर्क के नेतृत्व में किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध कार्यक्रमों के जरिये काला दिवस मनाया, वहीं अखिल भारतीय किसान महासभा, एक्टू, भाकपा(माले) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में काला दिवस मनाया. किसान नेता आनंद नेगी, बहादुर सिंह जंगी, विमला रौथान, ललित मटियाली, हरीश भंडारी, कमल जोशी, भाकपा(माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा, पार्टी नेता कैलाश पाण्डेय, कैलाश जोशी, डीएस मेहता, गोविन्द काफलिया, इन्द्रेश मैखुरी, केपी चंदोला, भार्गव चंदोला, गीता गैरोला तथा अतुल सती के नेतृत्व में अल्मोड़ा, बिन्दुखत्ता, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, नैनीताल, देहरादून और जोशीमठ में काले झंडे, काली पट्टियों के साथ विरोध दिवस मनाया गया.

हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और त्रिपुरा के कई हिस्सों में भी किसानों / नागरिकों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को सफल बनाया.

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम और तेलंगाना में हैदराबाद समेत कई जगहों पर किसानों ने विरोध प्रकट किया. आन्ध्र प्रदेश में किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड डीहरिनाथ सहित कई जगहों पर किसानों और नागरिकों ने काले झंडे फहराकर विरोध व्यक्त किया. वहीं तेलंगाना में भी अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाया.