राजधानी लखनऊ में विगत 7 अप्रैल जिला पंचायत सदस्य पद के भाकपा(माले) उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि पंचायत चुनाव में पार्टी का मुख्य जोर धनबल व बाहुबल को परास्त कर पंचायतों को जनता के सवालों पर संघर्ष के मंच के रूप में विकसित करने पर होगा. इसके अलावा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने, विकास योजनाओं में पारदर्शिता बरतने और उस पर जन निगरानी सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने राजनीतिक प्रचार में भाजपा व उसके द्वारा समर्थित प्रत्याशियों को हराने और उसकी फासीवादी नीतियों का विरोध करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
उपरोक्त के अलावा, भाकपा(माले) पंचायत चुनाव में मतदाताओं से इन मुद्दों पर वोट मांगेगी - तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को स्थानीय स्तर पर गोलबंद करने, पंचायत प्रमुखों के चुनाव में वोटों की सौदेबाजी के खिलाफ खड़े होने, पंचायत निकायों की बैठकों में आमजन की आवाज को बुलंद करने, गरीबों व वंचितों के पक्ष में योजनाएं बनवाने, विकास योजनाओं को मनरेगा के तहत करवाने, पुश्तैनी जमीनों से स्थानीय आबादी की बेदखली रोकने, जल-जंगल-जमीन पर आदिवासियों-वनवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष करने, सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल की व्यवस्था कराने, सभी खराब पड़े हैंडपंपों को ठीक कराने और स्वास्थ्य सुविधाएं हरेक को उपलब्ध कराने के लिए भाकपा(माले) के विजयी प्रत्याशी संघर्ष करेंगे.