बुद्ध पार्क हल्द्वानी में ‘सरकारी अस्पताल दाई यूनियन’ का सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में ‘सरकारी अस्पताल दाई यूनियन’ की ग्यारह सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया और माया देवी को इसका अध्यक्ष और ज्योति शर्मा को महामंत्री निर्वाचित किया गया. इसके अलावा शांति कुलोरा को उपाध्यक्ष, हेमा पांडे को कोषाध्यक्ष, ममता को प्रचार सचिव व सीमा, विमला, लछिमा, सावित्री देवी को कार्यकारिणी में चुना गया. यह तय किया गया कि दाईयों के लिए की गई मुख्यमंत्री की घोषणा यदि जल्द लागू नहीं की गई तो कुमाऊं मंडल मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.
यूनियन के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि यह सरकार महिला श्रम का खुलेआम शोषण कर रही है. महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटने के विज्ञापनों में अरबों रुपये खर्च कर देने वाली सरकार अस्पताल में काम कर रही दाईयों को 500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दे रही है. यहां तक कि उत्तराखंड की राज्य सरकार अपने मुख्यमंत्री की घोषणा तक को लागू नहीं कर रही है. गौरतलब है कि 8 मार्च 2019 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दाईयों को एक हजार रुपए मासिक मानदेय देने की घोषणा की थी. दो साल बीतने को हैं लेकिन अभी तक इस घोषणा के तहत किसी भी दाई को एक पैसा भी नहीं मिला है. ये सरकार महिला कामगारों के लिए ‘जमकर लो काम, कम से कम दो दाम’ के फार्मूले पर चलने वाली सरकार है.
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि आशाओं ने अब तक जो भी हासिल किया संघर्ष के बल पर हासिल किया. ऐक्टू से जुड़कर पहचान हासिल की और आज सरकार को कम से कम कुछ मानदेय देने पर विवश किया. न्यूनतम वेतन और स्थायीकरण की लड़ाई जारी रहेगी. दाई तो आशा से भी बुरी स्थितियों में काम कर रही हैं. इसलिए दाई यूनियन को भी अगर कुछ हासिल होगा तो संघर्ष के बूते ही हासिल होगा.
‘सरकारी अस्पताल दाई यूनियन’ की नव निर्वाचित अध्यक्ष माया देवी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में काम कर रही दाई उपकेंद्र और अस्पताल को स्वच्छ रखने के काम से लेकर परिवार कल्याण, टीकाकरण, प्रसव में मदद, गांव में स्वास्थ्य शिक्षा, हेल्थ कार्यक्रम में सहयोग तक सारे काम कर रही हैं. परन्तु शर्मनाक बात है कि इतने सालों में भी सरकार न तो उनको न्यूनतम वेतन दे रही है और न ही कोई सुविधा. दाई यूनियन की नवनिर्वाचित महामंत्री ज्योति शर्मा ने कहा कि अब हमारे पास संघर्ष के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. दाई यूनियन को मजबूत कर आंदोलन तेज किया जायेगा.
इस अवसर पर ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, ऐक्टू नेता डाॅ. कैलाश पाण्डेय, माया देवी, ज्योति शर्मा, विमला देवी, ममता देवी, बसंती देवी, आरएस नेगी, देवकी देवी, लछिमा देवी, सीमा देवी, अनिता, शांति, धना देवी, हेमा, सरूली देवी, हेमा सती, सावित्री, सरस्वती, मुन्नी, सुनीता, उमा, देबली देवी, मीना, गीता, हेमा पांडे, गंगा, जानकी, हंसी, शांति कुलोरा, हीरा, सुनीता आदि मौजूद रहे.