वर्ष - 30
अंक - 16
12-04-2021


तारसन (मुजफ्फरपुर): गरीबों पर पुलिस- सामंत गठजोड़ का कहर टूटा

2 अप्रैल 2021 को भाकपा(माले) की तीन सदस्यीय जांच टीम ने, जिसमें राज्य कमेटी सदस्य शत्रुघ्न सहनी, जिला कमेटी सदस्य व कुढ़नी के प्रखंड प्रभारी होरिल राय और जिला कमेटी सदस्य परशुराम पाठक शामिल थे, कुढ़नी प्रखंड के तारसन गांव पहुंच कर पुलिस व सामंती ज्यादती तथा मारपीट के शिकार दर्जनों गरीबों से मिलकर बात की. पुलिस व सामंती बर्बरता की शिकार महिलाएं, बच्चे, बुजुर्गों व अन्य लोगों ने सिलसिलेवार घटना के बारे में बताया.

उन्होंने बताया कि 29 मार्च को होली के दिन तारसन गांव के एक गरीब टोला में, जिसमें नोनिया, कुर्मी, मुसहर समुदाय तथा अन्य गरीब-गुरबों का घर है, दो गरीब नौजवानों में किसी सवाल पर हाथापाई और झड़प हुई. लोगों ने दोनों को शांत कर दिया. लेकिन उसी गांव के एक जमींदार मदन चौधरी (जिसके यहां इस झगड़े में शामिल एक नौजवान मजदूरी और खेतीबाड़ी करता है) व उसके साथ कुछ लोग आये और यह बोलते हुए कि हमारे मजदूर को क्यों पीटा है? दूसरे नौजवान दिनेश महतो को पकड़ कर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह से मारने लगे. उसका मुंह फट गया और सिर व छाती सहित शरीर के कई हिस्सों पर इतनी चोट आई कि वह लहूलुहान हो गया. बुरी तरह से घायल दिनेश महतो को उसके परिवार और टोले के लोग शहर स्थित अस्पताल और फिर इलाज के लिए पटना ले गए.

लेकिन, कुछ ही देर के बाद इससे आक्रोशित आसपास के दर्जनों दलित-पिछड़े व गरीब-गुरबों ने जुट कर उक्त जमींदार मदन चौधरी के घर जाकर दिनेश महतो के साथ जानलेवा मारपीट का विरोध और हो-हल्ला किया. शाम में जमींदार मदन चौधरी ने अपनी जाति-बिरादरी के दर्जनों लोगों के साथ गरीबों के घर-टोले में घुसकर मारपीट की और उजाड़ने की धमकी दी. तब तक निकट के तुर्की थाना की पुलिस भी पहुंच गई. लेकिन, पुलिस मूकदर्शक बनी रही और जमींदारों का उत्पात चलता रहा. कुछ देर के बाद पुलिस और जमींदार के लोग भी लौट गए.

होली के अगले दिन सुबह में अफवाह फली कि अस्पताल में भर्ती दिनेश महतो की मौत हो गई. फिर आसपास के गांव-टोले के सैकड़ों दलित-पिछड़े-गरीब जमा होने लगे. पुलिस के पहुंचने पर लोगों ने आरोप लगाया कि वह जमींदारों से मिली हुई है. उधर सामंती लोगों का भी जुटना जारी था. पुलिस वहां से हट गई और कुछ देर के बाद एसडीओ, डीएसपी सहित कई थाने की पचासों पुलिस ने पहुंच कर गरीबों पर लाठीचार्ज कर दिया. गरीबों ने भी जब पत्थर  फेंकना शुरू किया तो एसपी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे और उनकी अगुआई में पुलिस ने गरीबों के घर में घुसकर उत्पात मचाना व पिटाई करना शुरू कर दिया. कई बच्चों और महिलाओं सहित दर्जनों लोग घायल हुए. पुरुष पुलिस ही महिलाओं को घरों से खींच-खींच कर पिटाई कर रहे थे. एक भी महिला पुलिस नहीं दिखी. घायलों में छह साल का बच्चा बिरजू है, जिसकी पुलिस की पिटाई से गले के पास की हड्डी टूट गई है. प्रमिला देवी का सर फूटा हुआ है. मीना देवी को जांघ और कमर पर चोट है और विकास राम तथा सुबोध राम सहित दर्जनों घायल हैं.

इतना ही नहीं, पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. तुर्की थाना ने पुलिस पर हमला करने के आरोप में कई धाराएं लगाते हुए 79 लोगों को नामजद करते हुए एफआईआर किया है जिसमें ज्यादा दलित व अत्यंत पिछड़े तबके के लोग हैं. जमींदारों की तरफ के 14-15 नाम एफआईआर में है. दर्ज एफआईआर में सैकड़ों लोग अज्ञात हैं. पुलिस और सामंतों की ज्यादती से गरीबों के गांव-टोले में भय का माहौल है और नौजवानों ने गांव छोड़ दिया है.

जांच टीम ने गरीबों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने और गिरफ्रतार गरीबों को रिहा करने, गरीबों के साथ मारपीट करने वाले जमींदार मदन चौधरी सहित अन्य को अविलंब गिरफ्तार करने, पुलिस की ज्यादती पर रोक लगाने और गरीबों पर हमले के दोषी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों पर कारवाई करने, घायल बच्चों, महिलाओं, नौजवानों व अन्य गरीबों का सरकारी स्तर पर इलाज की व्यवस्था करने और गरीबों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है.

