1 मार्च 2021 को पटना के गांधी मैदान से आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के सवाल पर विधानसभा का घेराव किया गया. ‘19 लाख रोजगार-मांग रहा है युवा बिहार’, ‘नए बिहार के तीन आधार-शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार’, ‘नौजवानों का अपमान नहीं सहेगा बिहार’, ‘ठेका, मानदेय, संविदा व्यवस्था बंद करो, पक्की नौकरी-सरकारी नौकरी की गारंटी करो’ जैसे गगनभेदी नारों के साथ छात्र-नौजवानों ने गांधी मैदान से विधानसभा की ओर कूच किया. घेराव का नेतृत्व आइसा के राष्ट्रीय महासचिव विधायक संदीप सौरभ, राज्य अध्यक्ष मोख्तार व राज्य सचिव सबीर कुमार, इंनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक मनोज मंजिल, राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार तथा राज्य अध्यक्ष विधायक अजीत कुशवाहा, राज्य सचिव सुधीर कुमार, तकनीकी छात्र संगठन के ई. सावन कुमार, राज्य सह सचिव आकाश कश्यप,शिक्षक अभ्यर्थी नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह, अलोक कुमार, दारोगा अभ्यर्थी नेता सनी जायसवाल, महिला सिपाही अभ्यर्थी नेता मोनिका कुमारी, आरती कुमारी, एसएससी के शकील, अभिषेक शामिल थे.
प्रदर्शन में शिक्षा और रोजगार का मुद्दा था, सरकार को छात्र-युवाओं का प्रतिनिधि मंडल बुलाकर उनसे वार्ता करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट प्रशासन ने गांधी मैदान से निकले मार्च को जेपी चौक पर ही रोक दिया. आंसू गैस के गोले दागे गए, पानी का बौछार किया गया और युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. पुलिस के हमले में कई छात्र-युवाओं के सर फट गए और कई दर्जन को बुरी तरह घायल हैं, जिन्हें पीएमसीएच व अन्य अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा. मुकुल राज व आशिफ होदा (समस्तीपुर), कन्हैया कुमार (नालंदा), दिलीप कुमार (दरभंगा), मुन्ना कुमार (भोजपुर) आदि गंभीर रूप से घायल हुए.
प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल भाकपा(माले) विधायकों पर भी लाठियां चलाईं. मार्च का नेतृत्व कर रहे विधायकों – संदीप सौरभ, अजित कुशवाहा व मनोज मंजिल के साथ-साथ समर्थन में पहुंचे विधायकों – महानन्द सिंह, गोपाल रविदास और रामबली सिंह यादव केे साथ भी प्रशासन ने बेहद अपमानजनक आचरण किया.
इस मार्च में स्कूल शिक्षक अभ्यार्थी, बैंक, अभियंता अभ्यर्थी, एलआईसी, रेलवे, सीजीएल, आईबीपीएस, दारोगा, सिपाही, होम गार्ड, कार्यपालक सहायक, बिहार एसएससी, टोला सेवक, तालीमी मरकज, विकास मित्र, गेस्ट शिक्षक, सहायक प्रोफेसर, पारा मेडिकल, सांख्यिकी स्वयं सेवक, फिजिकल शिक्षक अभ्यर्थी, सभी तरह के ठेके, मानदेय व प्रोत्साहन राशि पर काम कर रहे कर्मी आदि सभी तरह के रोजगार पाने के लिए प्रयासरत व सम्मानजनक रोजगार के लिए संघर्षरत अभ्यर्थी व संगठन इस मार्च में शामिल थे.
भाकपा(माले) ने लाठी चार्ज की कठोर निंदा की
बिहार विधानसभा चुनाव में 19 लाख रोजगार के किये गए अपने वादे से पीछे भाग रही भाजपा-जदयू सरकार के खिलाफ आइसा और इंनौस के विधानसभा मार्च पर बर्बर पुलिसिया दमन की भाकपा(माले) के राज्य सचिव कुणाल ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नीतीश जी की सरकार का पूरा चरित्र एक दमनकारी सरकार का हो गया है. वे मोदी की ही तर्ज पर अपनी तानाशाही थोप रहे हैं.
भाकपा(माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि नीतीश एक तरफ अपना जन्म दिन मना रहे हैं, तो दूसरी ओर छात्र-युवाओं पर लाठियां चला रहे हैं. अपने चरित्र के मुताबिक ही उन्होंने चुनाव में बिहार के युवाओं को 19 लाख रोजगार देने के वायदे से पलटी मार ली है. इस विश्वासघात का उन्हें जवाब देना होगा. आंदोलनों के प्रति यह तानाशाही रवैया बेहद चिंताजनक है. इस बर्बर हमले के सभी दोषी अधिकारियों पर सरकार कड़ी कार्रवई करे. भाकपा(माले) विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता भी घायलों से मिलने पीएमसीएच पहुंचे.
का. दीपंकर व तेजस्वी ने निंदा की
आइसा-इनौस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम पर पुलिस दमन की भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य व बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी पुरजोर निंदा की. का. दीपंकर ने एक ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार ने अपना 70वां जन्मदिन रोजगार की मांग कर रहे छात्र-युवाओं पर लाठी, पानी व आंसू गैस बरसाकर मनाया.