वर्ष - 29
अंक - 31
31-07-2020

30 जुलाई को ‘पहले जान फिर चुनाव’ ट्विटर हैशटैग के साथ राजनीतिक दलों, शिक्षक-कर्मचारी संघटनों के कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी के लोगों ने ट्विटर पर चुनाव की बजाय लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता देने का अभियान चलाया. बिहार में यह ट्रेंड नम्बर एक पर रहा.

इस ट्विटर अभियान में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डा. मनोज झा, महिला नेता का. कविता कृष्णन, आइसा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे, वर्तमान महासचिव संदीप सौरभ सहित कई नेताओं ने भाग लिया और ट्वीट किया.

महासंघ (गोप गुट) से जुड़े शिक्षकों, कर्मचारियों और सिविल सोसाइटी ने भी अभियान में हिस्सा लिया.

माले महासचिव ने कहा कि आज का हैशटैग बिहार में नम्बर एक पर रहा है. पूरा बिहार कह रहा है कि अभी लोगों की जिंदगी बचाना प्राथमिक कार्यभार होना चाहिए. हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग बिहार की जनता की आवाज को सुनेगा और आम लोगों के पक्ष में सही निर्णय लेगा.

मनोज झा ने कहा कि बिहार में किसी भी प्रकार का नियोजन अवरुद्ध है. बेरोजगारी चरम पर है. कई हजार कर्मियों का भुगतान नहीं हुआ. कोरोना काल में हर अस्पताल बीमार है, लोग खौफजदा हैं. ऐसे में पहले जान फिर चुनाव !