वर्ष - 29
अंक - 36
22-08-2020

आजमगढ़ में दलित प्रधान की हत्या, दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर जारी हिंसक हमलों और सत्ता संरक्षित पुलिस-अपराधी गठजोड़ के विरुद्ध भाकपा(माले) की आजमगढ़ इकाई के आह्वान पर 19 अगस्त को पूरे जिले में विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया.

14 अगस्त को तरवां थाना स्थित बासगांव के दलित प्रधान सत्यमेव जयते की सामंतों ने घर से बुला कर हत्या कर दी थी. उनका अपराध केवल यह था कि दलित होने के बावजूद वे सवर्ण सामंतों के इशारे पर न चलकर स्वतंत्र रूप से निर्णय करते थे. हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस चौकी का घेराव कर दिया. पुलिस से झड़प हुई और सीओ, लालगंज (आजमगढ़) ने अपनी गाड़ी भीड़ की तरप बढ़वा दी और परिणामस्वरूप एक 12 वर्षीय बालक की मौत हो गई.

भाकपा(माले) नेता सुदर्शन के नेतृत्व में एक तीन-सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिजनों व ग्रामीणों से बातचीत की. तत्पश्चात हत्या, सामंती दबंगई और पुलिस-अपराधी गठजोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया.

विरोध प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ माले नेता जयप्रकाश नारायण ने कहा कि दलित होने के बावजूद सवर्ण सामंतों के सामने न झुकना ही प्रधान की हत्या का कारण बन गया. उन्होंने यह भी कहा कि जिले में दबंग अपराधी बेखौप होकर हिंसा कर रहे हैं और उनके विरुद्ध कहीं कोई कार्रवाई नहीं दिखती. माले नेता ने कहा कि आजमगढ़ और पूरे प्रदेश में मापियाओं-अपराधियों का राज चल रहा है. योगी शासन और उनकी पुलिस खुल्लमखुल्ला अपराधियों का पक्ष ले रही है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा जैसी विपक्षी पार्टियां सत्ता के सामने घुटने टेक चुकी हैं. उन्होंने दलितों गरीबों से निडर होकर प्रतिरोध में उतरने की अपील की.

राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन में बासगांव प्रकरण में मृत प्रधान के आश्रितों को कम से कम दस लाख रुपये बतौर मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, बोंगरिया पुलिस चौकी पर प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गाड़ी चलाने वाले सीओ के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करने. उक्त बच्चे के परिजनों को कम से कम दस लाख रुपये बतौर मुआवजा देने, जिले भर में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाप हो रही हिंसा पर रोक लगाने, पुलिस-अपराधी-राजनेता गठजोड़ की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने और सभी हत्यारों को (एक को छोड़कर बाकी अभी भी गिरफ्तार नहीं हैं) तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गई.

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