चंदौली जिले में अपराधी-पुलिस गठजोड़ के खिलाफ माले-ऐपवा ने सदर स्थित बिछिया धरनास्थल पर 27 जुलाई को धरना शुरू किया. जुलाई महीने की शुरुआत में चकिया में आपराधिक रिकाॅर्ड वाले दबंग जिला पंचायत सदस्य महेंद्र राव ने अपने गुर्गों से खेग्रामस नेता के परिवार की दो महिलाओं की घर पर चढ़कर पिटाई कराई. तहरीर में नाम होने के बावजूद चकिया पुलिस ने महेंद्र राव व उसके संगी संजय का नाम एफआईआर से हटा दिया. मुख्य अभियुक्तों ने पुलिस से गठजोड़ कर पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने के लिए प्रार्थिनी रजवंती देवी के बेटे के खिलाफ छेड़खानी की एफआईआर दर्ज करा दी और गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने लगा. एक अन्य घटना में अलीनगर थानाक्षेत्र के बिलारीडीह गांव के मनोज बिंद की हत्या के 25 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और अपराधियों को आजाद छोड़ दिया गया.
इन घटनाओं में न्याय की मांग पर शुरू किये गए धरने को माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अपराधियों का प्रदेश बनता जा रहा है. बिलारीडीह व चकिया (गायघाट) की घटनाएं बता रही हैं कि चंदौली पुलिस कार्रवाई करने और अपराधियों को सजा दिलाने की जगह उन्हें बचाने में जुटी हुई है. जिला सचिव अनिल पासवान ने कहा कि जब तक महेंद्र राव का नाम एफआईआर में शामिल नहीं हो जाता और मनोज बिंद के हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं होती, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.
धरने में कामरेड रामदुलार बिन्द, अनीता, मेहंदी हसन, विदेशी राम, रजवंती देवी, ठाकुर प्रसाद, योगेंद्र प्रसाद, तिलकधारी बिंद सहित तमाम लोग मौजूद रहे. धरना स्थल पर जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के बतौर पहुंचे नायब तहसीलदार सदर द्वारा 30 जुलाई तक कार्यवाही करने के आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया गया.