विगत 5 जनवरी 2021 को जिले के नरकटियागंज में किसान महापंचायत लगाकर तीनों कृषि विरोधी काले कानून को रद्द करने की मांग की गई और मोदी सरकार के द्वारा जनता के खिलाफ छेडे गये इस युद्ध के खिलाफ देश बचाने के लिये संघर्ष का संकल्प लिया गया.
भाकपा(माले) विधायक कामरेड वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने चम्पारण व बिहार के किसानों की ब्रिटिश कम्पनी राज के खिलाफ चलने वाली ऐतिहासिक लडाइयों की याद दिलाते हुए कहा कि आज फिर देश में अडानियों-अंबानियों के कम्पनी राज के खिलाफ नई लडाई चल रही है. उन्होंने कहा कि मांग पत्र देने के बावजूद गन्ना पदाधिकारी किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान की समस्या का समाधान करने हेतु यहां नहीं जाए, उन्होंने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर (आगामी 25 जनवरी को) जिले की हर मुख्य सड़क पर मानव श्रृंखला बनाने के कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया.
किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेषवर यादव ने कहा कि चीनी मिलें विगत दो माह से अधिक समय से चल रही हैं. किसान मिलों को गन्ना की आपूर्ति कर रहे है. लेकिन आज तक गन्ना मूल्य का निर्धारण नही हो सका हैं. पटना और दिल्ली कि सरकारों की नीति कम्पनीपरस्त है. पिछले तीन सालों से गन्ना का मूल्य नही बढाया गया है. उन्होंने गन्ना मुल्य 400 रु. प्रति क्विंटल करने की मांग की. महापंचायत को किसन महासभा के जिला संयोजक सुनील कुमार राव, अखिलेश्वर राव, इंद्रदेव कुशवाहा, सुजायत अंसारी, अरुण राय, रामराज यादव, फखरूद्दीन, सुरेश दुवे, इब्राहिम मियां आदि ने संबोधित किया. 6 जनवरी से बेतिया में अनिश्चित कालीन धरना भी शुरू किया गया है.