भाकपा(माले) विधायक तारसन पहुंचे

भाकपा(माले) विधायक सुदामा प्रसाद ने गत 3 अप्रैल 2021 को मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के तारसन गांव में पहुंच कर पुलिस व सामंती जुल्म के शिकार दलितों व गरीबों से मुलाकात की.

काॅ. सुदामा प्रसाद ने उनको सांत्वना देते हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने और गरीबों के मान-सम्मान की रक्षा और न्याय के लिए आंदोलन तेज करने का आश्वासन दिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि डबल इंजन की नीतीश सरकार के राज में पुलिस को गांव से लेकर विधानसभा तक बर्बरता ढाने की छूट दे दी गई है. गांव में पुलिस गरीबों के मान-सम्मान को रौंद रही है. वहीं पुलिस राज का विरोध कर रहे विपक्षी विधायकों पर भी सदन के भीतर ही पुलिस के द्वारा हमला करवाया जा रहा है.

इस अवसर पर शत्रुघ्न सहनी, होरिल राय, परशुराम पाठक, विमलेश मिश्र, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम, जिला अध्यक्ष फहद जमां, आइसा के दीपक कुमार सहित पार्टी के अन्य नेता-कार्यकर्ता वहां मौजूद  थे.

मुहम्मदपुर (मधुबनी): बजरंग दल द्वारा जनसंहार

29 मार्च 2021 को होली के दिन मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना अंतर्गत मुहम्मदपुर गांव में दिनदहाड़े बजरंग दल के अपराधियों द्वारा तीन लोगों की हत्या एवं आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया गया. भाकपा(माले) जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण, जिला कमिटी सदस्य प्रेम कुमार झा, अनिल कुमार सिंह, श्याम पंडित, बेचन राम, मदन चंद्र झा, आईसा नेता मयंक कुमार यादव एवं चंदन आजाद आदि के नेतृत्व में एक जांच दल वहां पहुंचा.

घटना स्थल से लौटकर जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि होली के दिन लगभग बारह बजे महंथ के लड़का के पान दुकान से पुआम गांव के बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने गुटखा लिया और पैसा देने से इंकार किया. इसी बात को लेकर विवाद हुआ. यह विवाद जब खत्म होने को था कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने फन कर दो दर्जन से भी अधिक हथियारबंद अपराधियों को घटना स्थल पर बुला लिया जो आते ही ताबड़तोड़ फायरिंग और तलबारों से हमला करने लगे. अपराधियों ने दो ग्रामीणों को घटनास्थल पर ही मौत की नींद सुला दिया और आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों को घायल कर दिया. फिर वे भाग निकले और इस क्रम में उनका चार मोटरसाइकिल भी छूट गया. बीएसएफ जवान राणा प्रताप सिंह (52) व रणबिजय सिंह (45) की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि बीरू सिंह (40) की मौत मधुबनी से दरभंगा के रास्ते में हो गई. अमरेंद्र सिंह (35), रुदल सिंह (40), शिक्षक मनोज सिंह (44), दुलार सिंह ऊर्फ महंथ एवं अन्य दो लोग घायल हैं. गंभीर रूप से घायलों का इलाज पटना एवं दरभंगा में चल रहा है. सभी मृत व घायल राजपूत जाति से आते हैं.

घटना को अंजाम देने में गैबीपुर के बजरंग दल के अपराधी प्रबीण झा व नवीन झा तथा पौआम के भोला सिंह सहित दर्जनों अपराधी शामिल थे. कुछ माह पहले पोखरा में मछली मारने के सबाल पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था. उस समय भी बेनीपट्टी थाना पुलिस ने बजरंग दल के अपराधियों को बचाने का काम किया था और संजय सिंह को झूठे आरोप में जेल भेजा था, जो अभी भी जेल में ही हैं.

स्पष्ट है कि बजरंग दल के अपराधियों ने एक सुनियोजित साजिश के तहत गैबीपुर और अन्य गांवों से आकर इस हृदयबिदारक जनसंहार को अंजाम दिया है. हत्यारों को बेनीपट्टी थाना पुलिस एवं भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री का संरक्षण प्राप्त है. भाकपा(माले) ने घटना में शामिल सभी अपराधियों की अबिलंम्ब गिरफ्तार करने, स्पीडी ट्रायल कराकर सजा दिलाने, मृतकों के आश्रितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने एवं घायलों को समुचित इलाज की व्यवस्था करने, बेनीपट्टी थाना प्रभारी को मुअत्तल करने, बेनीपट्टी के मौजूदा भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री विनोदानंद झा एवं हत्यारों के बीच सांठगांठ की जांच कराने की मांग की है. इन मांगों के साथ जिले में प्रतिवाद जारी है और भाकपा(माले) व विपक्षी दलों ने 10 अप्रैल को जिला में बंद कराया है.

नवादा-बेगूसराय: जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोग मरे

बिहार में राजनेता व प्रशासन के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार और जहरीली शराब पीने से होनेवाली मौतें लगातार जारी है. गोपालगंज व मुजफ्फरपुर के बाद अब होली के दौरान भी बेगूसराय के गोड़ियारी (बखरी) व नवादा के विभिन्न मुहल्लों में क्रमशः 2 और 17 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि शराबबंदी की आड़ में गरीबों को पफांसी तक की सजा भी दी जा रही है.

Holi-in-Nitish Raj: