हाथरस की झकझोर देने वाली घटना तथा महिलाओं पर लगातार बढती हिंसा की घटनाओं के खिलाफ ऐपवा, आइसा व भाकपा(माले) के बैनर तले देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार प्रतिवाद कार्यक्रम हो रहे हैं. ऐपवा महासचिव का. मीना तिवारी के नेतृत्व में बिहार के मुजफ्फरपुर, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव का. शशि यादव की अगुआई में पटना के चितकोहरा, का. लक्ष्मी कृष्णन के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के भिलाई, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. सुधा चौधरी के नेत्त्व में राजस्थान के उदयपुर तथा दिल्ली में आइसा नेताओं की अगुआई में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन हुए. उत्तर प्रदेश, प. बंगाल, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों की राजधानियो, जिला मुख्यालयों व कस्बों तक में ऐसे प्रदर्शन हो रहे हैं.
भाकपा, भाकपा(माले) और माकपा समेत वाम दलों ने गांधी जयंती पर इलाहाबाद के बालसन चौराहा स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री का पुतला फूंका. वक्ताओं ने कहा कि हाथरस की इस घटना के अलावा भी प्रदेश में बलात्कार और यौन हिंसा की घटनाओं की बाढ़ सी आई हुई है. सरकार के अपराधियों पर सख्ती के सारे दावे खोखले साबित हुए हैं. कानून व्यवस्था के सवाल पर सरकार पूरी तरह से विफल रही है.
झारखंड के रांची, जमशेदपुर, बोकारो, कोडरमा व पलामू में हाथरस में हुए जघन्य बलात्कार हत्या और साक्ष्य मिटाने के लिए आधी रात में पुलिस द्वारा लाश जलाने के खिलाफ मोदी-योगी को लांछना देते हुए और अपने पदों से त्यागपत्र की देने की मांग करते हुए ऐपवा और भाकपा(माले) ने विरोध प्रदर्शन किया. बगोदर में भी विरोध प्रदर्शन हुए.
ऐपवा द्वारा 30 सितंबर को कैम्प 2, भिलाई में हाथरस की गैंगरेप पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए लाॅकडाउन का पालन करते हुए प्रदर्शन किया गया और महामहिम राष्ट्रपति को ईमेल के जरिये ज्ञापन प्रेषित किया गया. प्रदर्शनकारियों ने हाथरस मे 19 वर्षीय महिला के साथ हुए गैगरेप और उसकी हत्या पर गहरा रोष प्रकट किया और यूपी तथा केन्द्र की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया.
प्रदर्शन के माध्यम से पीड़िता के बलात्कारियों व हत्यारों को कड़ी सजा देने, यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को बर्खास्त करने, बिना परिवार के उपस्थिति के आनन-फानन रात के अंधेरे में शव को जलाने को उत्पीड़न का मामला मान कर अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पुलिस, प्रशासन व मुख्यमंत्री पर कार्यवाही करन की मांग की और चेतावनी दी कि यूपी सरकार विरोध की आवाज न दबाए तथा आरोपियों को फर्जी मुठभेड़ में मार कर अपने अपराध पर पर्दा डालने की हरगिज कोशिश न करे.
प्रदर्शन में सावित्री महिलांग, पांचो बंजारे, नीरा डहारिया, मीना कोसरे, अंजनी कुर्रे, संतोषी यादव, तजनिन महिलांग, चंदा बंजारे, मानकुंवर जागड़े, गीता टंडन, चन्द्रिका मिरी, सुनीता महिलांग, निर्मला गायकवाड़, सरस्वती निर्मलकर, मंजू कुर्रे, राधिका बघेल, रामबाई महिलांग, आशा अड़कने, मानबाई गोस्वामी, किर्ती, उषा यादव, गिरजा बघेल, रंभा जोशी, ऐक्टू नेता अशोक मिरी, भाकपा(माले) नेता बृजेन्द्र तिवारी, सगीर अहमद, राम कृष्ण डंडारे, सुख राम बघेल आदि लोग उपस्थित थे.
झारखंड के पलामू में भाकपा(माले) और आइसा के प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए आइसा नेत्री दिव्या भगत ने कहा कि योगी राज में महिलाओं को न्याय नहीं मिलना सबसे दुखद है. मेराल की सोनम हत्याकांड में मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. कजरी के सोनाली हत्याकांड में संलिप्त अपराधी अभी भी पुलिसिया गिरफ्त से बाहर हैं. ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा भाजपा सरकार की नौटंकी बन गया है. प्रतिवाद प्रदर्शन में भाकपा(माले) नेता पवन विश्वकर्मा, अशोक राम, संजय राम, सुगंती देवी, रेखा देवी, आइसा के पंकज तिवारी, अजय रजक, दशरथ कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे.
30 सितंबर 2020 को कोडरमा जिला के जयनगर प्रखंड के अंतर्गत पिपचो चौक पर कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया जिसमें भाकपा(माले) के जिला सचिव मो. इब्राहिम, आरवाईए नेता कोलेश्वर राणा, आइसा नेता सलीम अंसारी, भाकपा(माले) के जयनगर प्रखंड सचिव अशोक यादव, सुरेंद्र सिंह, खुर्शीद आलम, चांद अख्तर, असगर अंसारी, अजमत अंसारी, महफूज आलम, इलियास अंसारी, मुन्ना सिंह, अब्दुल अंसारी आदि शामिल हुए.
बेगुसराय में छात्र संगठन आइसा ने शहर के अम्बेदकर चौक पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया. कार्यक्रम में आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद, जिला अध्यक्ष अजय कुमार, सोनू फर्नाज, प्रशांत कश्यप, राजा पटेल, फहीम आलम, रौशन देव, संकेत कुमार, अंकित कुमार, सन्नी गुप्ता, जय प्रकाश सहित दर्जनों छात्र शामिल हुए. जिले के बलिया प्रखंड में कैंडिल मार्च निकाला गया. बिहार के पूर्णिया जिले के रूपौली व धमदाहा में विरोध प्रदर्शन किया गया.
सिवान के दरौली में ऐपवा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर मनिषा वाल्मिकी के हत्यारों-बलात्कारियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई. आरा बस स्टैंड पर आइसा द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन करने के बाद सभा आयोजित की गई जिसे आइसा के बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार ने संबाधित किया. प्रतिरोध सभा में आइसा जिला सचिव रंजन कुमार, भाकपा(माले) नगर सचिव दिलराज प्रीतम, चंदन कुमार, सह सचिव सुशील यादव, अंशु राज, चंदन कुमार, राजेश, सूरज, अनमोल मौर्य, संदीप, गौतम आदि शामिल थे.