27 अगस्त को रांची में ‘हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो’, ‘राहत पैकेज कंपनियों को नहीं, गरीब मजदूरों को देना होगा’, ‘सभी गरीबों को राशन, राहत और रोजगार की गारंटी दो’ नारों के साथ भाकपा(माले) ने भारी बारिश के बावजूद ‘मजदूर बचाओ रैली’ निकाली. सभी कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय से रैली निकालकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और वहां शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सभा आयोजित की. भाकपा(माले) के केंद्रीय कमेटी सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा कि ने केंद्र की गरीब कल्याण योजना और राज्य सरकार की रोजगार देने की घोषणा नाकाम साबित हुई हैं. गरीब कल्याण योजना की घोषणा लाॅलीपाॅप के सिवा कुछ भी नहीं है. लाॅकडाउन से त्रस्त गरीब मजदूरों को रोजगार और राशन उपलब्ध कराने में केंद्र और राज्य की सरकारें पूरी तरह विपल रही हैं. केंद्र सरकार मजदूरों के बजाय कंपनियों को राहत पैकेज देना बंद करे.
पार्टी जिला सचिव भुनेश्वर केवट ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के नाम पर मजदूरों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है; सरकार गरीब मजदूरों की बजाय कंपनियों पर ज्यादा मेहरबान है. केंद्र सरकार कोरोना आपदा को आपातकाल की तरह इस्तेमाल करना बंद करे.
सभा को माले नेता अजबलाल सिंह, मिथलेश तिवारी, एनामुल हक, भीम साहू, ऐती तिर्की, सरिता तिग्गा, विश्वनाथ पंडित, राम कुमार लोहरा, शांति सिंह निषाद, तस्लीम, एलिशबा भेंगरा समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया.