अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर किसान आंदोलन के अगले संघर्ष और अभियान की घोषणा की गई है. प्रेस वार्ता को समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह, स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव हन्नान मौलाह, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा और अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव सत्यवान ने संबोधित किया.
कृषि संबंधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ 25 सितम्बर को सफल अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस/भारत बंद के बाद 28 सितम्बर को शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर दसियों हजार स्थानों पर किसान आंदोलन को मांगों की पूर्ति तक आंदोलन चलाने का संकल्प लिया गया. कर्नाटक राज्य में 28 सितम्बर को 3 कृषि कानूनों और 4 श्रम कोडों के खिलाफ सम्पूर्ण बन्द रहा. इन कार्यक्रमों में किसानों की व्यापक भागीदारी हुई.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर को भारत के किसान यह संकल्प लेंगे कि हम उन राजनीतिक नेताओं और जनप्रतिनिधियों का ‘सामाजिक बहिष्कार’ करेंगे जिनकी पार्टियों ने इन काले कृषि कानूनों का संसद में विरोध नहीं किया है. उस दिन सभी गांवो में किसानों एवं अन्य पीड़ित वर्गों की बैठक कर केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे.
14 अक्टूबर को देश भर की मंडियों, तहसीलों में किसान पहुंचेंगे. उस दिन को ‘एमएसपी अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा और केन्द्र सरकार के इस झूठे प्रचार का भंडाफोड़ किया जायेगा कि वह डा. स्वामीनाथन कमीशन के आधार पर निम्नतम समर्थन मूल्य दे रही है.
इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन और अभियान चलाते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 26-27 नवम्बर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है. एआइकेएससी ने कहा है ‘‘इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा किसानों की भागीदारी होगी, ताकि केन्द्र सरकार कृषि संबंधी इन काले कानूनों को वापस लेने पर मजबूर किया जा सके. क्योंकि ये कानून भारत के किसानों की जिन्दगी पर अमानवीय हमला कर उनका भविष्य बर्बाद करने वाले हैं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति तब तक आराम नहीं करेगी, जब तक भारत के किसान इस संघर्ष में जीत हासिल नहीं कर लेते हैं. हम लोग लड़ेंगे और हम जीतेंगे!’
पंजाब के लगभग 31 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने 29 सितम्बर 2020 को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होकर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह और पंजाब किसान यूनियन के सचिव कामरेड गुरुनाम सिंह ने भी इस बैठक में भाग लिया.
मुख्यमंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर विधानसभा का सत्रा बुलाकर तीन कृषि अधिनियम और विजली बिल 2020 अधिनियम को निरस्त कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद किसान संगठनों की एक बैठक किसान भवन में हुई. किसान नेताओं ने बैठक में निर्णय लिया कि रेल रोको कार्यक्रम को पूरे जोश के साथ लागू किया जाएगा. ग्रामीण ग्राम पंचायतों का सामान्य अधिवेशन मे कृषि अधिनियम को रद्द करने और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के ‘सामाजिक बहिष्कार’ के प्रस्ताव पारित किये जाएंगे. किसान संगठनों ने लोगों से अपील की कि वे अंबानी-अडानी उत्पादों और रिलायंस फोन का इस्तेमाल न करें और रिलायंस पंप से तेल न लें.