गोरखपुर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 17-वर्षीय दलित किशोरी के साथ सामुहिक बलात्कार की घटना को लेकर 17 अगस्त को इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में तीन-सदस्यीय टीम ने दौरा किया और पीड़िता के परिजनों से भेंट की.
पीड़िता के मामा बांसगांव बडावन निवासी दिनेश (बदला हुआ नाम) से मुलाकात हुई. बातचीत में दिनेश कुमार ने बताया कि 14 अगस्त शुक्रवार की रात 8:30 बजे दिनेश, उसकी बहन और बहनोई बिजली कट जाने के कारण छत पर बैठकर खाना खा रहे थे. पीड़िता तीनों लोगों को खाना देकर नीचे 10 कदम पर सरकारी हैंडपंप से पानी लेने चली गई. वहीं से 6 लोग, जिनमें से 2 लोगों को पीड़िता पहचानती है और बाकी चार लोग नकाब लगाए हुए थे, पीड़िता का मुंह बंद करके उसे मोटरसाइकिल से देवसा माता मंदिर के खंडहर में ले गए. उनलोगों ने रात भर दुष्कर्म किया और सिगरेट से कई जगह उसके शरीर को जला भी दिया. सुबह आठ बजे उस परिवार को जानने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि आपकी बेटी मंदिर के पास बेहोश पड़ी हुई है. उधर पीड़िता के पिता और मामा दोनों उसे अन्य जगहों पर ढूंढ रहे थे. पीड़िता के मामा ने बताया कि अभी एक महीने पहले उसके बहनोई ने यह कमरा किराए पर लिया था. जिस ईंट भट्ठे पर रघुपति (बदला हुआ नाम) काम करता था, बरसात में वहां पानी भर जाने के चलते यह कमरा किराए पर लेना पड़ा. शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन के चलते चौराहा सुनसान हो गया था. भाई व बहनों में सबसे बड़ी पीड़िता ही है जिसकी उम्र 17 साल है और वह दलित परिवार से आती है. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकी अपराधी अभी पकड़ से बाहर हैं.
टीम जब उस गांव में पहुंची तो पता चला कि पीड़िता को पूछताछ के नाम पर पुलिस ने 12 घंटे तक न सिर्फ थाने में बैठाये रखा, बल्कि उसको इलाज भी नहीं मुहैया कराया गया, जबकि उसके शरीर को कई जगह सिगरेट से जलाया गया था. पुलिस ने 24 घंटे बाद उसका मेडिकल कराया.
जांच टीम ने कहा कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का जिला है और यहां भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. पूरे प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटनाओं की बाढ़ आई हुई है. प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है और अपराधियों-दबंगों का दबदबा कायम हो गया है. सत्ता संरक्षित अपराधी आश्वस्त होकर दलितों, महिलाओं और कमजोर वर्गों पर जुल्म ढा रहे हैं.
आरवाइए प्रदेश अध्यक्ष के अलावा टीम में ऐपवा की बिंदु देवी, भाकपा(माले) के लोकल कमेटी सदस्य चन्द्रिका प्रसाद भी शामिल थे.