अपहरण, हत्या तथा दलितों, आदिवासियों व महिलाओं के उत्पीड़न व जंगल राज के खिलाफ और डाक्टर कफील खान की रिहाई तथा आंदोलनकारियों, समाजसेवियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए वाम दलों के नेतृत्व में 4 अगस्त को प्रदेशव्यापी आंदोलन व प्रतिवाद किया गया. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधान सभा के सामने माकपा राज्य कार्यालय के प्रांगण में वाम दलों ने संयुक्त धरना देकर राष्ट्रपति व राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया. धरने को भाकपा(माले) राज्य सचिव सुधाकर यादव, माकपा राज्य सचिव हीरालाल यादव सहित वाम दलों के अन्य नेताओं ने संबोधित किया.
इस मौके पर सुधाकर यादव ने कहा कि मोदी सरकार संविधान को दरकिनार करके एक धर्म विशेष के कार्यक्रम राममंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं. बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना, 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से संबंधित धारा-370 को हटाना धर्मनिरपेक्षता व संघीयता पर हमला था. और अब, शिलान्यास में मोदी की भागीदारी ने देश में संविधान के समक्ष खुली चुनौती पेश की है. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर आई योगी सरकार अपराधियों, बलात्कारियों का संरक्षण कर रही है. उसे सत्ता में बने रहने का हक नहीं है.
माकपा राज्य सचिव ने कहा कि यूपी में फर्जी मुठभेड़ें खूब हो रही हैं. अपराध नियंत्रण के नाम पर तमाम अपराधियों को जेल भेजा जा रहा है, फिर भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून-व्यवस्था पर अपना नियंत्रण खो बैठी है, जबकि बेहतर कानून-व्यवस्था देने के वादे के साथ यह सत्ता में आई थी. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं.
लखनऊ के अलावा बनारस, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, इलाहाबाद, बलिया, पीलीभीत, मथुरा, मुरादाबाद, सीतापुर, जालौन, बस्ती, गोंडा आदि जिलों में संयुक्त रूप से कार्यक्रम करते हुए राष्ट्रपति व यूपी राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया गया. सोनभद्र में भाकपा(माले) व भाकपा; मिर्जापुर में भाकपा(माले), भाकपा व माकपा; चंदौली में भाकपा(माले) व माकपा; भदोही जिले में भाकपा(माले) व माकपा और देवरिया, महराजगंज, लखीमपुर खीरी तथा गोरखपुर में भाकपा(माले) ने प्रतिवाद कार्यक्रम करते हुए ज्ञापन भेजे. इसके अलावा भाकपा(माले) ने कई जिलों में तहसील, गांव व पार्टी ब्रांच स्तर पर भी प्रतिवाद संगठित किए.