भाकपा(माले) की दो सदस्यीय टीम ने विगत 5 जनवरी 2021 को चंदौली जिले में नौगढ़ क्षेत्र के चकरघट्टा थाना क्षेत्र के भैंसोड़ा गांव का दौरा किया, जहां विगत 30-31 दिसंबर 2020 की रात दबंगों ने जमीन पर कब्जा करने की नीयत से एक मुस्लिम किसान परिवार की करीब पांच बीघे खेत में लगी गेहूं की फसल को जहरीली दवा छिड़क कर झुलसा दिया था. भाकपा(माले) टीम पीड़ित किसान परिवारों से मिलने के बाद उस खेत पर भी गई, जिसमें लगी फसल को नष्ट किया गया था.
बांध के डूब क्षेत्र की जमीन पर किसान फिरोज और उसके भाइयों के परिवार लगभग तीन दशकों से खेती करते आए हैं. इस जमीन को दूसरे गांव के कुछ दबंग कब्जाना चाहते हैं. दबंगों ने पुलिस से साठगांठ कर पहले भी उन्हें परेशान किया था. उक्त घटना में जब पीड़ित पक्ष की ओर से किसान फिरोज ने 31 दिसंबर 2020 को नामजद तहरीर दर्ज कराई तो पुलिस जांच-पड़ताल के नाम पर पीड़ितों को ही थाने उठा लाई. यही नहीं, पुलिस ने पहले उन पर मन-माफिक तहरीर लिखने का दबाव बनाया कि फसल जहरीले छिड़काव से नहीं, बल्कि मौसम की वजह से झुलसी है. मना करने पर पुलिस ने पीड़ितों को अवैध रूप से थाने में बैठा लिया और काफी समय बाद जनदबाव पर जाने दिया. घटना के छह दिन बाद भी पुलिस द्वारा रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की कोई जानकारी नहीं दी गई है. दूसरी ओर, अभियुक्तों को छुआ तक नहीं गया है और न ही किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की गई है.
टीम ने कहा कि योगी राज में अपराधियों को मिल रहे संरक्षण से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है. न्याय मिलना तो दूर, दबंगई की शिकायत करना भी आफत को न्योता देना है. उक्त घटना पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत का नतीजा है. टीम ने पीड़ित किसानों को समुचित मुआवजा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही संबंधित थाने की भूमिका की जांच की मांग की है. टीम का नेतृत्व भाकपा(माले) नेता रामकृत कोल ने किया.