दीघा से महागठबंधन समर्थित भाकपा(माले) प्रत्याशी का. शशि यादव के पक्ष में नागरिक सम्मेलन के साथ भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार में चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत की.
का. दीपंकर भट्टाचार्य ने विगत 6 अक्टूबर 2020 को दीघा विधानसभा, पटना के मां गायत्री आईटीआई के सामने कुर्जी मेन रोड एक नागरिक सम्मेलन को संबोधित किया. सम्मेलन में राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआईएम के जिला अध्यक्षों/सचिवों के अलावा बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया और दीघा विधानसभा से इस बार भाजपा-जदयू को खदेड़ बाहर करने तथा काॅ. शशि यादव को भारी मतों से विजयी बनाने का संकल्प लिया.
नागरिक सम्मेलन में भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता केडी यादव, दीघा से महागठबंधन समर्थित भाकपा(माले) प्रत्याशी शशि यादव, पटना जिला प्रभारी का. अमर व महानगर सचिव अभ्युदय, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, महासंघ (गोप गुट) के सम्मानित अध्यक्ष रामबलि प्रसाद, ऐपवा की महानगर सचिव अनीता सिन्हा, राष्ट्रीय जनता दल के पटना जिला अध्यक्ष देवमुनि सिंह यादव, कांग्रेस के पटना महानगर अध्यक्ष शशि रंजन यादव, भाकपा राष्ट्रीय परिषद की सदस्य निवेदिता झा, माकपा के जिला सचिव मनोज चंद्रवंशी, शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता मो. गालिब, भोजन अधिकार अभियान के रूपेश, सामाजिक कार्यकर्ता सरफराज, वाटर ऐक्टिविस्ट रंजीव, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांता खान व अशरफी सदा, कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के महासचिव प्रेमचंद सिन्हा, किसान महासभा के नेता उमेश सिंह, इनौस के राज्य सचिव सुधीर कुमार, आइसा नेता आकाश कश्यप, बिहार घरेलू कामगार यूनियन की असरीता और पन्नालाल सिंह, मुर्तजा अली, संजय यादव, अनय मेहता, राखी मेहता, विनय, आदि भाकपा(माले) नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश कुमार के अनुभव पर बहुत बात होती है. लेकिन सवाल यह है कि उनके अनुभव से बिहार को मिला क्या? उन्होंने केवल अपनी कुर्सी बचाने का काम किया. हमने देखा कि 2015 में महागठबंधन में शामिल होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्होंने फिर से हासिल की और उसके बाद भाजपा के खिलाफ मिले जनादेश के साथ विश्वासघात करते हुए उसी भाजपा से हाथ मिला लिया. इससे बड़ा विश्वासघात क्या होगा?
आज सुशील मोदी कह रहे हैं कि 2020 का जनादेश कुछ भी हो, हम सरकार बना लेंगे. हमें भाजपा के इस घमंड को तोड़ देना है. यह दिखला देना है कि बिहार तानाशाही को कभी स्वीकार नहीं करेगा. यह चुनाव तानाशाही बनाम लोकतंत्र का है. विगत 15 सालों में बिहार ने इसी तानाशाही को झेला है और अब वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.
चुनाव में मास्क का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन भाजपा अपना मास्क उतार चुकी है. वाजपेयी का मास्क उतरा तो मोदी सामने आए. अब योगी का यूपी माॅडल सामने आ गया है. यदि भाजपा चुनाव जीत जाती है तो वे वही माॅडल बिहार में भी लागू करेंगे. भाजपा दलितों-अकलियतों-गरीबों के खिलाफ दमन का राज बनाना चाहती है. वह प्रचारित करेगी कि बिहार ने कोरोना व लाॅकडाउन की असफलता पर मुहर लगा दी. प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा तक सरकार के पास नहीं है लेकिन हल्ला करेंगे कि यह सब मुद्दा ही नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र के पक्ष में रहा है और आने वाले चुनाव में वह इसे पूरी तरह से साबित कर देगा.
राजद के जिला अध्यक्ष ने कहा कि पटना की सभी सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार मजबूती से लड़ेंगे और भाजपा को पटना महानगर से खदेड़ बाहर करेंगे. उन्होंने कहा कि राजद के एक-एक कार्यकर्ता शशि यादव के प्रचार अभियान में उतरेंगे. निवेदिता झा ने कहा कि शशि यादव महिला आंदोलन की मुखर आवाज हैं और इसे विधानसभा में पहुंचना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन भाकपा(माले) व ऐक्टू के नेता जितेन्द्र कुमार ने किया.